अस्पताल के बेड पर तैयार किया गया था Dev Anand की इस फिल्म का म्यूजिक, 5 दिन में बन गई थी पूरी एल्बम
देवानंद अपने समय के सिर्फ सबसे स्टाइलिश एक्टर ही नहीं थे बल्कि सबसे ज्यादा दिलदार भी थे। उन्होंने एक म्यूजिक कंपोजर के लिए तो अपने सबसे बड़े ड्रीम प्रोजेक्ट को होल्ड पर डाल दिया था। उनकी इस दरियादिली को देखकर इस कंपोजर ने अस्पताल में ही उनकी सबसे बड़ी फिल्म के लिए म्यूजिक तैयार कर डाला था। क्या है ये दिलचस्प कहानी चलिए जानते हैं
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। आपने कई बार ये बात लोगों के मुंह से सुनी होगी कि आपका सबसे बुरा टाइम ही आपको अच्छे लोगों की पहचान करवाता है। हिंदी सिनेमा में तो ये बात बहुत ज्यादा लागू होती है। क्योंकि यहां बुरा समय देखते हुए मेकर्स कई एक्टर्स और डायरेक्टर को अपनी फिल्मों से बिना नोटिस के ही रिप्लेस कर देते हैं।
हालांकि, इन्हीं के बीच में एक एक्टर ऐसे भी रहे हैं, जिन्होंने म्यूजिक कंपोजर के खातिर अपने ड्रीम प्रोजेक्ट को 6 महीने के लिए होल्ड पर डाल दिया था। इतना ही नहीं, इस इंतजार का उन्हें फल भी मीठा ही मिला, क्योंकि अस्पताल में एडमिट रहते हुए भी म्यूजिक कंपोजर ने उनकी फिल्म के गाने बनाए, जो सुपरहिट हुए। क्या है दिग्गज अभिनेता देवानंद से जुड़ा ये दिलचस्प किस्सा, पढ़ें पूरी खबर:
म्यूजिक कंपोजर को अचानक आया था हार्ट अटैक
देवानंद का फैशन स्टेटमेंट तो इंटरनेशनल लेवल का था ही, लेकिन बॉलीवुड फिल्मों में भी दिग्गज अभिनेता वही फ्लेवर लाना चाहते थे। उन्होंने साल 1965 में फिल्म बनाई 'गाइड', जिसे उनके भाई विजय आनंद ने डायरेक्ट किया था। इसको हिंदी के साथ-साथ सिमिलर नाम से इंग्लिश भाषा में भी रिलीज किया था, जिसकी कहानी पर्ल एस बक ने लिखी थी। हिंदी में बनी 'गाइड' के सभी गाने सुपरहिट हुए थे।
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हालांकि, गाइड के सदाबाहर गाने बनाने का ये सफर बिल्कुल भी आसान नहीं था। इस फिल्म के म्यूजिक और सभी गानों का जिम्मा कंपोजर एस डी बर्मन के कंधों पर था। रिपोर्ट्स की मानें तो जब एस डी बर्मन 'गाइड' का म्यूजिक बना रहे थे, तो उन्हें हार्ट अटैक आ गया था, जिसके बाद उन्हें तुरंत ही अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टर ने उन्हें इलाज और आराम करने की सलाह दी थी।
देवानंद के इस फैसले ने बचाया था एस डी बर्मन का करियर
एस डी बर्मन की जिंदगी में आई इस मुश्किल घड़ी में जहां कई निर्देशक-निर्माताओं ने उन्हें दिया हुआ काम देकर किसी और संगीतकार से करवाया, तो वहीं देवानंद ने एक बड़ा फैसला लिया। देवानंद ने अपनी इस फिल्म को 6 महीने के लिए टाल दिया और ये साफ कर दिया कि फिल्म का म्यूजिक एस डी बर्मन ही तैयार करेंगे फिर चाहे उन्हें कितने महीने भी लग जाए।
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एक दिन देवानंद एस डी बर्मन से मिलने के लिए अस्पताल पहुंचे और उनका हाल चाल लिया। उन्होंने उनसे कहा कि कितना भी टाइम लगे। उन्होंने एसडी बर्मन से कहा आप स्वस्थ हो जाइए, क्योंकि मेरी फिल्म का संगीत आप को ही देना है। देवानंद की ये बात सुनकर म्यूजिक कंपोजर और सिंगर एस डी बर्मन की आंखें नम हो गईं और उन्होंने हां में सिर हिला दिया।
हॉस्पिटल के बेड से ही बनाया 'गाइड' का म्यूजिक
तनूजा की किताब में देवानंद के भाई विजय आनंद ने इस बात का जिक्र किया था कि देवानंद की इस दरियादिली को देखते हुए एस डी बर्मन ने अस्पताल में एडमिट रहते हुए फिल्म का संगीत बनाना शुरू कर दिया था। ऐसा कहा जाता है कि जैसे ही एसडी बर्मन को अस्पताल से छुट्टी मिली और वह अपने घर लौटें, उन्होंने बिना दिन रात देखे महज पांच दिनों के अंदर ही देवानंद की फिल्म के सभी गानों को तैयार कर दिया।
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आपको बता दें कि गाइड का एक गाना 'वहां कौन है तेरा' एसडी बर्मन ने ही गाया था। इसके अलावा 'आज फिर जीने की तमन्ना है', गाता रहे मेरा दिल, दिन ढल जाए, क्या से क्या हो गए, पिया तोसे नैना लागे रे सहित सभी गानों को लता मंगेशकर, किशोर कुमार और मोहम्मद रफी ने अपनी आवाज दी थी।
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