Lok Sabha Election 2024: अब इस प्रदेश में बढ़ीं कांग्रेस की मुश्किलें, अनदेखी से नाराज नेता; हाईकमान को लिखे पत्र में कही बड़ी बात
Lok Sabha Election 2024 पंजाब में कांग्रेस की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। अब पार्टी के टकसाली नेता टिकट वितरण में अनदेखी से नाराज हैं। पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष शमशेर सिंह दूलो ने पार्टी हाईकमान को पत्र लिख अपनी नाराजगी जाहिर की। सोनिया गांधी राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को लिखे पत्र में दूलो ने कहा कि पुराने नेताओं की उपेक्षा ठीक नहीं है।
जय सिंह छिब्बर, चंडीगढ़। लोकसभा चुनाव के चलते पंजाब में राजनीतिक माहौल गरमा गया है। चुनाव जीतने के लिए सभी राजनीतिक पार्टियां एड़ी-चोटी का जोर लगा रही हैं। दूसरी ओर कांग्रेस का अंदरूनी क्लेश बढ़ता जा रहा है। बताया जा रहा है कि पार्टी के टकसाली नेता चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर काफी नाराज हैं। इस कारण उन्होंने चुनाव प्रचार से दूरी बना ली है।
अनदेखी पड़ सकती भारी
हाईकमान की ओर से टकसाली नेताओं की अनदेखी पार्टी को भारी पड़ सकती है। पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष शमशेर सिंह दूलो टिकट बंटवारे से नाराज हैं। उन्होंने पार्टी की टिकट वितरण नीति को लेकर सोनिया गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और केसी वेणुगोपाल को पत्र लिखा है और दलबदलू उम्मीदवारों के टिकटों पर पुनर्विचार करने की मांग की है।
दूलो ने पार्टी को चेताया
दूलो ने कहा कि अगर वरिष्ठ और पुराने नेताओं की उपेक्षा नहीं रोकी गई और उम्मीदवारों पर पुनर्विचार नहीं किया गया तो विधानसभा-2022 चुनाव जैसे नतीजे आने का डर है। पार्टी ने लोकसभा चुनाव में दलबदलुओं को टिकट दिया है। होशियारपुर में आम आदमी पार्टी की नेता रहीं यामिनी गोमर को उम्मीदवार बनाया गया है, जबकि पवन आदिया होशियारपुर से टिकट के दावेदार थे।
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इन्हें पार्टी दे सकती थी टिकट
इसी तरह फरीदकोट में शिरोमणि अकाली दल की पृष्ठभूमि से आने वाली अमरजीत कौर साहोके को उम्मीदवार बनाया गया है। उन्होंने कहा कि अगर हाईकमान को महिला उम्मीदवारों को टिकट देना ही था तो पूर्व मुख्यमंत्री बीबी राजिंदर कौर भट्ठल, पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष चौधरी और प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष गुरशरण कौर रंधावा को मैदान में उतारना चाहिए था।
सोनिया गांधी को खत में ये लिखा
पार्टी के पुराने नेताओं को लग रहा है कि हाईकमान ने अतीत से सबक नहीं लिया है और उन नेताओं को नजरअंदाज कर दिया है, जो आतंकवाद के काले दौर में पार्टी के साथ खड़े थे। दूलो ने सोनिया गांधी से अपील की है कि पार्टी के प्राथमिक सदस्य होने के नाते वह उम्मीदवारों पर पुनर्विचार करने की अपील करते हैं, अन्यथा 2022 के नतीजे आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि 2022 में भी पार्टी ने शराब, ड्रग्स, खनन, एससी स्कॉलरशिप, ईडी और विजिलेंस जांच से जुड़े लोगों को उम्मीदवार बनाया था। इससे पार्टी की हार हुई थी।
चुनाव में भी इन नेताओं ने साध रखी है चुप्पी
उधर, दूलो के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्ठल, पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष लाल सिंह व पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिद्धू ने राजनीतिक चुप्पी साध रखी है। बताया जा रहा है कि ये नेता हाईकमान की उपेक्षा से बेहद नाराज हैं। एक नेता ने कहा कि प्रदेश के मौजूदा नेतृत्व ने अकेले खेलने की मंशा से ही टकसाली नेताओं को बाहर कर दिया है।
नाराजगी के कारण अब तक ये नेता छोड़ चुके हैं पार्टी
टिकट न मिलने से नाराज पूर्व सांसद मोहिंदर सिंह केपी, पूर्व सांसद चौधरी संतोख सिंह की पत्नी कर्मजीत कौर और धूरी से पूर्व विधायक दलबीर सिंह गोल्डी ने कांग्रेस छोड़ दी है। जालंधर में केपी और चौधरी परिवार कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को चुनौती दे रहे हैं।
इसके अलावा गुरप्रीत सिंह जीपी, तीन बार के सांसद रवनीत सिंह बिट्टू और विधायक डॉ. राज कुमार चब्बेवाल ने भी कांग्रेस को अलविदा कह दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुनील जाखड़ समेत कई बड़े नेताओं ने पहले ही पार्टी छोड़ दी थी। इससे पार्टी की स्थिति कमजोर हुई है।
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