Saiyaara के बाद इन अपकमिंग मूवीज पर टिकी हैं निगाहें, क्या लौटेगा रोमांटिक फिल्मों का दौर?
सैयारा फिल्म (Saiyaara) की प्रेम कहानी बॉक्स ऑफिस पर हिट हो रही है और धड़क 2 सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। कई और रोमांटिक फिल्में आने वाली हैं। एक्शन से ऊबे दर्शकों के लिए प्रेम कहानियां ताजा हवा का झोंका हैं। सैयारा की सफलता के बाद क्या रोमांटिक फिल्मों का दौर लौटेगा यह देखना दिलचस्प होगा।

प्रियंका सिंह, मुंबई। सैयारा फिल्म की प्रेम की कहानी बॉक्स आफिस पर धमाल मचा रही है। वहीं, धड़क 2 ने आज सिनेमाघरों में दस्तक दी है। आने वाले दिनों में कई रोमांटिक फिल्में कतार में हैं।
एक्शन और मारधाड़ से बोरियत महसूस करने वाले दर्शकों के लिए प्रेम कहानी ताजा हवा के झोंके की तरह हैं। क्या वजह है कि फिल्मकारों को ये सुरक्षित जानर लगता है। क्या प्रेम कहानियों का दौर एक बार फिर लौटेगा? इससे जुड़े पहलुओं की पड़ताल कर रही हैं स्मिता श्रीवास्तव।
अपकमिंग रोमांटिक फिल्में
आइ लव यू… फॉरएवर… एवर एंड एवर’ फिल्म सैयारा का यह संवाद सच्चे प्रेम की गहराई को बयान करते हैं। एक्शन, क्राइम और धीर गंभीर फिल्मों की बाढ़ के बीच सैयारा ताजा हवा के झोंके की तरह आई है, जिसमें तकरार, मनुहार और सच्चे प्यार का अहसास है, जिसकी कमी काफी समय से महसूस की जा रही थी। फिल्म की सफलता में उसके संगीत की भी अहम भूमिका मानी जा रही है। सिनेमाघरों में धड़क 2 आज प्रदर्शित होने के बाद आगामी दिनों में अंदाज 2, तेरे इश्क में, परम सुंदरी समेत कई प्रेम कहानियां प्रदर्शित होने की कतार में हैं।
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आशिकी 2, एक विलेन, हाफ गर्लफ्रेंड और सैयारा फिल्म के निर्देशक मोहित सूरी हर बार नई प्रेम कहानी लाने को लेकर कहते हैं कि प्यार की भाषा आपको कोई नहीं सिखा सकता है, वो भीतर से निकलती है। मैं अक्सर अपने असिस्टेंट को भी यही कहता हूं कि प्रेम कहानियां बनाते समय तुम्हें कुछ सिखा नहीं सकता हूं। यहां चीजों का विश्लेषण करके तुम स्वयं जो सीख सकते हो, वही आपके साथ रहता है। मुझे लगता है कि प्रेम कहानी में आप जो व्यक्तिगत अनुभवों को या अपनी शैली को डालते हैं, वही चलता है। फिर आप चाहे कबीर सिंह देख लें, सैराट देखें या फिर आशिकी। तीनों अलग तरह की प्रेम कहानियां हैं। तीनों में ही उनके निर्देशकों के व्यक्तित्व की झलक दिखती है। यश जी (फिल्मकार यश चोपड़ा) की ही बात करें तो उनकी सारी प्रेम कहानियां देख लें, उनके व्यक्तित्व और शैली की छाप उनकी सभी फिल्मों में दिखाई देती है।
रोमांटिक फिल्मों का दौर लौट रहा
सैयारा की सफलता से हिंदी सिनेमा में प्रेम कहानियों का दौर लौटने को लेकर अंदाज 2 के निर्देशक सुनील दर्शन कहते हैं कि हम हिंदुस्तानी सिनेमा बनाते हैं, उसमें कई रंग होते हैं। बाबी, बेताब, जूली, लवस्टोरी, एक-दूजे के लिए, मैंने प्यार किया, कयामत से कयामत तक जैसी प्रेम कहानियां हिट रही हैं। प्रेम कहानी को सही तरीके से बनाया गया हो, उसका संगीत बेहतरीन हो तो हिट होने की संभावना रहती है। फिल्मकारों की ख्याति की वजह से उनकी फिल्मों से उम्मीद अधिक होती थी। हमारे लिए संगीत का जानर गुम हो रहा है। फिल्म में अच्छा संगीत होना जरूरी है। जैसे दीवाना फिल्म का गाना 'ऐसी दीवागनी' सुपरहिट था। तब शाह रुख खान और दिव्या भारती भी नए थे।
