JFF 2024: दिल्ली से यूपी की तरफ बढ़ा जागरण फिल्म फेस्टिवल का कारवां, इन दो शहरों में होगा आयोजन
Jagran Film Festival 2024 मनोरंजन जगत के खास फिल्म समारोह में से एक जागरण फिल्म फेस्टिवल का आगाज हाल ही में दिल्ली में शुरू हुआ था जो करीब 4 दिन के बाद समाप्त हो गया है। जेएफएफ (JFF) में इस बार हमेशा की तरह फिल्मी सितारों का मेला लगा रहा। अब राजधानी दिल्ली के बाद इसका कारवां उत्तर प्रदेश की तरफ रुख कर गया है।
स्मिता श्रीवास्तव, जागरण नई दिल्ली। हर फिल्ममेकर, कलाकार और तकनीशियन की ख्वाहिश होती है कि उसका काम ज्यादा से ज्यादा दर्शकों तक पहुंचे। हालांकि, इंडिपेंडेंट फिल्ममेकर्स की दिक्कत यह होती है कि पहले उन्हें फिल्म बनाने के लिए फंड नहीं मिलता। अगर किसी तरह फंड मिल जाता है तो उसकी रिलीज आसान नहीं होती।
ओटीटी प्लेटफार्म आने के बाद उनकी दिक्कतें थोड़ी कम तो हुई हैं, लेकिन बड़ी स्क्रीन पर फिल्में देखने और दिखाने का आकर्षण ही अलग होता है। उनकी यह ख्वाहिश पूरी करने में जागरण फिल्म फेस्टिवल (जेएफएफ) अहम भूमिका निभाता आ रहा है। इस फेस्टिवल ने कई ऐसे फिल्ममेकर्स को प्लेटफार्म दिया जिनकी फिल्में न सिर्फ प्रदर्शित हुईं, बल्कि उन्हें काफी चर्चा भी मिली।
दिल्ली में हुई थी 12वें जेएफएफ की शुरुआत
इस साल की बात करें तो विगत बृहस्पतिवार से दिल्ली से आरंभ हुए 12वें जागरण फिल्म फेस्टिवल की ओपनिंग फिल्म ईरानी चाय थी। फिल्म का निर्देशन मनोज श्रीवास्तव ने किया था। बतौर निर्देशक उनकी पहली फिल्म ईरानी चाय ने इसी फेस्टिवल के जरिये दिल्लीवासियों के दिल को छुआ। पिछले तीन साल से फेस्टिवल में कैमरामैन के तौर पर काम कर चुके पंकज अब सिनेमैटोग्राफर बन चुके हैं।
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फोटो क्रेडिट- JFF
सिनेप्रेमियों के साथ फेस्टिवल के लिए वालंटियर के तौर पर काम कर चुके कुछ लोगों ने भी फेस्टिवल को अपनी फिल्म दिखाने का माध्यम चुना। फेस्टिवल में प्रदर्शित शार्ट फिल्म पिंटू के निर्देशक कृष्ण सागर इस फेस्टिवल में वालंटियर के तौर पर काम कर चुके हैं और अब अपना फिल्मी करियर बनाने की राह पर हैं।
इतनी फिल्मों की हुई स्क्रीनिंग
बहरहाल, बेहतरीन फिल्मों, शार्ट फिल्म, डाक्यमेंट्री के गुलदस्ते से सजे इस जेएफएफ में सितारों को देखने-सुनने के लिए भी सिरीफोर्ट आडिटोरियम में लंबी-लंबी कतारें देखी गईं। पहले दिन अभिनेता पंकज कपूर ने युवाओं को अभिनय में करियर बनाने को लेकर सलाह दी कि सिर्फ फिल्मी जगत ही नहीं, किसी भी क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं तो पहले तालीम जरूर लें।
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— Jagran Film Festival (@jagranfilmfest) December 5, 2024
सिरीफोर्ट में जागरण फिल्म फेस्टिवल में चार दिनों में दिखाई गईं ने 29 देशों की 102 फिल्में, शार्ट फिल्में व डाक्यूमेंट्री। कई इंडिपेंडेंट फिल्ममेकर्स को प्लेटफार्म मिला, जिनकी फिल्में न सिर्फ प्रदर्शित हुईं, बल्कि उन्हें काफी चर्चा भी मिली।
उन्होंने युवाओं से कहा कि असफल भी रहें तो ईमानदारी से कोशिश करते रहें, सफलता जरूर मिलेगी। सफलता का कोई शार्टकट नहीं होता है। वहीं, गैर-फिल्मी पृष्ठभूमि से आए अभिनेता मनोज बाजपेयी ने भी बताया था कि यह मुकाम उन्हें रातोंरात नहीं मिला था।
मनोज बाजपेयी ने साझा किया अनुभव
उन्होंने फिल्म बैंडिट क्वीन से शुरुआत की थी, उसके ठीक पांच वर्ष बाद उन्हें फिल्म सत्या मिली थी। ये साल मुश्किल रहे, लेकिन उन्होंने खुद पर यकीन रखा। कलाकारों की यह नसीहतें और संघर्ष की बातें यथार्थ के मंच पर जब आमने-सामने होती हैं तो युवाओं का भ्रम टूटता है कि भाई-भतीजावाद भले ही इंडस्ट्री में मौके उपलब्ध करा दे, लेकिन प्रतिभा के दम पर ही फिल्म इंडस्ट्री में मुकाम बनाया जा सकता है।
फोटो क्रेडिट- JFF
जेएफएफ में आए भुवन बाम इसके उदाहरण रहे। उन्होंने बताया था कि किस प्रकार आडिशन के बुरे अनुभव के बाद उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर करियर बनाने की ठानी और उसमें खुद को साबित किया। उसके बाद वेब सीरीज ढिंढोरा और ताजा खबर ने उनकी लोकप्रियता में इजाफा किया।
फोटो क्रेडिट- JFF
इसी तरह, भूमि पेडणेकर, अर्जुन कपूर, तापसी पन्नू, राजपाल यादव ने जब अपने जीवन के पन्नों को खोला तो इस दौरान बना समां कभी तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजा तो कभी इतना शांत कि हर कोई उनके अनुभवों, सुझावों और तौर तरीकों को अपने मन मस्तिष्क में बसा लेना चाहता था।
इसके साथ ही फेस्टिवल का दिल्ली में समापन हो गया। अब यह अपने अगले पड़ाव गंगा, यमुना तथा सरस्वती नदियों के संगम के शहर प्रयागराज और महादेव की नगरी बनारस की ओर प्रस्थान करेगा, जहां पर 13 से 15 दिसंबर तक सिनेप्रेमी इसका आनंद ले सकेंगे।
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