Saif Ali Khan को लगेगा 15000 करोड़ का झटका, इन कारणों से हाथ से निकल सकती है पुश्तैनी संपत्ति?
Saif Ali Khan Bhopal Property भोपाल में 15000 करोड़ की पुश्तैनी संपत्ति को लेकर सुपरस्टार सैफ अली खान का नाम बीते समय से लगातार सुर्खियां बटोर रहा है। हाल ही में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने इसको लेकर बड़ा फैसला सुनाया है जिससे सैफ की मुसीबत बढ़ गई हैं। आइए जानते हैं कि कैसे उनके हाथ से ये प्रोपर्टी निकल सकती है।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान का नाम मौजूदा समय में भोपाल में मौजूद अपनी 15000 करोड़ की पुश्तैनी संपत्ति को लेकर चर्चा में बना हुआ है। इस मामले पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की तरफ से दोबारा से सुनवाई के फैसले के बाद नया मोड़ आ गया है, जिसके चलते सैफ की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
ऐसे में आइए जानते हैं कि वो कौन से कारण हैं, जिनके चलते सैफ अली खान और उनका परिवार भोपाल की रॉयल विरासत को खो सकता है।
हाई कोर्ट के फैसले से बढ़ी मुश्किलें
भोपाल के आखिरी नवाब सैफ अली खान के परदादा हमीदुल्लाह खान थे। उनकी तरफ से ही सैफ और उनके परिवार को 15 हजार करोड़ की ये संपत्ति विरासत में मिली, जिस पर अब हाथ से निकलने का संकट मंडरा रहा है।
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इसका कारण मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का वो निर्णय है, जिसमें साल 2000 के भोपाल के ट्रायल कोर्ट के उस फैसले को खारिज किया गया है, जिसके तहत ये कहा गया था कि भोपाल की इस नवाबी संपत्ति के असली हकदार सैफ अली खान, उनकी मां शर्मिला टैगोर और बहन सोहा अली खान हैं।
हाई कोर्ट ने इस पूरे मामले पर दोबारा से सुनवाई का आदेश दिया है और एक साल के अंदर इस पर नतीजा लाने की डेडलाइन रखी गई है।
फिर से चर्चा में कैसे आई संपत्ति
दरअसल नवाब हमीदुल्लाह खान के अन्य उत्तराधिकारियों ने इस संपत्ति मामले को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की थी। उनका मानना था इस पूरे विवाद पर सुनवाई मुस्लिम पर्सनल लॉ एक्ट 1937 के आधार पर होनी चाहिए। 1999 में उनकी तरफ से 15000 करोड़ की सपंत्ति मामले को लेकर भोपाल की निचली अदालत में याचिका डाली गई थी।
जिस पर 25 साल पहले फैसला सैफ अली खान और उनके परिवार के पक्ष में चला गया था। अब मध्य प्रदेश उच्च न्यायलय की तरफ से इस ट्रायल कोर्ट के फैसले को रद्द कर फिर से सुनवाई का फैसला दिया गया है।
सरकार ने घोषित की शत्रु संपत्ति
साल 2014 में केंद्र सरकार की तरफ से सैफ अली खान को एक नोटिस जारी किया गया था। जिसमें कहा गया था उनकी 15 हजार करोड़ की शाही परिवार की प्रॉपर्टी शत्रु संपत्ति घोषित की जाएगी, जो 1968 के शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत लागू होगा।
दरअसल शत्रु संपत्ति अधिनियम का मतलब इस बात से अगर संपत्ति के असली वारिस के परिवार का कोई भी सदस्य पाकिस्तान में जाता है और वहां की नागरिकता हासिल करता है तो उसकी प्रॉपर्टी पर इसी अधिनियम को लागू किया जाएगा।
हालांकि, 2015 में सैफ ने इसके विरोध में कोर्ट से स्टे ले लिया था, लेकिन बीते साल के अंत में 13 दिसंबर 2024 हाई कोर्ट की तरफ से इस स्टे को हटा दिया गया था और सैफ को इस मामले पर दोबारा से दावा करने के लिए तय समय दिया गया, जोकि निकल चुका है और कोई दावा नहीं दाखिल किया गया।
सैफ अली खान का भोपाल के आखिरी नवाब से कनेक्शन
चूंकि भोपाल के आखिरी नवाब हमीदुल्लाह खान की तीन बेटियां थीं, जिनमें सैफ अली खान की दादी साजिदा सुल्तान और उनकी अन्य दो बहनें भी शामिल थीं। उनमें से एक बहन अबिदा सुल्तान विभाजन के बाद पाकिस्तान चली गई थीं और उन्होंने वहां की नागरिकता ले ली थी।
साजिदा की शादी पटौदी के नवाब इफ्तिखार अली खान से हुई थी। भोपाल की ये संपत्ति उनके बेटे मंसूर अली खान और फिर पोते सैफ अली खान के नाम आई। बता दें साजिदा की बहन अबिदा सुल्तान के पाकिस्तान चले जाने के कारण इस प्रॉपर्टी को शत्रु संपत्ति घोषित किया गया।
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