बोल्ड सीन्स और अपनी एक्टिंग के दम पर लोगों के दिलों पर पर राज करने वाली राधिका आप्टे को नहीं पसंद चेहरे व शरीर की सर्जरी कराना
एक्ट्रेस राधिका आप्टे ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान सेलिब्रिटीज के बारे में खुलकर बात की और फोटोज साझा करने वाले प्लेटफॉर्म पर फिल्टर का उपयोग नहीं करने की बात कही। राधिका ने कहा कि लोगों को सर्जरी कराना बंद कर देना चाहिए।
नई दिल्ली, जेएनएन । राधिका आप्टे (Radhika Apte) ने अपनी एक्टिंग के दम पर लोगों के दिलों में खास जगह बनाई है। वहीं उनके किरदार की बात करें तो वो अपनी अभिनय के बल पर हर किरदार में जान फूंक देती हैं। राधिका कैमरे के सामने इंटीमेट सीन्स देने से बिल्कुल भी परहेज नहीं करती हैं। उन्होंने कई फिल्मों में भर-भरकर बोल्ड सीन्स दिए हैं। राधिका आप्टे जहां बॉलीवुड का जाना-माना चेहरा हैं, वहीं वह लाइमलाइट की चकाचौंध से दूरी बनाए रखना पसंद करती हैं। उसने खुलासा किया कि वह उद्योग की सतही प्रकृति और शारीरिक उम्र बढ़ने के संकेतों को अपनाने की अनिच्छा को नहीं समझती है। एक्ट्रेस राधिका आप्टे ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान सेलिब्रिटीज के बारे में खुलकर बात की और फोटोज साझा करने वाले प्लेटफॉर्म पर फिल्टर का उपयोग नहीं करने की बात कही। राधिका ने कहा, "मुझे लगता है कि लोगों को सर्जरी कराना बंद कर देना चाहिए, और फिर प्राकृतिक सुंदरता के बारे में बात करनी चाहिए।
राधिका आप्टे ने कहा है कि लोगों को सर्जरी कराना बंद कर देना चाहिए और प्राकृतिक सुंदरता पर कायम रहना चाहिए। मैं अपने कई सहयोगियों को जानती हूं, जिन्होंने अपने चेहरे और शरीर को बदलने के लिए कई सर्जरी करवाई हैं। मैं इससे थोड़ा थक गई हूं और इसे बहुत चुनौतीपूर्ण मानता हूं। राधिका ने कहा कि मुझे लगता है कि हर कोई जानता है कि बिना मेकअप के मेरा चेहरा कैसा दिखता है और इसमें छिपाने के लिए कुछ नहीं है। कभी-कभी मैं सिर्फ मेकअप करते-करते भी बोर हो जाती हूं। पर मालूम हो कि चुकि ब्रांड भी मुझसे उम्मीद करता है, इसलिए मैं सिर्फ एक फिल्टर लगाती हूं क्योंकि मुझे अपना मेकअप करने की जहमत नहीं उठानी पड़ती।
मालूम हो कि 'शोर इन द सिटी', 'वेट्री सेलवन', 'बदलापुर', 'मांझी द माउंटेन मैन', 'फोबिया', 'पैड मैन' और 'अंधाधुन' जैसी फिल्में में काम करने वाली राधिका ने सोशल मीडिया पर नेगेटिविटी और ट्रोल के बारे में बात करते हुए वो कहती हैं कि आम तौर पर मैंने कभी कमेंट्स नहीं पढ़े। लॉकडाउन में एक दो बार मुझे कुछ पढ़ने को मिला और इसने मुझे परेशान कर दिया। इसलिए नहीं कि इसने मुझे अनकम्फर्टेबल महसूस करया, बल्कि यह है कि लोगों के दिलों में बहुत नफरत और नेगेटिविटी है। यह देखना बहुत मुश्किल है, यह मुझे बहुत परेशान कर देता है।