जब मौत को मात देकर आए Amitabh Bachchan, शहंशाह की जिंदगी में आया था तूफान!
महानायक अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) की जिंदगी में एक ऐसा दौर आया था जिसने न केवल उन्हें मौत के मुंह में डाल दिया था, बल्कि पूरा देश उनके लिए दुआएं करने पर मजबूर हो गया था। उस वक्त उनकी जिंदगी में भूचाल आ गया था। चलिए आपको अमिताभ के सबसे बुरे दिन के बारे में बताएं।

जब मौत के मुंह से बाहर आए अमिताभ बच्चन। फोटो क्रेडिट- एक्स
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। 'कुली बोझ बनकर सर पर बैठ गया ना तो सीधा जमीन में घुस जाओगे'...ये डायलॉग जब महानायक अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) ने फिल्म कुली में बोला तो थिएटर तालियों की गूंज से भर गया। बिग बी के रफ-टफ वाले लुक और बुलंद आवाज़ ने फैंस को 80 के दशक में ये कहने पर मजबूर कर दिया था कि सुपरस्टार हो तो ऐसा और फिर तब जाकर भारतीय सिनेमा को मिला सदी का महानायक। आज बिग बी अपना बर्थडे सेलिब्रेट (Amitabh Bachchan Birthday) कर रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक वक्त अमिताभ की जिंदगी में वो भी आया था जब वो जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे थे और ऐसा हुआ था 1983 में आई फिल्म 'कुली' (Coolie) के सेट पर।
'कुली' के सेट पर हुआ था हादसा
वो साल था 1982 का और तारीख थी 26 जुलाई, जब फिल्म का पूरा क्रू और एक्टर्स बेंगलुरु में शूटिंग कर रहे थे। पूरा सेट तैयार था और इस फाइट सीक्वेंस के लिए एक्शन डायरेक्टर ने भी पूरी तैयारी कर रखी थी। इस सीन में फिल्म के दूसरे एक्टर पुनीत इस्सर को अमिताभ बच्चन को मुक्का मारना था और अमिताभ को टेबल के ऊपर गिरना था। बिग बी भी इस सीन के लिए तैयार थे। वो खुद चाहते थे कि सीन अच्छे से शूट हो इसीलिए किसी मदद के लिए उन्होंने मना कर दिया। लाइट्स ऑन और कैमरा एंगल सेट होने के बाद डायरेक्टर ने एक्शन बोला।
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जो सीन सोचा गया वो पूरा भी हो गया। सीक्वेंस शूट होने के बाद सभी ने तालियां बजाईं। अमिताभ भी खुश थे लेकिन कुछ ही पलों में अमिताभ बच्चन को पेट में हल्का दर्द महसूस हुआ। उन्हें लगा कि मामूली चोट है। लेकिन ये चोट धीरे धीरे बढ़ती चली गई। एक तरफ उनके पेट पर चोट लगी तो दूसरी तरफ अमिताभ को टेबल का एक कोना भी उनके पेट में चुभ गया था। दो दिन तक उन्हें ये चोट हल्की लगी लेकिन जब दर्द ने उन्हें अपनी गिरफ्त में लिया तो फौरन उन्हें अस्पताल ले जाया गया। इस चोट के लगने के चौथे दिन, अमिताभ बच्चन की तबीयत और बिगड़ गई और फिर वो कोमा में चले गए।
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डॉक्टर्स भी नहीं पकड़ पाए थे चोट
