'अंडर गारमेंट का ब्रांड...' Amitabh Bachchan ने बताया क्यों Don 3 को खरीदना नहीं चाहते थे डिस्ट्रीब्यूटर
अमिताभ बच्चन की फिल्म डॉन साल 1978 में आई थी। फिल्म की कहानी सलीम-जावेद ने लिखी थी। वहीं नरीमन ईरानी इसके निर्माता थे। चन्द्र बरोट फिल्म के निर्माता थे। फिल्म अपने समय की कल्ट क्लासिक फिल्म कहलाई लेकिन क्या आपको पता है कि जब ये फिल्म बनी थी तब कोई डिस्ट्रीब्यूटर इसे खरीदना नहीं चाह रहा था?

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। दिग्गज फिल्ममेकर चंद्रा बरोट का 20 जुलाई को निधन हो गया। वह 86 साल के थे। उनकी पत्नी दीपा बरोट ने इस खबर की पुष्टि की। टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, बरोट पिछले 7 साल से पल्मोनरी फाइब्रोसिस नाम की बीमारी से जूझ रहे थे।
फिल्म के टाइटल की वजह से लोग कंफ्यूज थे
बरोट को अमिताभ बच्चन की फिल्म डॉन डायरेक्ट करने के लिए जाना जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि डॉन जब रिलीज हुई थी तब पहले हफ्ते ये फ्लॉप रही थी। दूसरा डिस्ट्रीब्यूटर इसे लेना नहीं चाह रहे थे क्योंकि उन्हें फिल्म का टाइटल पसंद नहीं आया था। कई लोग इस बात से कन्फ्यूज थे क्योंकि उन्हें फिल्म का टाइटल किसी अंडर गारमेंट ब्रांड का लगा था।
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अमिताभ बच्चन ने सुनाया था मजेदार किस्सा
दरअसल, 2020 में एक ब्लॉग पोस्ट में अमिताभ बच्चन ने इससे जुड़ा एक मजेदार किस्सा शेयर किया था। उन्होंने लिखा,"जब चंद्रा और सलीम-जावेद ने फिल्म का नाम 'डॉन' घोषित किया, तो कोई भी डिस्ट्रीब्यूटर इसे स्वीकार करने को तैयार नहीं था। सबने सोचा कि यह नाम उस जमाने के एक लोकप्रिय ब्रांड,डॉन अंडरवियर के नाम पर रखा गया है। फिल्म 'गॉडफादर' उस समय फिल्मी दुनिया में अपनी पहचान बना रही थी। उस समय तक डॉन शब्द अनजाना था।"
कौन-कौन से कलाकार आए थे नजर?
डॉन में अमिताभ बच्चन डबल रोल में नजर आए। उनके किरदार का नाम विजय और डॉन था। फिल्म में उनके साथ रोमा के रूप में जीनत अमान, जसजीत के रूप में प्राण, डीएसपी डिसिल्वा के रूप में इफ्तिखार और वर्धन के रूप में ओम शिवपुरी नजर आए। इसके अलावा सत्येन कप्पू, पी. जयराज, कमल कपूर, अर्पणा चौधरी और हेलेन भी इसका हिस्सा थे।
कई फिल्मों में किया असिस्टेंट डायरेक्ट के तौर पर काम
निर्देशक बनने से पहले, चंद्रा बारोट ने पूरब और पश्चिम, यादगार, शोर और रोटी कपड़ा और मकान जैसी फिल्मों में सहायक निर्देशक के रूप में काम किया। डॉन के अलावा, उन्होंने आश्रिता, प्यार भरा दिल, हांगकांग वाली स्क्रिप्ट और नील को पकड़ना...इम्पॉसिबल जैसी परियोजनाओं का निर्देशन किया।
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