JFF 2024: 'एक समय मैं 12 घंटे शूटिंग करती थी', जब तापसी पन्नू ने बताया- शाह रुख खान और अमिताभ बच्चन के बीच क्या है अंतर
जागरण फिल्म फेस्टिवल (जेएफएफ) के अंतिम दिन एक विशेष सत्र में दैनिक जागरण के एसोसिएट एडिटर अनंत विजय से बातचीत में तापसी ने कहा मैं हिंदी फिल्मों के साथ हर वर्ष एक फिल्म तमिल व तेलुगू में भी करती हूं। हां ये अंतर है कि अब मैं वो बडे़ हीरो वाली फिल्में नहीं करती हूं। अब मैं वो फिल्में ही करती हूं जिसका कंटेंट मुझे पसंद आए।
रीतिका मिश्रा, नई दिल्ली। अभिनेत्री तापसी पन्नू ने कहा, ये कहना गलत है कि दक्षिण भारतीय फिल्म इंडस्ट्री, बॉलीवुड के मुकाबले अच्छा कर रही है। हम सभी हिंदी फिल्में अधिक देखते हैं, इसलिए हमें सिर्फ दक्षिण भारत की हिट फिल्मों का ही पता चलता है, जबकि वहां भी बालीवुड की तरह ही बड़ी संख्या में फिल्में फ्लॉप होती हैं।
अगर हम दोनों जगहों पर हिट फिल्मों का प्रतिशत देखें तो लगभग एक सा ही है। दक्षिण की फिल्में हिंदी सिनेमा पर भारी पड़ रही हैं ऐसा आप तभी कह सकते हैं, जबकि आप उसके नियमित दर्शक हों, इसलिए बिना इसके इतनी बड़ी बात कहना सही नहीं है।
फिल्म सिलेक्शन को लेकर तापसी ने क्या कहा?
जागरण फिल्म फेस्टिवल (जेएफएफ) के अंतिम दिन एक विशेष सत्र में दैनिक जागरण के एसोसिएट एडिटर अनंत विजय से बातचीत में तापसी ने कहा, मैं हिंदी फिल्मों के साथ हर वर्ष एक फिल्म तमिल व तेलुगू में भी करती हूं। हां, ये अंतर है कि अब मैं वो बडे़ हीरो वाली फिल्में नहीं करती हूं। अब मैं वो फिल्में ही करती हूं, जिसका कंटेंट मुझे पसंद आए।
तापसी ने बताया, मैं फिल्म ‘ब्लर’ में दिन के 12 घंटे शूटिंग करने के बाद बचे हुए 12 घंटे निर्माता के तौर पर भी काम करती थी। मुझे आराम करने का समय ही नहीं मिलता था, इसलिए इसके बाद मैंने तय किया कि अपनी बनाई फिल्मों में मैं अभिनय नहीं करूंगी।
तापसी ने पिंक फिल्म के अनुभव को किया शेयर
पिंक की शूटिंग के अनुभव साझा करते हुए उन्होंने बताया, कोर्ट रूम की शूटिंग थिएटर की तरह एक बार में ही पूरी कर ली गई थी। जब भी किसी कलाकार का कठघरे का सीन होता था तो सीन खत्म होने के बाद उसका मेंटल ब्रेकडाउन होना निश्चित होता था, क्योंकि सभी किरदार अपने रोल में बहुत घुस चुके थे।
तापसी ने कहा, "मेरे करियर में मैंने डेविड धवन, अनुराग कश्यप, राजकुमार हीरानी, अनुभव सिन्हा व अन्य निर्देशकों के साथ काम किया। मेरे निर्देशकों में ये सब जो विविधता है, इसे लेकर मैंने कोई योजना नहीं बनाई थी।"
उन्होंने आगे कहा कि मुझे लगता है जीवन वह है जो तब घटित होता है जब आप अन्य योजनाएं बनाने में व्यस्त होते हैं। आप सोचते रह जाते हैं कि मैं ये करूंगा, वो करूंगा पर साथ-साथ में आपकी जिंदगी चलती चली जाती है। मैं जब इंडस्ट्री में आई तो मैं उस समय उपलब्ध विकल्पों में से अपने लिए सबसे अच्छा चुन लेती थी, लेकिन ये जरूर ध्यान रखती थी कि मैं जो भी कर रहीं हूं, चाहे वो मेरी फिल्म चश्मेबद्दूर हो, बेबी, पिंक, नाम शबाना हो, डंकी हो, या कोई भी अन्य फिल्म हो, वो फिल्म ऐसी होनी चाहिए जो दर्शक के रूप में मुझे पसंद आए।
आज भी इस बात का ध्यान रखती हूं, इसीलिए मेरी फिल्मों के चयन में भी शायद इतनी विविधता है। फिल्ममेकर राजकुमार हीरानी से जुड़ा एक किस्सा साझा करते हुए उन्होंने कहा, जब पहली बार मुझे मनमर्जियां देखने के बाद उन्होंने मुझे मिलने के लिए मैसेज भेजा तो मुझे लगा कोई मजाक कर रहा है। मैंने कुछ लोगों से उनका मोबाइल नंबर चेक किया, फिर उनसे मिलने गई तो उन्होंने एक-दो घंटे मुझसे सिर्फ ये ही पूछा तापसी आपने ये रोल कैसे किया?
