ग्रेटर फरीदाबाद की सोसायटी में रहने वाले बुजुर्ग को मिला न्याय का पहला पायदान, लापरवाह पुलिस ने एक माह दर्ज की FIR
ग्रेटर फरीदाबाद में एक बुजुर्ग पर बेसबॉल के डंडे से हमले का मामला एक महीने बाद दर्ज हुआ। पीड़ित जितेंद्र गुप्ता ने बताया कि सोसायटी में टहलते समय एके सोनी ने उन पर हमला किया और धमकी दी। घायल होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है और पीड़ित ने सुरक्षा की गुहार लगाई है।

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। आखिरकार, ग्रेटर फरीदाबाद की सोसायटी में रहने वाले एक बुजुर्ग पर बेसबॉल के डंडे से हमला करने का मामला एक माह बाद दर्ज हो ही गया। बीते एक महीने से पीड़ित थाने के चक्कर काट रहे थे। वे अपने साथ हुए अन्याय का जवाब मांग रहे थे। वे हमलावर को उसके अपराध के लिए दंडित करना चाह रहे थे। मगर पुलिस का लापरवाह रवैया उन्हें और जयादा पीड़ा देता रहा।
पुलिस आयुक्त कार्यालय तक के काटे चक्कर
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार, बुजुर्ग लगातार पुलिस आयुक्त कार्यालय सहित खेड़ी पुल थाने के चक्कर लगाते रहे लेकिन सुनवाई नहीं हो रही थी। अब मामला दर्ज होने के बाद पीड़ित ने राहत की सांस ली है। वह इस मामले में न्याय चाहते हैं, जिसपर पर उनका अधिकार है।
बेसबॉल के डंडे से किए वार पर वार
सेक्टर-87 के साईं पार्क अपार्टमेंट में रहने वाले जितेंद्र गुप्ता ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह पत्नी के साथ रहते हैं। 16 जून को वह सोसायटी परिसर में टहल रहे थे। नर्सरी के पास पहुंचे तो वहीं के रहने वाले एके सोनी ने उन पर हमला कर दिया। आरोपित के पास बेसबॉल का डंडा था।
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अस्पताल में होना पड़ा भर्ती
इससे उनके सिर, कान व शरीर के अन्य हिस्सों में चोट लगी। आरोपित ने उन्हें धमकी भी दी। आरोपित ने सोसायटी में रहने वाले एक व्यक्ति का नाम लेते हुए कहा कि यदि उसे परेशान करोगे तो हमला फिर से किया जाएगा।
हमले से घायल होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद वह मामला दर्ज कराने गए तो पुलिस ने सुनवाई नहीं की। उन्होंने पुलिस से मांग की है कि उन बुजुर्ग दंपती की सुरक्षा की जाए। उनकी जान को खतरा बना हुआ है।
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पुलिस अब भी नहीं समझ रही जिम्मेदारी
मगर पुलिस ने बुजुर्ग को न्याय दिलाने के बजाय टहलाना पसंद किया। शासन से कई बार आदेश आया है कि एफआईआर दर्ज करने में देरी नहीं होनी चाहिए। फिर भी पुलिस अपनेे कार्य व्यवहार को सुधारना नहीं चाहती। वह अपनी इसी आदत से मजबूर होकर बुजुर्ग को थाने के चक्कर कटवाते रहे। अंतत: उन्हें जीत मिली। वे हमलावर के खिलाफ मुक़दमा दर्ज कराने में कामयाब हो गए।
अब पुलिस मामले की जांच कर रही है कि यह हमला क्यों किया गया और किसके कहने पर किया गया था?
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