बस कंडक्टर थे Sunil Dutt, Oscar में जाने वाली सुपरहिट फिल्म से रातोंरात चमक गई थी किस्मत
हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता रहे सुनील दत्त (Sunil Dutt) ने पांच दशक तक बड़े पर्दे पर राज किया। मगर फिल्मी दुनिया में कदम रखने से पहले और बाद में उन्होंने बहुत संघर्ष झेला है। उन्होंने आखिर कैसे बस कंडक्टर से बॉलीवुड के स्टार बने थे।। जानिए उनके बारे में।

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। कहते हैं कि एक पत्थर को हीरा बनने से पहले उसे बहुत तराशा जाता है। कलाकारों के साथ भी ऐसा ही है। सिनेमा में आने से पहले कई अभिनेताओं को एक संघर्ष भरी जर्नी से गुजरना पड़ा। मगर अपनी काबिलियत से वे ऐसे चमके कि उनकी जगह कोई नहीं ले पाया। सुनील दत्त (Sunil Dutt) भी उन्हीं में से एक हैं।
सुनील दत्त ने सिनेमा को पांच दशक दिए हैं और 80 से ज्यादा फिल्मों में अपने शानदार अभिनय से दर्शकों का दिल जीता है। जब वह फिल्मों में आए तो उन्होंने अपने चार्मिंग लुक से बड़े पर्दे पर एक अलग छाप छोड़ी। उनका स्टाइल ही कुछ अलग था। हैंडसम पर्सनैलिटी के साथ शानदार अभिनय सोने पर सुहागा जैसा काम करता है। मगर शायद ही आपको पता हो कि फिल्मों में स्टारडम पाने से पहले उन्होंने पैसों के लिए कई छोटे-मोटे काम किए हैं। वह बस कंडक्टर भी रह चुके थे।
बस कंडक्टर थे सुनील दत्त
6 जून 1929 को जन्मे सुनील दत्त बहुत छोटे थे, जब उनके पिता का निधन हो गया था। पिता के निधन के बाद वह अपनी मां के साथ पाकिस्तान से लखनऊ आए और फिर मुंबई आ गए। पढ़ाई करने के साथ-साथ उन्होंने छोटे-मोटे काम कर पैसा कमाया। एक बार उन्होंने एक इंटरव्यू में रिवील किया था कि उन्होंने कॉलेज पूरा करने के बाद बस कंडक्टर के रूप में काम किया था। वह रेडियो जॉकी के रूप में भी काम कर चुके हैं।
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इस फिल्म से बदली थी किस्मत
रेडियो जॉकी के दौरान ही सुनील दत्त का फिल्मी दुनिया में सफर शुरू हुआ था। एक बार उनकी आवाज से रमेश सहगल इस कदर इंप्रेस हो गए थे कि उन्होंने रेलवे प्लेटफॉर्म मूवी में उन्हें लॉन्च करने का फैसला किया। इसके बाद उन्होंने एक ही रास्ता, गुमराह और साधना जैसी फिल्मों में काम किया। अभिनेता को असली पहचान नरगिस दत्त की मदर इंडिया मूवी से मिली थी। यह फिल्म ऑस्कर में भी नॉमिनेट हो चुकी थी।
बैंक्रप्ट हो गए थे सुनील दत्त
सुनील दत्त मदर इंडिया के बाद ऐसे चमके कि उन्होंने एक के बाद एक हिट फिल्मों से सिनेमा को नवाजा। मगर फिर उन्होंने अभिनय से ऊपर उठकर फिल्म निर्माण पर ध्यान देना शुरू कर दिया। 60 के दशक की बात है, सुनील दत्त फिल्म रेशमा और शेरा को प्रोड्यूस कर रहे थे। इसी फिल्म को उन्होंने डायरेक्ट भी किया था। यह फिल्म बुरी तरह फ्लॉप हुई थी। इस फिल्म की असफलता के बाद अभिनेता बैंक्रप्ट हो गए थे। उन्होंने एक कार को छोड़कर बाकी सारी कारें बेच दी थीं। घर भी गिरवी हो गया था। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी और फिर से सिनेमा में अपनी पकड़ मजबूत की और फाइनेंशली मजबूत हुए।
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