Meena Kumari की मौत के बाद एक फैन ने चुकाया था हॉस्पिटल का पूरा बिल, परिवार के पास नहीं थे पैसे
मीना कुमारी के निधन को 53 साल पूरे हो गए हैं लेकिन हिंदी सिनेमा में उनके योगदान ने आज भी फैंस के मन में उन्हें जिंदा रखा है। 38 साल की कम उम्र में दुनिया को अलविदा कहने वालीं मीना कुमारी का आखिरी समय बेहद ही दर्दनाक था क्योंकि उनके परिवार के पास हॉस्पिटल का बिल भरने तक के पैसे नहीं थे। उस दौरान फैन ने परिवार की मदद की।

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। महजबीन बानो उर्फ मीना कुमारी ने अपने छोटे से करियर में कई ऐसी यादगार फिल्में दी हैं, जिन्हें सिनेमा के इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा। अगर दिलीप कुमार बॉलीवुड के ट्रेजेडी किंग थे, तो उन्हें हिंदी सिनेमा की ट्रेजेडी क्वीन कहा जाता था। पाकीजा से लेकर बैजू बावरा और दिल एक मंदिर सहित कई फिल्मों में उनके किरदार कुछ ऐसे रहें, जिन्होंने उस समय के दर्शकों की आंखें भी नम कर दी।
मीना कुमारी ने सिर्फ पर्दे पर ही ट्रेजेडी वाले किरदार अदा नहीं किए, बल्कि निजी जिंदगी में भी उन्होंने इतना दर्द सहा कि उन्हें शराब की लत लग गई। महज 38 साल की कम उम्र में लीवर सिरोसिस के कारण अभिनेत्री का निधन हो गया। क्या आपको पता है मीना कुमारी का जब निधन हुआ था, तो उनके परिवार के पास अस्पताल का बिल भरने तक के पैसे नहीं थे। ट्रेजेडी क्वीन मीना कुमारी के परिवार की इस मुसीबत की घड़ी में कोई बॉलीवुड स्टार नहीं, बल्कि उनका एक फैन खड़ा हुआ था। कौन था वह फैन, जिसने मीना कुमारी के निधन के बाद चुकाया था उनके अस्पताल का बिल, पढ़ें एक्ट्रेस की 53वीं डेथ एनिवर्सरी पर उनसे जुड़ा ये किस्सा:
मीना कुमारी के निधन के बाद पाई-पाई का मोहताज हुआ था परिवार
मीना कुमारी का करियर 1950 से लेकर 1960 तक में चरम पर था, लेकिन बाद में उनकी निजी जिंदगी की परेशानियों का असर उनके करियर पर भी पड़ा। साल 1952 में उन्होंने हिंदी सिनेमा के मशहूर डायरेक्टर कमल अमरोही से शादी की, लेकिन कुछ सालों के अंदर ही दोनों का रिश्ता खत्म हो गया। जिसके बाद अभिनेत्री खुद को संभाल न सकीं और गम में डूबती गईं।
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शराब की लत के कारण मीना कुमारी का स्वास्थ्य बिगड़ने लगा और उन्हें लीवर सिरोसिस हो गया। जिसके बाद एक्ट्रेस को मुंबई के सेंट एलिजाबेथ नर्सिंग होम में एडमिट करवाया गया। निर्देशक बिमल रॉय की बेटी रिंकी रॉय भट्टाचार्य ने साल 2014 में रेडिफ को दिए एक इंटरव्यू में ये बताया था कि जब मीना कुमारी का निधन हुआ, तो उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब थी और उनके परिवार के पास 3500 रुपए भी देने के लिए नहीं थे।
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कौन बना था मीना कुमारी के परिवार का सहारा?
रिंकी रॉय भट्टाचार्य ने अभिनेत्री को याद करते हुए बताया था कि उनके निधन के बाद जब उनका परिवार मुसीबत में था, तो कौन था वह शख्स, जिन्होंने उनका साथ दिया।
"जब इंडियन सिनेमा की सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री 31 मार्च 1972 को 3:25 मिनट पर अस्पताल में अंतिम सांस ले रही थीं, तो उनके परिवार के पास मीना कुमारी के पार्थिव शरीर को लेकर जाने के लिए 3500 रुपए नहीं थे। उस समय पर एक डॉक्टर ने आगे आकर परिवार की मदद की थी, ताकि वह एक्ट्रेस को ले जाकर अंतिम क्रिया कर सके। जिस डॉक्टर ने मीना कुमारी के परिवार की मदद की थी, वह उनका बहुत ही बड़ा फैन भी था।
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मीना कुमारी के फिल्मी करियर की बात करें तो उन्होंने बतौर चाइल्ड एक्ट्रेस अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने साल 1939 में अपनी पहली फिल्म 'लैदर फेस' में काम किया, उसके बाद अधूरी कहानी, पूजा, एक ही भूल, नई रोशनी, कसौटी, बहन जैसी कई फिल्मों में एक्ट्रेस ने दमदार अभिनय से फैंस का दिल जीता। मीना कुमारी के करियर की आखिरी फिल्म 'पाकीजा' थी, जो उनके निधन से एक हफ्ते पहले रिलीज हुई थी। फिल्म इंडियन सिनेमा की क्लासिकल फिल्मों में से एक है।
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