दरअसल जब बिग बी को चोट लगी तो उन्हें लगा कि ये मामूली चोट है। वो होटल में जाकर आराम करने लगे। बाकी की क्रू मेंबर्स और सभी को लगा कि कहीं से खून तो नहीं निकला है, हो सकता है महज़ मामूली चोट है। डॉक्टर को बुलाया तो उन्हें भी यही बताया गया कि महज हल्की ही चोट है। डॉक्टर्स को भी उनकी इस चोट के बारे में ज्यादा समझ नहीं आया था। डॉक्टर्स ने दवा दी और वो चले गए। लेकिन जब दर्द कम नहीं हुआ तो अमिताभ के पर्सनल फिजिशियन डॉ. केएम शाह को बुलाया गया। उन्होंने हालत देखकर काफी चिंता जाहिर की और फिर तुरंत अमिताभ को बेंगलुरू के सेंट फिलोमेना हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया।
इसके बाद डॉक्टर्स ने एक्सरे किया लेकिन एक्सरे रिपोर्ट में भी उन्हें कुछ समझ नहीं आया। कड़ी मशक्कत के बाद डॉक्टर्स को पता चला कि डायफ्राम के निचले हिस्से में गैस थी और ये गैस टूटी हुई आंत से ही आ सकती है। आखिरकार डॉक्टर्स तब समझ पाए कि असली वजह क्या है, लेकिन तबतक काफी देर हो चुकी थी। हादसे के चौथे दिन अमिताभ बच्चन की तबियत और बिगड़ गई और इंफेक्शन पूरी बॉडी में फैल गया। अमिताभ को काफी बुखार आया और उल्टियां होने लगीं। दिल की धड़कन भी काफी तेज हो गई और आखिरकार वो कोमा में चले गए।
सर्जरी के बाद हुआ था खुलासा
इसके बाद डॉक्टर्स ने अमिताभ का ऑपरेशन शुरू किया। ऑपरेशन में जब अमिताभ का पेट चीरकर देखा तो डॉक्टर्स हैरान रह गए। उनके पेट की छोटी आंत फट गई थी, झिल्ली जो बाकी अंगों को जोड़ती है वो भी फट चुकी थी। इस स्थित में किसी का भी 3-4 घंटे से ज्यादा बचना बेहद मुश्किल था। डॉक्टर्स ने तुरंत उनकी आंत को सिला और इलाज करना शुरू किया। उधर अमिताभ पहले से ही डायबिटीज और बाकी छोटी-छोटी बीमारियों से ग्रसित थे। ऑपरेशन के बाद अमिताभ को निमोनिया हो गया। उनके शरीर में ज़हर फैल रहा था और खून पतला हो रहा था। मुंबई से तुरंत ब्लड सेल्स को सुधारने के लिए कुछ चीजों को मुंबई से मंगवाया था। उनकी स्थित में थोड़ा सुधार हुआ लेकिन 29 जुलाई को अमिताभ की तबियत फिर बिगड़ गई। आखिरकार फिर अमिताभ को बेंगलुरू से मुंबई शिफ्ट किया गया। फिर 2 अगस्त को मुंबई के ब्रीच केंडी अस्पताल में उनका दोबारा ऑपरेशन हुआ।
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देशभर में चला दुआओं का दौर
उधर ये बात धीरे-धीरे पूरे देश में फैल गई। अस्पताल के बाहर बिग बी के फैंस हमेशा इकट्ठा रहते थे। हज़ारों की संख्या में फैंस का हुजूम हॉस्पिटल के बाहर मौजूद रहता था। मानो जैसे जनसैलाब आ गया हो। अस्पताल के बाहर पुलिस बल को तैनात किया गया। उधर जया बच्चन उनकी सलामती की दुआ को लिए सिद्धिविनायक मंदिर भी गईं। आखिरकार फैंस और चाहने वालों की दुआओं का असर हुआ और ऑपरेशन के करीब तीन दिन बाद उनकी हालत में सुधार होना शुरू हो गया। धीरे धीरे वो चलने लगे, उनकी फिजियोथैरेपी हुई। 16 अगस्त वो हल्का-फुल्का खाने और फिर 24 सितंबर को अमिताभ को अस्पताल से छुट्टी मिल गई। इसके बाद अमिताभ ने अपने चाहने वालों का शुक्रियादा किया और करीब 2 महीने बाद वो अपने घर लौट आए।
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