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    'मुझे जान से मारने की धमकी मिल रही है', SIT की जांच के बीच Zubeen Garg के मैनेजर ने क्यों कही ये बात?

    Updated: Sat, 27 Sep 2025 05:14 PM (IST)

    जुबीन गर्ग के निधन को लेकर असम सरकार ने एसआईटी (SIT) की एक टीम तैयार की थी जो लगातार सिंगर की मौत की जांच-पड़ताल में लगी है। इस बीच ही जुबीन गर्ग की मौत के बाद शक के दायरे में आए उनके मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा ने आधिकारिक फेसबुक अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर करते हुए बताया कि उन्हें लगातार जान से मारने की धमकी मिल रही है।

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    जुबीन गर्ग के मैनेजर ने जारी किया बयान/ फोटो- Facebook

    एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। 19 सितंबर को फैंस के लिए वह काला दिन था, जब उन्होंने अपने फेवरेट सिंगर जुबीन गर्ग को खो दिया। सिंगापुर में एक फेस्टिवल में परफॉर्मेंस के पहुंचे या अली सिंगर एक दिन पहले स्कूबा डाइविंग के लिए गए थे, जहां दुर्घटना में उनका निधन हो गया। पहले इसे एक हादसा माना जा रहा था, लेकिन हालात संदिग्ध होने पर असम सरकार ने एक SIT की टीम बनाकर उनकी मौत की जांच पड़ताल शुरू कर दी है।

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    इस मामले में जहां संगीतकार शेखर ज्योति गोस्वामी को हिरासत में लिया गया, तो वहीं जुबीन गर्ग के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा के गुवाहाटी स्थित घर में SIT टीम ने छापेमारी की है। हालांकि, जब ये सब हुआ तो सिद्धार्थ उस दौरान वहां नहीं थे, जिसकी वजह से वह भी शक के दायरे में आए। अब SIT जांच के बीच मैनेजर सिद्धार्थ ने एक पोस्ट के साथ अपनी सफाई पेश की है।

    मैं तब आऊंगा जब मेरी सुरक्षा का भरोसा दिलाया जाएगा

    जुबीन गर्ग के मैनेजर सिद्धार्थ ने अपने आधिकारिक फेसबुक अकाउंट पर ओपन लैटर लिखा, "असम मेरा घर था और हमेशा रहेगा। जिन लोगों ने मुझे प्यार दिया, इज्जत दी अब वह हर्ट हैं और मैं उनका दर्द बांटना चाहता हूं। चुप्पी को कभी-कभी गलत समझा जाता है। कई लोगों को ऐसा लग रहा है कि मैंने तुरंत नहीं बोला या अपने घर नहीं आया, तो मैंने कुछ गलत किया है। इसलिए मैं ये लैटर लिख रहा हूं"।

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    उन्होंने आगे लिखा, "मैं सभी से ये कहना चाहता हूं कि मैं कुछ नहीं छुपा रहा हूं और ना भाग रहा हूं। जितनी जल्दी मेरी सुरक्षा का भरोसा दिलाया जाएगा और सच सामने लाने का अवसर मिलेगा, मैं उतनी ही जल्दी गुवाहाटी लौटकर आऊंगा और SIT और लोगों के सामने अपना पक्ष रखूंगा। 19 सितंबर को जब हम सिंगापुर में नॉर्थ फेस्टिवल के लिए गए हुए थे, तो हमारे बड़े भाई जुबीन दा स्विमिंग करते हुएक दुखद दुर्घटना का शिकार हो गए। मैं उनके साथ पहले और इंसिडेंट के बाद में भी था और हर तरह से उनकी मदद करने की कोशिश कर रहा था और उसके बाद उनके पार्थिव शरीर को इंडिया लाने का भी सारा इंतजाम किया था"।

