भाजपा बनाम भाजपा के संघर्ष में लटका सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव, दो खेमों में चल रही राजनीतिक जंग
फरीदाबाद नगर निगम में सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चयन के लिए बुलाई गई बैठक पार्षदों के दो खेमों में बंटे होने के कारण अधर में लटक गई। भाजपा में बहुमत होने के बावजूद केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर और मंत्री विपुल गोयल-राजेश नागर के खेमों में सहमति नहीं बन पाई। पर्यवेक्षक कृष्ण लाल पंवार ने रायशुमारी की लेकिन गतिरोध जारी रहा।
सुशील भाटिया, फरीदाबाद। सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर का चयन होने के लिए चार महीने बाद सोमवार को नगर निगम की बैठक का मुहुर्त निकला। उसमें भी सुबह से शुरू हुई चयन की प्रक्रिया दोपहर बाद तक पूरी न हो सकी।
दो खेमों में बंटे दिखे पार्षद
नगर निगम में भाजपा का स्पष्ट बहुमत होने के बावजूद दोनों पदों के लिए चुनाव नहीं हो सका। नगर निगम के कुल 46 वार्ड हैं। दो मार्च को हुए चुनाव व 12 मार्च को मतगणना के बाद भाजपा ने 39 सीटों पर कब्जा किया था। छह सीटों पर निर्दलीय और एक पर कांग्रेस ने कब्जा किया था।
इस तरह 39 वार्ड पार्षद होने के बावजूद भाजपा चार महीने से दोनों पदों पर चयन नहीं करा सकी और अब सोमवार को इसके लिए बैठक बुलाई भी गई तो पार्षद दो खेमों में बंटे नजर आए।
यह भी पढ़ें- Gurugram News: 11 अगस्त को होगी नगर निगम सदन की बैठक, वित्त एवं संविदा कमेटी का होगा गठन
खेमे का मुखिया कौन?
एक खेमा केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर का है, जिसमें उनके साथ बड़खल, एनआईटी व बल्लभगढ़ के विधायकों संग इन विस क्षेत्रों के पार्षद हैं। दूसरा खेमा प्रदेश के स्थानीय स्वशासन मंत्री विपुल गोयल व खाद्य एवं आपूर्ति राज्य मंत्री राजेश नागर का है।
चुनाव के लिए प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कृष्ण लाल पंवार भी पर्यवेक्षक के रूप में आज फरीदाबाद में हैं और सुबह से भाजपा जिला मुख्यालय सेक्टर-15 में डेरा डाले हुए हैं।
क्यों अटक गई चुनाव प्रक्रिया
सोमवार सुबह 11 बजे नगर निगम के कान्फ्रेंस हाल में बड़खल, एनआईटी व बल्लभगढ़ के विधायकों क्रमश: धनेश अदलखा, सतीश फागना व मूलचंद शर्मा अपने विस क्षेत्र के पार्षदों संग पहुंच गए थे।
कुछ देर बाद केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर भी पहुंच गए, पर काफी देर तक भी मेयर प्रवीन जोशी, कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल व राज्य मंत्री राजेश नागर नहीं पहुंचे तो चुनाव लटकना शुरू हो गया।
विपुल गोयल फरीदाबाद विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं और राजेश नागर तिगांव विस क्षेत्र से विधायक हैं। यह दोनों मंत्री नहीं आए थे।
हालांकि, इन दोनों मंत्रियों के न पहुंचने से बैठक पर कोई असर नहीं पड़ना था, पर उनके क्षेत्र के वार्ड पार्षद भी बैठक में नहीं पहुंचे थे।
साथ ही, मेयर प्रवीन जोशी भी बैठक में नहीं थीं, जिनको प्रोटोकाॅल के तहत बैठक की अध्यक्षता करनी थी। इसलिए मामला लटका हुआ है।
यह भी पढ़ें- मानेसर नगर निगम के सीनियर डिप्टी मेयर बने प्रवीन यादव और डिप्टी मेयर बनीं रीमा दीपक चौहान, जानें सबकुछ
समझें चुनाव में आने वाली समस्या
सदन में बहुमत होने के बावजूद चुनाव का मामला इसलिए लटका क्योंकि दोनों खेम अपनी-अपनी पसंद का सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर बनवाना चाहते हैं। साथ ही सबसे महत्वपूर्ण फाइनेंस कमेटी है, जिसमें पांच में से दो वार्ड पार्षद सदस्य होते हैं।
केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर की सीनियर डिप्टी मेयर के पद के लिए अजय बैसला हैं और डिप्टी मेयर के लिए रवि भगत का नाम है, जबकि विपुल-राजेश की जोड़ी को अजय बैसला के नाम पर आपत्ति है। इस जोड़ी ने विनोद भाटी का नाम आगे किया था।
सूत्रों के अनुसार इस जोड़ी को यह भी आपत्ति है कि अगर सीनियर डिप्टी मेयर का पद नहीं मिलता तो कम से कम डिप्टी मेयर तो उनकी पसंद का हो। साथ ही फाइनेंस कमेटी में भी उनके वार्ड के पार्षदों को जगह मिले। इस कारण से चुनाव लटक गया।
पर्यवेक्षक ने की रायशुमारी
चुनाव सर्वसम्मति से न होता देखकर पर्यवेक्षक के रूप में आए कृष्णपाल पंवार ने सभी विधायकों के विस क्षेत्र के पार्षदों को अलग-अलग बुलाकर रायशुमारी की। दोपहर तक यह प्रक्रिया जारी थी।
यह भी पढ़ें- फरीदाबाद में पहले विकास कार्यों की गुणवत्ता जांचेंगे फिर होगा भुगतान, विशेष जांच कमेटी बनाई
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।