क्या होता है IMAX? साधारण थिएटर स्क्रीन से कैसे है अलग और क्यों महंगी हो जाती है फिल्म की टिकट?
कल्कि 2898 AD जल्द थिएटर्स में रिलीज होने वाली है। फिल्म के बेहतर अनुभव के लिए इसे आईमैक्स में रिलीज किया जाएगा। इसके साथ ही फिल्म की टिकट भी महंगी हो जाएगी क्योंकि पिक्चर क्वालिटी भी साधारण सिनेमा से अच्छी हो जाएगी। ऐसे में दर्शकों के मन में एक सवाल उठता है कि आईमैक्स फॉर्मेट में क्या होता है और ये साधारण मल्टीप्लेक्स स्क्रीन से कैसे अलग होता है।

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। प्रभास, दीपिका पादुकोण और अमिताभ बच्चन की फिल्म कल्कि 2898 AD चर्चा में बनी हुई है। हाल ही में फिल्म का ट्रेलर रिलीज किया गया। अब बस कुछ दिनों में कल्कि 2898 AD थिएटर्स में रिलीज होने वाली है। फिल्म के बेहतर अनुभव के लिए इसे आईमैक्स में रिलीज किया जाएगा। इसके साथ ही फिल्म की टिकट भी महंगी हो जाएगी, क्योंकि पिक्चर क्वालिटी भी साधारण सिनेमा से अच्छी हो जाएगी।
ऐसे में दर्शकों के मन में एक सवाल उठता है कि आईमैक्स फॉर्मेट में क्या होता है और ये साधारण मल्टीप्लेक्स स्क्रीन से कैसे अलग होता है।
क्या होता है IMAX फॉर्मेट ?
आईमैक्स एक एक एडवांस तकनीक है, जिसका पूरा नाम Image MAXimum है। आईमैक्स फिल्मों को देखने का अनुभव बदल देती है। IMAX एक फिल्म फॉर्मेट है, जिसके जरिए हाई रेजोल्यूशन वाले दृश्य को रिकॉर्ड और प्रदर्शित किया जाता है।
दुनिया का पहला IMAX थिएटर
1960 से 1970 के बीच IMAX कॉर्पोरेशन को ग्रीम फर्ग्यूसन, रोमन क्रॉइटर, रॉबर्ट केर और विलियम सी शॉ ने मिलकर स्थापित किया था। पहला आईमैक्स थिएटर 1971 में टोरंटो में खोला गया था। वहीं, भारत में पहला आईमैक्स थिएटर 2001 में मुंबई के वडाला में खोला गया, जिसका नाम एडलैब्स आईमैक्स है।
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साधारण थिएटर्स से कैसे है अलग ?
आम सिनेमाघर और IMAX थिएटर के बीच सबसे बड़ा अंतर स्क्रीन साइज का होता है। इसका साउंड सिस्टम समेत अन्य चीजें भी अलग होती हैं। IMAX की स्क्रीन लगभग 18 मीटर ऊंची और 24 मीटर चौड़ी होती है, जो शानदार विजुअल इफेक्ट्स देने में मदद करती है। दुनिया में सबसे बड़ी IMAX स्क्रीन जर्मनी के लियोनबर्ग में है, जो 38.8 मीटर ऊंची और 21 मीटर चौड़ी है। ये दुनिया का सबसे बड़ा आईमैक्स थिएटर भी है। IMAX में फिल्म 70 मिमी होती है और इसे प्रोजेक्टर पर हॉरिजॉन्टली चलाया जाता है। वहीं, साधारण थिएटरों में फिल्म 35 मीमी होती है और इसे स्क्रीन पर वर्टिकली प्रोजेक्ट किया जाता है।
IMAX थिएटर की महंगी टिकट
IMAX का मकसद होता है कि फिल्म को देखने वाला इसकी दुनिया में खो जाए। ऐसे में IMAX फॉर्मेट में फिल्मों की शूटिंग भी अलग होती है। आईमैक्स की टीम जिन्हें IMAX DMR (डिजिटल मीडिया री-मास्टरिंग) कहा जाता है, सेट पर कई महीने बिताती है। इस दौरान फिल्म के हर एक फ्रेम पर काम किया जाता है। टीम की जिम्मेदारी होती कि वो फिल्ममेकर के विजन को सटीकता से पर्दे पर उतारे। फिल्म के शॉट्स, साउंड, सैचुरेशन, ब्राइटनेस समेत कई तरह के पहलुओं पर काम करती है। आईमैक्स में शूट की गई फिल्मों की लागत काफी ज्यादा होती है और इस वजह से टिकट के दाम भी ज्यादा रखे जाते हैं।
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सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्में
आईमैक्स पर ज्यादातर हॉलीवुड फिल्में रिलीज होती हैं। 'अवतार: द वे ऑफ वॉटर एवेंजर्स: एंडगेम' सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म है। इसके बाद बीते साल रिलीज हुई 'ओपेनहाइमर' भी आईमैक्स में रिलीज की गई थी, भारत में जिसकी टिकट की कीमत कई जगहों पर 2500 के करीब थी। बॉलीवुड की 'बाहुबली: द कन्क्लूजन', 'पद्मावत' और 'ब्रह्मास्त्र' IMAX में रिलीज हो चुकी हैं। वहीं, 'धूम 3' IMAX में रिलीज होने वाली पहली भारतीय फिल्म थी।
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