500 एकड़ की जमीन, शानदार बंगला... कभी शाही जिंदगी जीता था ये एक्टर, एक गलती ने पहुंचाया अर्श से फर्श तक
फिल्मी दुनिया अगर किसी अभिनेता की किस्मत चमकाती है तो किसी को अर्श से फर्श तक पहुंचा देती है। ऐसा ही कुछ एक अभिनेता के साथ भी हुआ था। कभी दौलतमंद घराने से ताल्लुक रखने वाला ये अभिनेता एक समय में कंगाल हो गया था। चलिए आपको उनके बारे में बताते हैं।

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। चकाचौंध से भरी फिल्म इंडस्ट्री बाहर से देखने में बहुत ग्लैमरस लगती है, लेकिन बिहाइंड द कैमरा यहां एक ऐसा अंधेरा होता है जिससे बहुत कम लोग ही बाहर निकल पाते हैं। जो इंडस्ट्री किसी को फर्श से अर्श तक पहुंचाना जानती है, वही कई बार कुछ कलाकारों के लिए अर्श से फर्श की वजह बन जाती है। एक कलाकार के साथ ऐसा ही हुआ था।
फिल्मी दुनिया में अपनी शानदार परफॉर्मेंस के लिए दर्शकों का दिल जीतने वाला ये कलाकार कभी एक शाही जिंदगी जीता था। मगर फिर एक समय ऐसा आया कि एक्टर को गुजारा करने के लिए अपना आलीशान बंगला बेचना पड़ा।
तौर हीरो नहीं चमकी एक्टर की किस्मत
हम जिस अभिनेता की बात कर रहे हैं, वो हैं तमिल के मशहूर अभिनेता सत्यन शिवकुमार (Sathyan Shivkumar)। विजय की फिल्म नंबन से पॉपुलर हुए सत्यन ने अपने करियर में कई फिल्में की हैं। वह सूर्या स्टारर गजनी, अजीत कुमार की आलवर और थुपक्की जैसी तमाम फिल्मों में काम कर चुके हैं। यूं तो सत्यन ने बतौर हीरो अपना करियर शुरू किया था, लेकिन जब उनका करियर लीड हीरो के रूप में नहीं चला तो उन्होंने सपोर्टिंग रोल्स से जादू चलाया।
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एक्टर का परिवार था अमीर
सपोर्टिंग रोल्स में सत्यन ने खुद की काबिलियत साबित की। आज वह अपने सेंस ऑफ ह्यूमर के लिए जाने जाते हैं। बड़े पर्दे पर आप उनके अभिनय के बहुत बड़े फैन होंगे, लेकिन क्या आपको पता है कि अभिनेता असल जिंदगी में किसी महाराजा से कम नहीं थे। उन्हें कभी कुट्टी राजा कहा जाता था। MSN के मुताबिक, सत्यन कभी बहुत अमीर हुआ करते थे। उनके पिता मधमपट्टी शिवकुमार एक रईस जमींदार थे। उनके पास 500 एकड़ से ज्यादा जमीन थी। सिर्फ उनका आलीशान बंगला 5 एकड़ में फैला हुआ था। क्षेत्र में उनके परिवार को राजघराने का दर्जा मिला था।
एक गलती से छिनी संपत्ति
सब कुछ अच्छा चल रहा था लेकिन फिर सत्यन के पिता की रुचि सिनेमा की ओर बढ़ने लगी और इसी ने उनकी शाही जिंदगी छीन ली। पहले उन्होंने अपने रिश्तेदार और जाने-माने अभिनेता सत्यराज और मार्कंडेयन शिवकुमार को फाइनेंशियली हेल्प किया और फिर खुद फिल्मों को प्रोड्यूस करने का फैसला किया। उन्होंने अपनी पहली फिल्म इलैयावन से बेटे सत्यन को बतौर हीरो लॉन्च किया। यह फिल्म इतनी बुरी तरह फ्लॉप हुई कि उन्हें फाइनेंशियली झटका लगा।
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इसके बाद सत्यन के पिता का निधन हो गया और स्थिति और भी बिगड़ गई। आखिर में सत्यन को माधमपट्टी में मौजूद अपना आलीशान बंगला बेचना पड़ा। कहा जाता है कि सत्यन के पास आज कोई संपत्ति नहीं बची है।
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