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    'OTT पर नहीं मिलती आजादी, कमियां निकालती है कमेटी', Black Warrant डायरेक्टर विक्रमादित्य मोटवाने का खुलासा

    Updated: Sun, 30 Mar 2025 12:48 PM (IST)

    बड़े पर्दे पर धमाल मचाने वाले निर्माता-निर्देशक विक्रमादित्य मोटवाने ने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर भी अपनी छाप छोड़ी है। उनकी हालिया रिलीज सीरीज ब्लैक वॉरंट (Black Warrant) को काफी पसंद किया गया था। अब उन्होंने खुलासा किया है कि ओटीटी पर काम करना कितना मुश्किल है और क्या-क्या चैलेंजेस आते हैं। ओटीटी के मुद्दे पर वह क्या बोले हैं चलिए जानते हैं।

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    ओटीटी से जुड़ी समस्या पर बोले विक्रमादित्य मोटवाने। फोटो क्रेडिट- इंस्टाग्राम

     एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। बीते दिनों 1994 की कंट्रोवर्शियल फिल्म 'बैंडिट क्वीन' के ओटीटी पर एडिट किए जाने को लेकर फिल्ममकर्स में नाराजगी दिखी थी। फिल्म के डायरेक्टर शेखर कपूर ओटीटी प्लेटफॉर्म से बहुत खफा हुए थे और हंसल मेहता ने उनका सपोर्ट किया था। यहां तक कि अनुराग कश्यप भी ओटीटी पर नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। इसकी वजह सिर्फ एक है, फिल्ममेकर्स को ओटीटी पर आजादी न मिलना। उनका कहना है कि ओटीटी पर उन्हें क्रिएटिव फ्रीडम नहीं मिल रही है।

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    किसी फिल्म को सिनेमाघरों में जाने से पहले CBFC यानी सेंसर बोर्ड से गुजरना पड़ता है। बिना सर्टिफिकेट के फिल्म बड़े पर्दे पर जा ही नहीं सकती है। मगर ओटीटी के साथ ऐसा नहीं था। कहते हैं कि ओटीटी पर फिल्म या सीरीज के कंटेंट पर कोई रोक-टोक नहीं है लेकिन यह गलत है। विक्रमादित्य मोटवाने का कहना है कि फिल्मों की तुलना में ओटीटी पर सेंसरशिप ज्यादा सख्त है।

    ओटीटी पर क्या आ रहीं मुश्किलें

    मिड-डे के मुताबिक, विक्रमादित्य से पूछा गया कि क्या उन्हें उतनी ही आज़ादी मिलती अगर ओटीटी प्लेटफार्म उनकी फिल्म के शुरुआती दौर में ही जुड़ जाते। इस पर ब्लैक वॉरंट डायरेक्टर ने कहा, "स्ट्रीमर्स से सीधे निपटने पर आपके पास इतनी आजादी नहीं होती। मुझे सहयोग करने में कोई दिक्कत नहीं है लेकिन यह सही होना चाहिए। समितियां चीजों को नहीं बना सकतीं।"

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    Vikramaditya Motwane

    विक्रमादित्य मोटवाने ने आगे कहा, "आपको क्रिएटर्स का सपोर्ट करना चाहिए। फीडबैक प्रक्रिया के दौरान हमें यह बताने के बजाय कि हम गलत हैं, हमें ऑप्शन बताएं। जब अधिकारियों को बहुत सारे कंटेंट दिए जाते हैं, तो वे हर चीज को सहज तरीके से देखते हैं। यह प्रतिकूल हो जाता है क्योंकि आप हर चीज को एक ही तरह से देख रहे होते हैं।"

    सपोर्ट्स बायोपिक लिख रहे हैं विक्रमादित्य

    लूटेरा, ट्रैप्ड, भावेश जोशी सुपरहीरो और एके वर्सेज एके जैसी फिल्में बना चुके विक्रमादित्य मोटवाने को उड़ान से पॉपुलैरिटी मिली थी। निर्देशन की कमान संभालने से पहले वह संजय लीला भंसाली को देवदास और हम दिल दे चुके सनम जैसी फिल्मों के लिए असिस्ट भी कर चुके हैं। आज वह ओटीटी पर भी काफी एक्टिव हैं। उन्होंने ओटीटी पर सैक्रड गेम्स सीरीज से डेब्यू किया था। वह ओटीटी पर रिलीज घौल, जुबिली, ब्लैक वॉरंट सीरीज और CTRL फिल्म बना चुके हैं।

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