Dabba Cartel Review: ड्रग्स की दुनिया में उतरी सास-बहू की जोड़ी, जुर्म में होगी जीत या बर्बादी; पढ़े रिव्यू
ड्रग्स माफिया की दुनिया को दिखाने वाली एक सीरीज डब्बा कार्टेल नेटफ्लिक्स (Dabba Cartel) पर रिलीज हुई है। इसमें सास शबाना आजमी और बहू शालिनी पांडे की कहानी को दिखाया गया है जिनकी जिंदगी किचन से जुर्म की दुनिया में पहुंच जाती है। अगर आप इस वेब सीरीज को देखने की योजना बना रहे हैं तो पहले रिव्यू जरूर पढ़ लें।

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। डब्बा वाले खाना पहुंचाने का काम करते हैं। मुंबई से लेकर दिल्ली जैसे शहरों में घर-घर खाना पहुंचाने का काम अनेक लोग करते हैं। खाने के डिब्बे में गांजा या ड्रग्स जैसी चीजें सप्लाई होती है, ये सावधान इंडिया टाइप सीरियल में जरूर देखा होगा। ड्रग्स माफिया पर आधारित अलग-अलग फिल्में बन चुकी हैं, लेकिन ज्यादातर में ड्रग्स पेडलर पुरुष होता है, लेकिन शबाना आजमी स्टारर वेब सीरीज डब्बा वाले में महिलाओं की कहानी दिखाई गई है, जो अपनी किसी मजबूरी के चलते इस बिजनेस का हिस्सा बन जाती है। सीरीज देखने लायक है या नहीं, इसका फैसला आप रिव्यू (Dabba Cartel Review) पढ़ने के बाद खुद कर पाएंगे।
डब्बा कार्टेल की कहानी क्या है?
सीरीज एक ऐसी अनोखी कहानी से आपको अवगत कराने का काम करती है, जिसमें ठाणे की कुश महिलाएं अपने अस्तित्व के लिए लड़ती नजर आती हैं। आमतौर पर कहा जाता है कि सपनों का बोझ अपने कंधों पर ही अच्छा लगता है, लेकिन सीरीज में एक हाउस वाइफ राजी (शालिनी पांडे) अपने पति के विदेश जाने के सपने को पूरा करने की भागदौड़ में जुट जाती है। इसके लिए वह अपना खाना बनाने का बिजनेस करती है, जिसे साधारण शब्दों में खाने का डब्बा भेजने का काम भी कहा जाता है। इसमें उसकी मदद उसकी तेजतर्रार नौकरानी माला (निमिषा सजयन) करती हैं। कहानी में बड़ा ट्विस्ट आता है, जब वह अपने ब्वॉयफ्रेंड संतोष की कहने या ब्लैकमेल करने की वजह से डब्बे में गांजा सप्लाई करना शुरू कर देती है। शुरुआत में, तो उसकी मालकिन को इसकी जानकारी नहीं होती है, लेकिन फिर वह पति के सपने को पूरा करने के लिए इस गेम में कूद पड़ती है।
डब्बा कार्टेल सीरीज में महिलाओं का सफर बिजनेस या मुनाफे तक सीमित नहीं रहता है, बल्कि इसमें रोमांच और खतरा भी बढ़ता जाता है। कहानी में एक बड़ा ट्विस्ट उस समय आता है, जब इस खेल की पुरानी खिलाड़ी राजी की सास शीला यानी शबाना ड्रग्स सप्लाई के गेम में वापसी करती है और अपनी बहू और उसके साथियों की मदद करने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठा लेती है।
ये भी पढ़ें- Dabba Cartel on OTT: ड्रग्स के कारोबार में डूबीं सास-बहू, ओटीटी पर कहां देखें शबाना-ज्योतिका की वेब सीरीज?
Photo Credit- Instagram
कहानी में जुड़ते हैं ये रोचक किरदार
सीरीज में आगे बढ़ने के बाद रोमांच और खतरा डबल होता चला जाता है। इसके साथ ही, कई अन्य दिलचस्प किरदार भी जुड़ते हैं। इसमें जिशु सेनगुप्ता (खतरनाक फार्मा कंपनी 'वाइवाइफ' का बॉस), भूपेंद्र जदावत (विदेश में ट्रांसफर पाने का सपना देखने वाला युवा अधिकारी), गजराज राव (शातिर जांच अधिकारी), सई तम्हंकर (तेजतर्रार पुलिस अफसर), सुष्मिता मुखर्जी (चालाक पड़ोसन), लिलेट दुबे (साउथ बॉम्बे की तेज महिला) और कई गैंगस्टर्स भी शामिल हो जाते हैं। 7 एपिसोड की इस सीरीज के ज्यादातर एपिसोड करीब 50 मिनट के है। शुरुआत में तो लगता है कि वे इस बिजनेस को थोड़े पैसे कमाने के बाद छोड़ देंगी, लेकिन धीरे-धीरे इस दलदल में फंसती जाती हैं। इससे आगे की कहानी जानने के लिए आपको नेटफ्लिक्स पर जाना होगा, जिससे आपकी एक्साइटमेंट भी कम नहीं होगी। हालांकि, सीरीज को देखने का मकसद हमने यहां जरूर आपको बता दिया है।
एक्टिंग और डायरेक्शन
किसी भी सीरीज या फिल्म में एक्टिंग का अहम महत्व माना जाता है। अगर कहानी 19-20 हो, तो एक बार फिर भी चल जाता है, लेकिन कलाकारों का अभिनय डगमगाना सही नहीं माना जाता है। डब्बा कार्टेल में शबाजना आजमी का दमदार अवतार देखने को मिला है और उनका काम सराहना के काबिल है। शालिनी पांडे ने भी राजी के किरदार के साथ न्याय किया है और तमाम जरूरतों को बखूबी पूरा किया है। निमिषा ने एक नौकरानी की भूमिका को बेहतरीन ढंग से निभाया है। इसके अलावा, सीरीज में साई तम्हंकर ने पुलिस अफसर के किरदार से ध्यान खींचा है। इतना ही नहीं, उन्होंने अपनी बेस्ट परफॉर्मेंस दी है। गजराज राव ने इतनी सारी एक्ट्रेस के बीच भी अपने काम की छाप छोड़ दी है।
हितेश भाटिया ने बतौर डायरेक्टर अच्छा काम किया है। सीरीज को थोड़ा और बेहतर बनाया जा सकता था। खैर, कुल मिलाकर आप इस सीरीज को देख सकते हैं और हम इसे 2.5 स्टार की रेटिंग दे रहे हैं।
ये भी पढ़ें- Friday Release: थिएटर्स से लेकर OTT तक, हाउसफुल रहेगा फ्राइडे, रिलीज होंगी ये नई फिल्में-सीरीज
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।