सिंगर Zubeen Garg के थे 15 बच्चे, एक से बेखबर थीं पत्नी गरिमा, काजली के लिए लड़ी थी कानूनी लड़ाई
19 सितंबर को जुबीन गर्ग के निधन की खबर ने उनके फैंस को पूरी तरह से तोड़कर रख दिया था। स्कूबा डाइविंग के दौरान हादसे में या अली सिंगर की मौत हो गई थी। जुबीन न सिर्फ अपनी सुरीली आवाज बल्कि दरियादिली के लिए भी मशहूर थे। उनके टोटल 15 बच्चे थे जिनके लिए उन्होंने अपना जीवन समर्पित किया।

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। 'या अली' जैसे यादगार गाने फैंस को देने वाले सिंगर जुबीन गर्ग का 19 सितंबर को निधन हो गया था। उनकी मौत सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग करते हुए हुई थी। उनके निधन के बाद शान से लेकर प्रीतम दा और पूरी म्यूजिक इंडस्ट्री ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
जुबीन गर्ग का अंतिम संस्कार गुवाहटी के कमार्कुची शमशान भूमि में हुआ, जहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। जुबीन गर्ग न सिर्फ एक बेहतरीन सिंगर थे, बल्कि बड़े दिलवाले भी थे। क्या आपको पता है कि जुबीन गर्ग के टोटल 15 बच्चे थे, इनमें से एक को एडॉप्ट करने के लिए उन्होंने कानूनी लड़ाई भी लड़ी।
पहली बेटी से बेखबर थीं जुबीन की पत्नी
असम के कल्चर को दुनियाभर में पहुंचाने वाले बेहतरीन सिंगर जुबीन गर्ग और उनकी पत्नी गरिमा ने इंसानियत की असली परिभाषा लोगों तक पहुंचाई थी। द बैटर इंडिया नाम के इंस्टाग्राम पेज ने जुबीन गर्ग के 15 बच्चों से जुड़ी हुई जानकारी शेयर की है। दरअसल, जुबीन और गरिमा की अपनी कोई औलाद नहीं थी, लेकिन उनकी गोद कभी भी सूनी नहीं रही।
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जुबीन ने 15 ऐसे बच्चों की जिंदगी में रोशनी भरी थी, जिनके पास न घर था और न ही पैसा। इन्हीं में से एक बच्ची का नाम काजली था, जो गरिमा और जुबीन के दिल का टुकड़ा हैं। दरअसल, काजिल वह बच्ची थीं, जिन्होंने जुबीन की जिंदगी के पिता बनने के सपने को एक नया मतलब दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक दिन जब जुबीन काम से अपने घर लौट रहे थे, तो उन्होंने सड़क पर एक बच्ची काजली देखी। वह बच्ची एक घर में काम कर रही थी और लगातार उसके साथ दुर्व्यवहार होता था।
काजली के लिए लड़ी थी कानूनी लड़ाई
जुबीन गर्ग ने काजली को सिर्फ उस मुश्किल घड़ी से निकाला ही नहीं, बल्कि उसके लिए कानूनी लड़ाई लड़ी और उसे जीतकर काजली को एडॉप्ट भी किया। 'या अली सिंगर ने उस बची की पढ़ाई से लेकर हर जरूरत की जिम्मेदारी उठाई। रिपोर्ट्स की मानें तो शुरुआत में उनकी पत्नी गरिमा को इस बारे में जानकारी ही नहीं थी, लेकिन जब उन्हें जुबीन के इस नेक कार्य के बारे में पता चला, तो उन्होंने उसे पूरा सपोर्ट किया।
उन्होंने न सिर्फ एक बच्ची को पालने में, बल्कि जुबीन गर्ग के साथ मिलकर 15 बच्चों को एडॉप्ट किया और एक मां की तरफ उनकी पूरी जिम्मेदारी उठाई। जुबीन हमेशा एक दरियादिल इंसान रहे, उन्होंने न सिर्फ बच्चों की मदद की, बल्कि वहां पर आई बाढ़ पीड़ितों की मदद की, कोरोना के समय अपने घर को कोविड सेंटर में बदल दिया और अधिकतर अनाथ बच्चों को एक छत दी।
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