Ashima Chibber Exclusive: दीपिका पादुकोण के 8 घंटे शिफ्ट डिबेट पर बोलीं डायरेक्टर- पंडित जी का भी उतना टाइम..
मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे की डायरेक्टर आशिमा छिब्बर (Ashima Chibber) ने दैनिक जागरण के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में कई चीजों पर बात की। उन्होंने फिल्मी दुनिया में चल रहे 8 घंटे शिफ्ट डिबेट पर भी अपनी राय रखी। डायरेक्टर ने बताया कि वह इस बारे में किसका सपोर्ट करती हैं।

रिंकी तिवारी, नई दिल्ली। मेरे डैड की मारुति और मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे का निर्देशन कर चुकीं आशिमा छिब्बर (Ashima Chibber) ने अपना करियर शाह रुख खान (Shah Rukh Khan) की फिल्म चक दे इंडिया से बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर शुरू किया था। वह टीवी शोज और वेब शोज को भी डायरेक्ट कर चुकी हैं। 10 साल बाद मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे से उन्होंने फिल्मों में वापसी की थी और उनकी फिल्म के लिए रानी मुखर्जी (Rani Mukerji) को बेस्ट एक्ट्रेस का नेशनल फिल्म अवॉर्ड मिला है।
हाल ही में, आशिमा छिब्बर ने दैनिक जागरण के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में न केवल मेरे डैड की मारुति की असफलता से लेकर दीपिका पादुकोण के 8 घंटे शिफ्ट डिबेट पर बात की है।
8 घंटे शिफ्ट डिबेट पर क्या बोलीं आशिमा?
जैसा कि आपको मालूम हो कि बीते दिनों एक खबर आई थी कि दीपिका पादुकोण को फिल्म स्पिरिट से सिर्फ इसलिए बाहर कर दिया गया है क्योंकि उन्होंने 8 घंटे की शिफ्ट डिमांड की थी क्योंकि वह पिछले साल एक बेटी की मां बनी हैं। फिल्मी दुनिया में 8 घंटे शिफ्ट का मुद्दा छिड़ गया और किसी ने इसके पक्ष तो किसी ने विपक्ष में अपनी राय दी। अब आशिमा छिब्बर ने हमसे खास बातचीत कहा, "हां, बिल्कुल 8 घंटे की शिफ्ट होनी चाहिए। मतलब बैंक की भी उतनी होती है, टीचर की भी उतनी होती है, सबकी तो उतनी होती है। पंडित जी की भी उतनी शिफ्ट होती है।"
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आशिमा छिब्बर ने आगे कहा, "हम लोगों को क्यों 13-14 घंटे काम करना पड़ता है। मतलब हमारा काम सबसे ज्यादा मुश्किल है और जो नई मां बनी हैं, अभी-अभी उन्होंने डिलीवरी की है, वो कैसे? आपका बच्चा होगा तो क्या आप नहीं चाहोगे कि आप बच्चे के साथ रहो। जब एक्ट्रेसेस फिल्म में इतनी वैल्यू एड करती हैं तो 8 घंटे तो बहुत अच्छी शिफ्ट है, खासकर नई मां के लिए। 8 घंटे अपने बच्चे से दूर रहने के लिए बहुत बड़ा टाइम होता है। मैं तो 100 प्रतिशत बोलूंगी कि 8 घंटे की शिफ्ट होनी ही चाहिए, खासकर अगर आपका बेबी है तो।"
पहली फिल्म की असफलता पर बोलीं आशिमा छिब्बर
साल 2013 में आशिमा छिब्बर ने मेरे डैड की मारुति से डेब्यू किया था जो बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं हो पाई थी। इस बारे में उन्होंने कहा, "आपकी फिल्म जितना भी करे, आपको उससे ज्यादा ही चाहिए होता है। कुछ फिल्में ऐसी होती हैं, जिसे आप बनाते हो, उसकी स्टोरी इम्पोर्टेंट होती है, लेकिन आप आपने क्राफ्ट के लिए बनाते हो। आपको कितना आता है, आप कभी-कभी उसके लिए प्रोजेक्ट्स लेते हो, आप एक्सपेरिमेंट करने के लिए प्रोजेक्ट्स लेते हो। आपके मन को पसंद आता है, आप वो बनाते हो। मेरे हिसाब से मेरे डैड की मारुति ब्लॉकबस्टर थी। इससे मुझे मेरे करियर को अच्छी शुरुआत मिली थी, वो भी यशराज बैनर के साथ।"
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