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    Sympathy For The Devil Review: रात का अंधेरा, सुनसान सड़क और दो किरदारों ने बांधा कहानी का सस्पेंस

    By Manoj VashisthEdited By: Manoj Vashisth
    Updated: Fri, 29 Sep 2023 08:16 PM (IST)

    Sympathy For The Devil Review रोड थ्रिलर फिल्मों की खास बात इनकी कहानी की अवधि होती है जो कुछ घंटों की रहती है। इसी वजह से रोमांच का मात्रा जबरदस्त होती है। अगर बढ़िया कहानी को बेहतरीन कलाकारों का साथ मिल जाए तो नतीजा अच्छा रहता है और एक तेज रफ्तार फिल्म देखने को मिलती है। सिम्पैथी फॉर द डेविल कसी हुई थ्रिलर है।

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    सिम्पैथी फॉर द डेविल रिलीज हो गयी है। फोटो- स्क्रीनशॉट

    नई दिल्ली, जेएनएन। Sympathy For The Devil Review: निकोलस केज स्टारर साइकोलॉजिकल थ्रिलर फिल्म सिम्पैथी फॉर द डेविल अमेरिका में इसी साल जुलाई में रिलीज हुई थी। भारत में यह फिल्म अब ओटीटी प्लेटफॉर्म लायंसगेट प्ले पर स्ट्रीम की गयी है।

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    एक घंटा 26 मिनट अवधि की फिल्म को को ओटीटी प्लेटफॉर्म पर ए सर्टिफिकेट के साथ उतारा गया है और सिर्फ अंग्रेजी भाषा में उपलब्ध है। सिम्पैथी फॉर द डेविल तेज रफ्तार रोड थ्रिलर फिल्म है, जिसकी पूरी कहानी एक कार में सफर के दौरान घटती है। यह सीमित किरदारों वाली फिल्म है। कुछ अतिरिक्त किरदार भी हैं, मगर उनकी भूमिका बेहद मामूली है।

    फिल्म का सारा एक्शन, सस्पेंस और थ्रिल इन दोनों किरदारों के बीच बातचीत और भावनाओं के आदान-प्रदान से निकलता है। इस लिहाज से सिम्पैथी फॉर द डेविल बांधे रखती है। हालांकि, फिल्म का क्लाइमैक्स हल्का रह गया है।

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    क्या है सिम्पैथी फॉर द डेविल की कहानी?

    फिल्म की कथाभूमि अमेरिका के लास वेगास शहर की सड़कें हैं और कहानी दो किरदारों ड्राइवर और पैसेंजर पर आधारित है। पैसेंजर के किरदार में निकोलस केज हैं, जबकि जोएल किनमैन ड्राइवर डेविड चैम्बरलेन के रोल में हैं। हालांकि, ड्राइवर की यह पहचान भी पक्की नहीं है।

    डेविड की पत्नी प्रेग्नेंट है। देर शाम अपने बेटे को उसकी दादी के घर छोड़कर डेविड अस्पताल पहुंचता है, जहां पत्नी डिलीवरी के लिए भर्ती है।

    अस्पताल की पार्किंग में जब डेविड होने वाले बच्चे और मां के लिए सामान लेकर निकलने वाला होता है, तभी एक अतरंगी दिखने वाला शख्स कार में आकर बैठ जाता है। डेविड उससे कहता है कि उसकी कार कैब नहीं है, मगर पैसेंजर गनप्वाइंट पर उसे जबरन कार चलाने के लिए बाध्य करता है।

    मजबूर होकर डेविड को अजनबी साइको दिखने वाले पैसेंजर के साथ जाना पड़ता है। यह साइको पैसेंजर कौन है? डेविड की कार में ही वो क्यों आकर बैठा? क्या दोनों के बीच कोई पुराना नाता है? आखिर गनप्वाइंट पर उसे ले जाने के पीछे क्या मकसद है? क्या डेविड उससे बच पाता है? ऐसे सभी सवालों के जवाब फिल्म की आगे की कहानी में मिलते हैं। 

    कैसा है स्क्रीनप्ले और अभिनय?

    लूक पैराडइज ने अपनी कहानी पर युवल एडलर का निर्देशन बेहद कसा हुआ है। जिस तरह यह सीमित किरदारों वाली फिल्म है, इसमें संवादों और कलाकारों के अभिनय पर पूरी फिल्म का ढांचा टिका हुआ है। कहानी इस तरह आगे बढ़ती है कि लास वेगास की रंगीनियां स्क्रीन पर नजर नहीं आतीं, क्योंकि ज्यादातर घटनाएं शहर के बाहर घटती हैं।

    फिल्म की कहानी प्रेडिक्टेबल है, मगर निकोलस और किनमैन का अभिनय बांधकर रखता है। निकोलस का किरदार अप्रत्याशित और हिंसक है। पुलिस वालों को भी जान से मारने से नहीं चूकता। मगर, जिस मात्रा में इसे हिंसक दिखाया गया है, उसके पीछे की वजह उतनी बड़ी नहीं लगती है।

    किनमैन ने एक रहस्य छुपा रहे ड्राइवर के किरदार में अच्छा काम किया है। शुरुआत में सहमा रहने वाला किरदार क्लाइमैक्स आते-आते रंग बदलता है। हाइवे पर सफर के दौरान एक रोडसाइड ईटरी में एक्शन के दृश्य जबरदस्त हैं। यहां पैसेंजर यानी निकोलस का अदाकारी में एक पागलपन झलकता है।

    'सिम्पैथी फॉर द डेविल' की कहानी का ग्राफ जिस तरह थ्रिल के मोर्चे पर ऊपर चढ़ता है, वो क्लाइमैक्स में धड़ाम हो जाता है। एक जबरदस्त मोड़ की उम्मीद कर रहे दर्शक को धक्का लगता है। यहां इसके बारे में ज्यादा बात करना, फिल्म का सस्पेंस बिगाड़ सकता है।

    डेविल कौन है और सिम्पैथी किसके साथ रखी जाए, इस सवाल के साथ फिल्म छोड़ती है। रोड थ्रिलर आपको पसंद हैं तो डेढ़ घंटे अवधि की फिल्म वॉट लिस्ट में शामिल कर सकते हैं। 

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