अमिताभ बच्चन और दिलीप कुमार की लहर में अभिनय की 'आंधी' थे संजीव कुमार, सबूत हैं ये सात फिल्में
Sanjeev Kumar Birth Anniversary संजीव कुमार हिंदी सिनेमा के सबसे वर्सेटाइल कलाकारों में शामिल हैं। उनकी फिल्मोग्राफी में सब तरह की फिल्में हैं। कमर्शियल के साथ उन्होंने ऐसी फिल्मों में भी काम किया है जिनकी कहानियां लीक से हटकर रहीं और जिनमें अभिनय की क्षमता दिखाने का भरपूर मौका मिला। संजीव कुमार ने अपने समय के तकरीबन सभी सुपरस्टार्स के साथ यादगार फिल्में दीं।

नई दिल्ली, जेएनएन। अभिनय के जितने रंग संजीव कुमार ने अपने करियर में दिखाये, बहुत कम अभिनेता वो कमाल कर पाते हैं। जिस दौर में हिंदी सिनेमा में अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, दिलीप कुमार, राजेश खन्ना, देवानंद जैसे कलाकार स्टारडम की नई परिभाषा गढ़ रहे थे, संजीव कुमार अपनी पहचान ऐसे अभिनेता के तौर पर पुख्ता कर रहे थे, जो अपने अभिनय से किरदारों को जिंदगी से बड़ा बना रहा हो।
फिल्म में मुख्य किरदार से लेकर सहायक भूमिकाओं तक में संजीव कुमार ने अपने अभिनय की छाप छोड़ी। वो जिस किरदार में समाये, उसने हमेशा के लिए दिलों में अपनी जगह बना ली। अनामिका का लड़कियों से चिढ़ने वाला लेखक हो या शोले का ठाकुर, संजीव कुमार का दिल को छू लेने वाला अभिनय हर किसी को अपने साथ आज भी जोड़ता है। जयंती पर उनकी कुछ यादगार भूमिकाएं।
कोशिश
1972 में आई यह फिल्म हर किसी की वॉचलिस्ट में होनी चाहिए। इस फिल्म में संजीव कुमार के साथ जया बच्चन थीं। दोनों ऐसे कपल के किरदार में थे, जो बोल-सुन नहीं पाता। गुलजार द्वारा निर्देशित यह फिल्म बॉलीवुड के लिए एक मिसाल बनी। समाज में ऐसे दंपत्ती के लिए चुनौतियां दर्शाने वाली यह फिल्म उस वक्त के लिए एक अलग टॉपिक रहा। इस फिल्म के लिए उन्हें फिल्मफेयर अवार्ड में नॉमिनेशन भी मिला।
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खिलौना
मुमताज के साथ संजीव कुमार की फिल्म खिलौना उस वक्त की ना सिर्फ एक हिट फिल्म रही, बल्कि आज एक क्लासिक बन चुकी है। मानसिक रूप से अक्षम व्यक्ति का किरदार संजीव कुमार ने बेहतरीन तरीके से निभाया। उनकी एक-एक भावना और उनका अभिनय आज भी हर किसी को झकझोर देता है।
आंधी
1975 की पॉलिटिकल ड्रामा फिल्म ‘आंधी’ में जेके के किरदार में संजीव कुमार ने एक बार फिर अपने बेहतरीन अभिनय को शो केस किया। उन्होंने इसम फिल्म में होटल मैनेजर का किरदार निभाया था, जो एक पॉलिटिशियन के बेटी के प्यार में पड़ जाता है। फिर वे शादी के बंधन में बंध जाते हैं, लेकिन कुछ ऐसी परिस्थितियां पैदा होती हैं, जिनके कारण दोनों अलग हो जाते हैं।
कैसे वे फिर सालों बाद मिलते हैं और दोनों के बीच के भावनाएं जागने लगती हैं, इसको काफी खूबसूरती से यह फिल्म दर्शाती है। इस फिल्म का निर्देशन भी गुलजार ने किया था। दोनों ने साथ में नौ फिल्में कीं।
शोले
ठाकुर का मशहूर किरदार भला कौन भूल सकता है। जितना लोगों को जय-वीरू की दोस्ती, बसंती की नौटंकी और गब्बर का खौफ याद है, उतना ही शोले में ठाकुर का गुस्सा भी याद होगा। इसका श्रेय जाता है संजीव कुमार के अभिनय को। इस किरदार में उन्हें ज्यादातर जगहों पर बिना हाथ के अभिनय करना था, ऐसे में अपने हाव-भाव, आंखों और डायलॉग बोलने के अलग स्टाइल से सभी को अपने अभिनय का दीवाना बना दिया।
अंगूर
गंभीर ही नहीं, बल्कि कॉमेडी में भी संजीव कुमार का जवाब नहीं था। इसका सबसे बड़ा सबूत है फिल्म ‘अंगूर’, यह फिल्म शेक्सपियर के मशहूर प्ले ‘द कॉमेडी ऑफ एरर’ पर बनाई गई थी। देवेन वर्मा और संजीव कुमार ने इस फिल्म में अपनी कॉमेडी से दर्शकों को खूब हंसाया। संजीव कुमार ने साबित किया कि वे सिर्फ इमोशनल नहीं करते, बल्कि हंसाते-हंसाते खुशी के आंसू भी दे सकते हैं।
पति, पत्नी और वो
‘पति, पत्नी और वो’ फिल्म में एक बार फिर कॉमडी करते दिखे संजीव कुमार। पत्नी के होते हुए अपने सेक्रेटरी के साथ लुका-छिपी अफेयर करते हुए संजीव कुमार ने दर्शकों को खूब एंटरटेन किया। अगर आपने इस फिल्म को मिस कर दिया है तो डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर जरूर देखें संजीव कुमार की ये कॉमडी ड्रामा।
Photo- IMDb
त्रिशूल
यश चोपड़ा की फिल्म ‘त्रिशूल’ रिलीज होते ही बॉक्स ऑफ़िस पर धमाका कर गई। अमिताभ बच्चन और शशि कपूर जैसे दिग्गज अभिनेताओं के साथ स्क्रीन शेयर करने के बावजूद संजीव कुमार ने अपनी एक्टिंग की छाप छोड़ी। ‘त्रिशूल’ संजीव कुमार के करियर के बेस्ट फिल्मों में से एक रही।
संजीव कुमार की बेहतरीन फिल्मों की लिस्ट काफी लंबी है। इन सबके अलावा 'शतरंज के खिलाड़ी', 'नया दिन नई रात', ‘मौसम’, ‘सीता और गीता’, ‘संघर्ष’ और कई बड़ी फिल्में शामिल हैं, जो आज भी अभिनय की पाठशाला हैं।
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