नए कलाकार अपने साथ ताजगी लाते हैं। उसका अपना ही मजा होता है। आप देखिए कि बीच में संगीत बाजार ही खराब हो गया था आइटम के अलावा गाने ही नहीं चलते थे। मैं पारंपरिक फिल्में बनाता रहा हूं। उनका संगीत हमेशा से बहुत शानदार रहा है। निश्चित रूप से उसमें लव स्टोरी होती है। इस बार अंदाज 2 में सामाजिक मुद्दे पर भी बात करने की कोशिश है। हमारी स्टार कास्ट भी नई है। हमारी फिल्म में आठ गाने हैं। नदीम ने गानों का संगीत दिया है। नए कलाकारों के साथ लव स्टोरी ताजा लगती है।
प्यार के अल्फाज होते हैं फिल्म की आत्मा
प्रेम कहानियां की आत्मा उसका गीत संगीत होता है। इस बात से गीतकार समीर भी सहमति रखते हैं। वह कहते हैं कि गानों के बिना कोई भी रोमांटिक फिल्म सफल नहीं होगी। यह तो ऐसा है कि किसी लड़की से प्यार करते हो और उसको आइ लव यू न बोलो। कर रहे हो तो जताओ तो सही। बाबी युवाओं की कहानी थी, एक-दूजे के लिए फिल्म की कहानी भाषाई दिक्कतों पर आधारित थी। जब अलग भाषा के लोग प्यार करें, तो उनकी दिक्कतें क्या होती हैं। वैसे ही सागर त्रिकोणीय लव स्टोरी थी। जब सामने फिल्मों के पात्र आते हैं, तो हम उनकी तरह से सोचने लगते हैं। साजन के गाने जब लिख रहा था, तो मैं शायर बन गया था। आशिकी लिख रहा था, तो आशिक बन गया था। हम स्वयं कुछ लिखते नहीं हैं। हम उन कहानी और पात्रों को जी लेते हैं। उन्हीं के अल्फाज गानों में आ जाते हैं। पूर्व में आई फिल्म सिर्फ तुम के लिए जब लिख रहा था, तो उसमें जो कहानी थी, पहली पहली बार मुहब्बत की है, कुछ न समझ में आए मैं क्या करूं...जिंदा रहने के लिए तेरी कसम एक मुलाकात जरूरी है सनम...ये सब रोमांटिक है।
युवाओं के दिलों को छूता प्रेम
प्रेम कहानियों की सफलता को लेकर निर्माता और फिल्म बिजनेस एक्सपर्ट गिरीश जौहर कहते हैं कि गुरु दत्त, राज कपूर जी की रोमांटिक फिल्मों के गाने आज तक चल रहे हैं। यश चोपड़ा जी ने कितनी अच्छी रोमांटिक फिल्में बनाई हैं। भारतीय सिनेमा रोमांटिक फिल्मों के लिए जाना जाता है। सहाबहार जानर है। लोगों को वह फिल्म प्रासंगिक लगनी चाहिए। वे फिल्म से जुड़ाव महसूस कर सकें। आशिकी के कई साल बाद आशिकी 2 आई थी, लेकिन मौजूदा दौर के अनुसार बनी थी, लोगों ने पसंद किया। कहीं न कहीं दर्शकों को म्यूजिकल रोमांस पसंद आता है। फिल्में एंटरटेनमेंट का माध्यम है। अगर दर्शक कहानी से जुड़ते हैं तो उन फिल्मों को देखते हैं। सिनेमा जाने वाले दर्शक जो हैं, वे युवा हैं। उनके साथ लक्षित दर्शक वर्ग मिल जाता है।
बॉक्स ऑफिस पर संगीत से हिट होता रोमांस
गीतकार समीर कहते हैं कि सिनेमा के इतिहास पर नजर डालें तो स्पष्ट हो जाता है कि जब भी रोमांटिक फिल्में सही गानों के साथ आई हैं, तब वहां पर लोगों ने कंटेंट देखा है। वहां स्टार नहीं चाहिए, ऐसी फिल्मों का स्टार केवल संगीत होता है। आगामी फिल्म सिर्फ तुम की कहानी पिछली से फिल्म से अलग है। उसके अनुसार लिखूंगा। अपने आप संगीत नया हो जाएगा। मेरी कुछ आगामी फिल्में विशुद्ध रोमांटिक हैं, जिनमें बागी 4, सिर्फ तुम, आशिकी 3 आएगी। सिर्फ तुम में मेरे 10 रोमांटिक गाने हैं।
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