Pratik Gandhi स्क्रीन पर निभाएंगे महात्मा गांधी का किरदार, इस डायरेक्टर संग अगली सीरीज में आएंगे नजर
Pratik Gandhi Upcoming Web Series वेब सीरीज स्कैम 1992 से फैंस के दिलों में खास जगह बनाने वाले अभिनेता प्रतीक गांधी को भला कौन नहीं जानता। आने वाले समय में प्रतीक स्क्रीन पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की भूमिका निभाते हुए नजर आएंगे। इस मामले को लेकर अब एक्टर ने खुलकर चर्चा की है।

एंटरटेनमेंट डेस्क, मुंबई: हिंदी सिनेमा के लोकप्रिय कलाकार प्रतीक गांधी इन दिनों ऐसे दौर से गुजर रहे हैं, जहां उन्हें वास्तविक रोल के साथ कॉमेडी और रोमांटिक फिल्में करने का भी मौका मिल रहा है। फिल्मकार हर बार उन्हें अलग जॉनर में देख रहे हैं। यह बात उन्हें संतुष्टि देती है।
पर्दे पर गांधी बनेंगे प्रतीक गांधी
वह कहते हैं, ‘कोई मेकर आप पर ऐसा विश्वास करे, तो लगता है कि हां, अब मैं प्रयोग कर सकता हूं। मैं तो इंतजार कर रहा था कि लोग मेरे पास काम लेकर आएं। हमारा आधा समय तो केवल लोगों को विश्वास दिलाने में निकल जाता था कि हम अच्छा और अलग काम कर सकते हैं। तब परफार्म करने का समय नहीं मिलता था। मेरे लिए यह अच्छा समय है। कई लेखक हैं, जो कहते हैं कि जब हमने कहानी लिखी थी, तो आपके बारे में सोचा था। एक कलाकार को इससे ज्यादा क्या चाहिए।’
ये भी पढ़ें- 'फिल्म देखिए, राय तब बनाइए', Phule के ट्रेलर पर मचे बवाल के बीच Pratik Gandhi का पलटवार
फोटो क्रेडिट- इंस्टाग्राम
आगामी दिनों में प्रतीक हंसल मेहता की वेब सीरीज ‘गांधी’ में महात्मा गांधी की भूमिका निभाते नजर आएंगे। वह स्टेज पर भी कई बार महात्मा गांधी का किरदार निभा चुके हैं। क्या वह उन्हें गहराई से समझते हैं? इस पर प्रतीक कहते हैं कि ‘मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि 10-12 सालों से मोहनदास करमचंद गांधी की जिंदगी के अलग-अलग फार्मेट पर परफार्म कर रहा हूं।
फोटो क्रेडिट- फेसबुक
अब वेब सीरीज में करने का मौका मिला है। हम अपने नाटक के लिए जहां भी गए हैं, वहां जितने गांधीप्रेमी मिले हैं, उन सबने गांधी जी के बारे में कुछ न कुछ पढ़ा और बताया। वह सारी जानकारियां बतौर कलाकार आपको समृद्ध बनाती हैं। मुझे तो उनके बारे में इतनी चीजें पता हैं, जो किसी स्क्रिप्ट का भाग नहीं है। मगर उनसे मुझे उस भूमिका को निभाने में बहुत मदद मिलती है।
महात्मा गांधी को लेकर बोले प्रतीक
जैसे जब गांधी जी यरवदा जेल में थे,तब एक आदमी ने उनसे पूछा था कि बापू स्त्रियों के साथ हिंसा करने वाले लोगों के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए? उस वक्त गांधी जी ने कहा था कि ऐसे आदमी को अगर गोली भी मार दी जाए, तो भी वह अहिंसा है। जब ऐसी कहानियां मिलती हैं, तो फिर आप गहराई से उन्हें समझ पाते हैं।
जब मैं किरदार निभाता हूं, तो इस तरह की कहानियों से उसे अलग तरह से समझ पाता हूं। ऐसा नहीं होता कि भीड़ में खड़े लोग बोल देते हैं कि अरे ये अहिंसा है, वो अहिंसा नहीं है। इसमें कई परतें होती हैं, जिसे समझकर पात्र को निभाना पड़ता है।’
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।