कारगिल में जंग छिड़ी तो एक्टिंग छोड़ सेना में शामिल हुआ था 'सिनेमा का क्रांतिवीर'; LOC पर संभाला था मोर्चा
कारगिल का युद्ध भारतीय सेना की बहादुरी और विक्रम बत्रा जैसे कई जांबाज सैनिकों के बलिदान का परिचय देता है। दुश्मन देश पाकिस्तान को इस युद्ध में मुंह की खानी पड़ी थी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हिंदी सिनेमा के एक दिग्गज अभिनेता का नाम भी कारगिल युद्ध की वजह से लोकप्रिय हुआ था। आइए जानते हैं कि वो सुपरस्टार आखिर कौन है।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। ये देश है वीर जवानों का, अलबेलों का मस्तानों का... 1957 में दिलीप कुमार साहब की एक फिल्म रिलीज होती है, जिसमें ये गाना दिखाया गया। सुरों के सरताज मोहम्मद रफी और बलवीर सिंह ने इसे अपनी जादुई आवाज दी। इस गाने का जिक्र इसलिए किया जा रहा है कि सिनेमा से निकला ये गाना भारतीय सेना और देशवासियों में देशभक्ति जुनून भर देता है। इस जोश और जब्जे के साथ इंडियन आर्मी ने 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil War) के दौरान दुश्मन देश पाकिस्तान को खदेड़ दिया था।
LOC कारगिल युद्ध की जब भी बात छेड़ी जाती है, तो उसे भारतीय सेना पराक्रम की गाथा के तौर पर जाना जाता है। लेकिन हिंदी सिनेमा के इस दिग्गज अभिनेता का नाम भी कारगिल युद्ध को लेकर चर्चा में आया था, जिसने देश सेवा के लिए एक्टिंग को बीच में छोड़ दिया था। आइए जानते हें कि सिनेमा का वो क्रांतिवीर कौन था।
इंडियन आर्मी का हिस्सा रहा है ये एक्टर
जब बात देश की सलामती पर आती है तो हर भारतवासी कुछ कर गुजरने को तैयार हो जाता है। ऐसा ही एक पल फिल्म इंडस्ट्री के अभिनेता के जीवन में आया था, जब कारगिल युद्ध छिड़ा था। एक्टर का नाम नाना पाटेकर (Nana Patekar) है और भारत माता की रक्षा के लिए फिल्मी करियर को ताक पर रखकर भारतीय सेना का ज्वाइन किया था।
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कुछ समय पहले अमिताभ बच्चन के रियलिटी शो कौन बनेगा करोड़पति 16वां सीजन के एपिसोड के दौरान नाना भी नजर आए थे। उस दौरान उन्होंने बताया था कि वह इंडियन आर्मी का हिस्सा रह चुके हैं। उन्होंने कहा था-
मैंने 3 साल तक भारतीय सेना की मराठा लाइट इन्फेंट्री में ट्रेनिंग की थी। उस दौरान मैं फिल्म प्रहार को लिख रहा था, जो एक इंडियन आर्मी की वीरता की कहानी पर आधारित रही। जब भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध छिड़ा तो मैंने भी अपनी भारत माता की रक्षा के लिए जवानों के साथ मोर्चा संभालने के लिए डिवीजन के सीनियर अधिकारियों के साथ संपर्क किया।
फोटो क्रेडिट- सोनी लिव
लेकिन इसके लिए मुझे परमिशन नहीं मिली और बाद में पता लगा कि सिर्फ रक्षा मंत्री साहब इसके लिए इजाजत दे सकते हैं। जॉर्ज फर्नांडिस साहब उस वक्त डिफेंस मिनिस्टर हुआ करते थे और मेरी उनसे जान पहचान थी।
फोटो क्रेडिट- फेसबुक
बिना समय व्यर्थ करते हुए मैंने सीधा उनको कॉल किया, लेकिन बात नहीं बनी। फिर मैंने बताया कि कमीशन के लिए 6 महीने की ट्रेनिंग की जरूरत पड़ती है और मेरे पास तो 3 साल की ट्रेनिंग का अनुभव है। तब जाकर बात बनी और मैं सेना में शामिल हो पाया।
सेना की इस टीम का रहे हिस्सा
अगस्त 1999 में नाना पाटेकर ने सेना की क्विक रिस्पॉन्स टीम के साथ मिलकर एलओसी का मोर्चा संभाला। वह काफी समय तक वहां रहे और उन्होंने मिलिट्री हॉस्पिटल में भी काम किया था। एक्टर ने बताया था कि जब श्रीनगर पहुंचे थे तो उनका वजन 76 किलो था और आर्मी के साथ वक्त बिताकर, वहां के नियम कानून और अनुशासन को फॉलो करते हुए बाद में उनका वजन घटकर 56 किलो हो गया था।
फोटो क्रेडिट- IMDB
इन फिल्मों के लिए 3 बार मिला नेशनल अवॉर्ड
हालांकि, बाद में सेना से लौटने के बाद नाना पाटेकर ने अपने एक्टिंग करियर को शुरू किया। बता दें कि एक्टर को इन तीन फिल्मों के लिए अलग-अलग सालों में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाजा गया था।
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परिंदा- 1990 (बेस्ट सपोर्टिंग रोल)
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क्रांतिवीर- 1995 (बेस्ट एक्टर)
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अग्नि साक्षी- 1997 (बेस्ट सपोर्टिंग रोल)
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