मौसमी चटर्जी ने Rajesh Khanna को बताया बिगड़ा साहबजादा, अमिताभ के बारे में कहा- 'मैंने उन्हें चमचों के साथ...'
दिग्गज अदाकारा मौसमी चटर्जी ने अमिताभ बच्चन और राजेश खन्ना दोनों सुपरस्टार्स के साथ काम किया है और उनका स्टारडम भी देखा है। हाल ही में अभिनेत्री ने उनकी आपस में तुलना की और बताया कि कौन बिगड़ा हुआ साहबजादा है और किसने स्टारडम को सिर पर चढ़ने नहीं दिया।

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। 70 के दशक की मशहूर अदाकारा मौसमी चटर्जी ने बतौर अभिनेत्री इंडस्ट्री में सालों तक राज किया है। बड़े पर्दे पर उनकी काबिलियत से हर कोई वाकिफ है। उन्होंने बड़े-बड़े सुपरस्टार्स के साथ स्क्रीन शेयर किया, जिसमें राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) और अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) का नाम भी शामिल है। हाल ही में, मौसमी चटर्जी ने पहली बार राजेश खन्ना और अमिताभ के स्टारडम की तुलना की है।
फिल्मी गलियारों में अगर किसी को पहला सुपरस्टार कहा गया तो वह हैं राजेश खन्ना (Rajesh Khanna)। मगर स्टारडम मिलने के बाद उनके बिहेवियर के भी मनोरंजन जगत में खूब चर्चे हुए। रात भर पार्टी करना, सेट पर टाइम से नहीं आना जैसे तमाम ऐसी बातें थीं जो राजेश खन्ना के बारे में चर्चा का विषय रहीं। उन्होंने स्टारडम के बाद डाउनफॉल भी देखा। राजेश के बाद अमिताभ ने स्टारडम का रस चखा और सिनेमा में एंग्री यंग मैन बनकर राज किया।
राजेश खन्ना के स्टारडम पर क्या बोलीं मौसमी?
हाल ही में, मौसमी चटर्जी ने एक इंटरव्यू में दोनों सितारों के स्टारडम की तुलना की है और राजेश को बिगड़ा साहबजादा बताया है। फिल्मफेयर के साथ बातचीत में मौसमी ने कहा, "वह एक बिगड़े साहबजादा थे। वह एक स्टार थे। उनके पास वो स्टारडम था जो न तो अमिताभ बच्चन, दिलीप कुमार (Dilip Kumar) और न ही देव आनंद (Dev Anand) ने देखा था। शायद थोड़े समय के लिए लेकिन मैंने इसे देखा था। जब आप इतने बड़े सेलिब्रिटी होते हैं और आपको पता होता है कि आप रेत को छूते ही सोना बना देंगे, तो मानसिक संतुलन बनाए रखना बहुत मुश्किल होता है। इसलिए गुस्सा आना स्वाभाविक है।"
यह भी पढ़ें- मौसमी चटर्जी से जलती थीं रेखा, कहा- 'उन्हें लगता था मैं विनोद मेहरा की लाइफ...', फिल्म छीनने का लगाया आरोप
Photo Credit - X
मौसमी ने की अमिताभ की तारीफ
मौसमी ने कहा कि भले ही राजेश से स्टारडम न संभला लेकिन अमिताभ बच्चन ने इसे अच्छे तरीके से संभाला था। आगे उन्होंने कहा, "कहते हैं न एक अनपढ़ गुंडा और पढ़े लिखे गुंडे में बहुत फर्क होता है। उनके हाव-भाव, व्यवहार, शब्दों का चयन। मैंने अमिताभ को कभी चमचों के साथ नहीं देखा। उनके आस-पास किसी को नहीं देखा लेकिन मैं राजेश के साथ ऐसा देखती थी। काका को उस तरह के ध्यान, लाड़-प्यार की जरूरत थी। इसलिए उन्होंने अपने जिंदगी के किरदार को वैसे ही निभाया जैसा वे चाहते थे। यह वाकई दुखद है कि उस ऊंचाई को देखने के बाद वे बुरी तरह गिर गए।"
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।