    मुझे जान से मारने की धमकी मिल रही है

    उन्होंने अपने इस फेसबुक पोस्ट में आगे लिखा, "मीडिया ने मुझे तुरंत अपराधी के रूप में दिखा दिया। मुझे जान से मारने की धमकी, नफरत भरे मैसेज और गालियां मिल रही हैं। मेरे परिवार और दोस्त ने मुझसे ये गुजारिश की है कि मैं गुवाहटी नहीं आऊं और दिल्ली में ही रहूं। उनके जाने से मेरे दिल का एक हिस्सा खाली हो गया है, जो कभी नहीं भर सकता है। मैं सबसे ज्यादा इस चीज से टूटा हूं कि मैं उनके साथ वापस नहीं आ सका, न उनकी अंतिम संस्कार में शामिल होकर परिवार के साथ खड़ा हो पाया। मैं असहाय और सुन्न हूं, क्योंकि मेरी पूरी दुनिया बदल गई है"।

    बीते हफ्ते मैं बहुत दुखी और शॉक में था, क्योंकि मुझे ऑनलाइन गाली और धमकियां दी जा रही हैं। कुछ लोगों ने उस दिन के हादसे के लिए मुझे लापरवाह कह दिया, कुछ ने तो ये भी दावा कर दिया कि मैं जुबीन दा के नाम पर पैसे छुपा रहा हूं और बिजनेस बढ़ा रहा हूं। कुछ का तो ये तक कहना है कि मैं जुबीन दा के कॉपी राइट का मालिक बन जाऊंगा। मुझ पर लग रहे ये सारे इल्जाम झूठे हैं। मैंने उनके भरोसे और पैसे का कभी फायदा नहीं उठाया और मैं अधिकारियों और उनके परिवार के सामने अपने अकाउंट में मौजूद हर पैसे का हिसाब देने के लिए तैयार हूं"।

    जुबीन दा ने मुझे कहा लोगों ने उनका इस्तेमाल किया

    सच तो यह है कि 38 हजार गाने जो गाए हैं, उसका अधिकार म्यूजिक लेबल और प्रोडक्शन हाउस के पास हैं। उन्हें कभी उनसे उसके पैसे नहीं मिले। उनसे बस कुछ हजार का साइनिंग अमाउंट ही मिला, जो उन्होंने गाने के वक्त लिया था। उनके अधिकतर गाने मेरे उनके जीवन में आने से पहले वह रिकॉर्ड कर चुके हैं। जुबीन दा अक्सर मुझे ये कहा करते थे कि लोगों ने उनका गलत इस्तेमाल किया है। उनके गानों में करोड़ों कमाए, लेकिन उन्हें कभी उसकी रॉयलिटी नहीं मिली। इसके बारे में आप लेबल और निर्माताओं से पूछ सकते हैं।

    2021 में वह अपने बाद के कामों पर अपना अधिकार चाहते थे, जिसकी वजह से उन्होंने खुद का म्यूजिक एलएलपी का गठन किया था। सिर्फ उनके इस बिजनेस में मैं उनका पार्टनर था। हमने 20 गाने किये, इज्स पर हमने 10 लाख इन्वेस्ट किए। जुबीन दा के उसमें 6 लाख रुपए थे, लेकिन उसका रिवेन्यू सिर्फ कुछ हजार था हर महीने। पैसे कंपनी के अकाउंट में जाते थे,जिससे कोई सिंगल रुपया भी नहीं निकाल सकता था। LLP के 60% राइट्स जुबीन दा के पास थे और ये मेरा सौभाग्य था कि बचा हुआ बैलेंस भी उनके परिवार के अकाउंट में जाए। उनके निधन के बाद जो भी उनकी रॉयलटी थी, वह सब उनके लीगल और सही तरीके से उनके परिवार के पास जाएगी"।

    ये बहुत दुखद है कि लोगों ने जुबीन दा का इस्तेमाल किया सालों तक और अब मेरे खिलाफ गलत अफवाहें फैला रहे हैं सिर्फ खुद को बचाने के लिए।

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