एसेंबली इलेक्शनः कांग्रेस भी बनी बागियों की खेवनहार
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2017 के लिए भाजपा ने 13 सीटों पर कांग्रेस छोड़कर आने वालों को प्रत्याशी बनाया।वहीं कांग्रेस ने छह ऐसे नामों को जगह दी, जो भाजपा छोड़कर आए थे।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: कल तक दलबदल और राजनीति में नैतिकता की दुहाई देने वाली कांग्रेस ने भी बागियों से परहेज नहीं किया। भाजपा ने जहां 13 सीटों पर कांग्रेस छोड़कर आने वालों को प्रत्याशी बनाया है, वहीं कांग्रेस ने पहली सूची में छह ऐसे नामों को जगह दी, जो भाजपा छोड़कर आए थे। कांग्रेस के इस फैसले से जहां कांग्रेस में बगावत की आशंका बढ़ गई है, वहीं नैतिकता की बात कर बढ़त लेने का हक भी कांग्रेस से खिसक गया है।
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2017 के लिए जारी कांग्रेस की 63 सीटों की सूची में भाजपा से बगावत करने वाले छह लोगों को जगह मिली। इनमें पांच पूर्व भाजपा विधायक शामिल हैं।
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इन पूर्व विधायकों में पुरोला से राजकुमार, घनसाली से भीमलाल आर्य, रुड़की से सुरेशचंद जैन, यमकेश्वर से शैलेंद्र रावत और भीमताल से दान सिंह भंडारी हैं।
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इनके अलावा बाजपुर से प्रत्याशी बनाई गईं सुनीता बाजवा भी हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुई हैं। इनमें से दान सिंह भंडारी और भीमलाल आर्य पहले ही भाजपा को छोड़ कांग्रेस का दामन थाम चुके थे, जबकि बाकी ने टिकट नहीं मिलने के बाद कांग्रेस का हाथ पकड़ा।
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कांग्रेस की सूची जारी किए जाने से पहले तक कांग्रेस भाजपा को दलबदल और धनबल के इस्तेमाल को लेकर घेर रही थी। इसके साथ ही कांग्रेस का दावा था कि वे इस परंपरा का समर्थन नहीं करेंगे और एक-दो सीटों से ज्यादा पर बागियों को नहीं उतारेंगे। इसके बावजूद करीब 10 फीसद सीटें बागियों को देकर कांग्रेस खुद ही इस मुद्दे पर घिरने की स्थिति में आ गई है।
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दलबदल के मुद्दे पर नैतिक बढ़त तो कांग्रेस ने खो ही दी, इसके साथ ही कांग्रेस में भी बगावत की आशंका बढ़ गई है। पहले से ही कई सीटों पर बगावत की नौबत है और ऐसे में इन सीटों पर भी यही स्थिति आ सकती है।
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इसके साथ ही अभी सात सीटें घोषित होना बाकी है। इन सीटों में से भी किसी पर कांग्र्रेस अगर बागियों को मौका देती है तो परेशानी और बढ़ेगी। भाजपा को भी अब इस मुद्दे पर आवाज बुलंद करने का मौका मिलेगा।
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अभी तक भाजपा इस मामले में बैकफुट पर थी और दलबदल के आरोपों का सामना कर रही थी, लेकिन भाजपा छोड़कर जाने वालों को गोद में बैठाने के बाद कांग्रेस को अब इस मुद्दे पर थोड़ा संभलकर जवाब देना होगा।
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चर्चा यह भी है कि कुछ सीटों पर कांग्रेस भाजपा के बागियों को पर्दे के पीछे से समर्थन देने की योजना पर काम कर रही है। इन सीटों पर कांग्र्रेस की कोशिश भाजपा के बागियों को वोट काटने वालों के तौर पर इस्तेमाल करने की है।
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