राजकुमार हीरानी, अनुराग कश्यप और अनुभव सिन्हा जैसे फिल्म निर्देशकों के काम करने के तौर-तरीकों को लेकर उन्होंने कहा, अनुराग और अनुभव सिन्हा का दृष्टिकोण होता है कि तुम बस अपने सीन परफार्म कर लो, बाकी एडिटिंग में हम देख लेंगे कि कौन सा सीन कैसे और कितना रखना है। वहीं, राजकुमार हीरानी और डेविड धवन के साथ काम करने का अनुभव बिल्कुल अलग है।
दोनों एडिटर के बाद निर्देशक बने हैं। उनके दिमाग में रहता है कि उनको किस सीन में क्या चाहिए। किस समय किस कलाकार की क्या प्रतिक्रिया चाहिए और फिल्म में वो कहां लगानी है। वो निर्देशित करते समय भी बताते हैं कि इस डायलॉग के बाद मैं ये प्रतिक्रिया रखने वाला हूं तो मुझे इस डागलॉग की प्रतिक्रिया दे दो।
इन दोनों निर्देशकों के साथ शूटिंग करते समय दिमाग में रखना पड़ता था कि ऐसा सीन करूं कि उन्हें एडिटिंग में परेशानी न हो। राजकुमार हीरानी का एक फिल्म में संपादन आधारित दृष्टिकोण होता है, वहीं अनुराग कश्यप का प्रदर्शन आधारित दृष्टिकोण होता है। इसमें कुछ भी गलत या सही नहीं होता है, हर फिल्म कुछ सिखाती ही है।
तापसी ने बताया शाह रुख-अमिताभ के साथ काम करने का अनुभव
अमिताभ बच्चन और शाह रुख खान के साथ काम करने के अंतर पर उन्होंने कहा, मेरे हिसाब से उन दोनों में बस उम्र और अनुभव का ही एक अंतर लगता है। उन्होंने पिंक और बदला फिल्म का अनुभव साझा करते हुए बताया, अमिताभ बच्चन हमेशा सीखने के प्रति उत्सुक रहते हैं और उनको मुझसे हमेशा एक ही शिकायत रहती थी। वो कहते थे मोहतरमा, आप थोड़ा रिहर्सल क्यों नहीं करती हैं?
उन्होंने कहा, दोनों फिल्मों की शूटिंग के दौरान अमिताभ बच्चन कम से कम डेढ़-दो घंटा रिहर्सल करते थे और उसके बाद शूटिंग चालू होती थी। शाह रुख खान की बात करें तो मैं इसी में खुश हो जाती हूं कि वो भी दिल्ली से हैं और मैं भी दिल्ली से हूं।
सेट पर उनसे इसी तरह से ही बातचीत की शुरुआत की थी। उनका किसी भी विषय पर ज्ञान इतना ज्यादा है कि आप उनसे घंटों बात कर सकते हैं। वो पूरे तथ्य और आंकड़ों के साथ बात करते हैं। डंकी की शूटिंग उनके साथ डेढ़-दो वर्ष चली और मुझे लग रहा है कि उनके साथ और फिल्में करने को मिलें, ताकि मुझे उनसे सीखने को मिले।
फिल्म गंधारी में नजर आएंगीं तापसी
तापसी ने कहा,"10 दिनों बाद वो गांधारी फिल्म की शूटिंग शुरू करने वाली हैं। ये एक एक्शन थ्रिलर है और एक मां का अपनी बेटी के लिए बदला लेने से जुड़ी कहानी है। मैंने बेबी और नाम शबाना के बाद कभी एक्शन फिल्म नहीं की थी, क्योंकि मुझे लगा कि अब अगर एक्शन करूंगी तो वो इन दोनों फिल्मों से काफी अधिक एक्शन वाला होना चाहिए और रोल जासूसी से थोड़ा अलग हो।"
उन्होंने हंसते हुए कहा,"फिलहाल इंडस्ट्री में जासूसों के किरदारों की बाढ़ आ गई है, लेकिन इस तरह के किरदार से मेरा मन फिलहाल भर चुका है। एक सिनेप्रेमी के सवाल का जवाब देते हुए तापसी ने कहा, मेरी ये इच्छा है कि मैं सानिया मिर्जा के जीवन को बड़े पर्दे पर अदा करूं, लेकिन अभी नहीं कुछ समय के बाद।"
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