'धक-धक गर्ल' का बदला किरदार, 41 साल में पहली बार नेगेटिव रोल प्ले करने पर बोलीं माधुरी दीक्षित
हिंदी सिनेमा की धक-धक गर्ल कही जाने वालीं अभिनेत्री माधुरी दीक्षित 41 साल बाद नेगेटिव रोल प्ले करने जा रही हैं। इस मामले को लेकर माधुरी ने मिसेज देशपा ...और पढ़ें

माधुरी दीक्षित का बदला किरदार (फोटो क्रेडिट- एक्स)
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। अभिनेत्री माधुरी दीक्षित आने वाले समय में सीरियल किलर थ्रिलर वेब सीरीज मिसेज देशपांडे में दिखाई देंगी। हाल ही में माधुरी ने सीरीज के डायरेक्टर नागेश कुकुनूर संग दिए एक इंटरव्यू में कई अहम पहलुओं पर खुलकर बात की है। आइए जानते हैं कि माधुरी ने क्या-क्या कहा है-
नागेश: इस साल की सबसे खूबसूरत यादें क्या रहीं?
माधुरी: मेरे बड़े बेटे का इस साल ग्रेजुएशन हुआ है। वो मेरे लिए बहुत बड़ा सेलिब्रेशन था। उसके अलावा इस सीरीज की शूटिंग खत्म की। बाकी सब भी अच्छा रहा।
नागेश: जुलाई में मेरा शो ‘द हंट : द राजीव गांधी असैसिनेशन केस’ प्रदर्शित हुआ था। वो मेरे लिए बहुत खास शो था। इस साल सितारों की मोटी फीस और पैपराजी कल्चर का मुद्दा छाया रहा। आप जब अमेरिका से वापस आईं, तब पैपराजी कल्चर का कैसा अनुभव रहा था?
माधुरी: आप पब्लिक पर्सनालिटी हैं तो सबमें आपको जानने की जिज्ञासा रहती है। वह आपके साथ सम्मान से पेश आएं और आप उनके साथ, तब तक तो सब ठीक है। जैसे हम इंस्टाग्राम पर कुछ डालते हैं तो उसमें अच्छी-बुरी हर तरह की प्रतिक्रिया आएगी। यह बात मैं अपने लिए कह रही हूं। रही फीस की बात तो हर कलाकार अपनी फीस बताता है। निर्माता उस पर सहमत होंगे तो अच्छी बात है, वरना कोई बात नहीं।

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नागेश: आप लाइमलाइट से क्यों दूरी बनाते हैं? यह जो लाइमलाइट है, उस पर्सनालिटी को सूट भी करनी चाहिए। ईमानदारी से कहूं तो जैसे माधुरी लाइमलाइट को हैंडल करती हैं, मैंने बहुत कम लोगों को वैसे करते देखा है। वरना यह घर ले जाना बहुत बड़ी समस्या है। ‘मिसेज देशपांडे’ को लेकर आपका क्या दृष्टिकोण था?
माधुरी: इस सीरीज के लिए नागेश और अप्लाज एंटरटेनमेंट ने मुझसे संपर्क किया था। मुझे लगा कि सीरियल किलर और मैं! जब स्क्रिप्ट पढ़ी तो शानदार लगी। देखने में तो साधारण गृहणी लगती है, लेकिन किरदार में परतें हैं। मुझे लगा है कि यह कुछ अलग किरदार रहेगा।
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नागेश: अडाप्टेशन में सबसे बड़ी बात यह देखनी होती है कि सांस्कृतिक रूप से क्या स्वीकार्य हैं और क्या नहीं। मूल शो में हिंसा बहुत थी, लेकिन भारतीय संस्करण में मुझे यह किरदार परतदार भी रखना था और पसंद करने वाला भी। मूल शो का टोन बहुत गंभीर था, लेकिन मुझे इसे वैसे नहीं बनाना था। मुझे ऐसे रखना था कि वह मुस्कुरा रही है, खाना बना रही है, लेकिन हम उस पर बिल्कुल यकीन नहीं कर सकते।
माधुरी: शो में काफी खाना बनाया आपने। असल में भी सेट पर कुछ पकाया? खाना तो बनाया ही, लेकिन एक दिलचस्प किस्सा हुआ। सीन के लिए प्रोडक्शन वाले मोदक बनाने वाली विशेषज्ञ लाए थे। वो शायद नर्वस हो गई या कोई और वजह रही मगर उनसे मोदक नहीं बने तो मैंने कहा कि चलो मैं ही बनाती हूं।
नागेश: इसी से जुड़ा किस्सा है। शो में मोदक वाला सीन करते हुए एक-दो टेक हो गए थे तो सारे मोदक अलग-अलग टेक में खत्म हो गए थे। मुझे इस बात की जानकारी नहीं थी कि केटरिंग डिपार्टमेंट ने सीन के लिए कच्चे मोदक बनाकर रख दिए हैं। अगले टेक में जब एक्टर ने मोदक खाते-खाते लाइन बोली तो खाते ही उनका स्वाद बिगड़ा होगा। मैंने गुस्से में कहा कि आपकी समस्या क्या है, तब मुझे पता चला कि असल में मोदक ही कच्चे हैं!
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वह जमीन से जुड़े इंसान हैं। वह आज भी वन बेडरूम घर में ही रहते हैं। उनसे आप बात करेंगे तो आपको खुद महसूस होगा कि वह बहुत अच्छे इंसान हैं।

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