इंदौर के कांग्रेस प्रत्याशी रहे अक्षय कांति ने क्यों छोड़ी पार्टी, खुद किया खुलासा, कैलाश विजयवर्गीय ने कही ये बात
MP Lok sabha Election 2024 लोकसभा चुनाव के लिए इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी रहे अक्षय कांति ने बीजेपी का दामन थाम लिया। इस घटना की देशभर में चर्चा रही। अब खुद अक्षय कांति ने इस बात का खुलासा कर दिया कि उन्होंने क्यों कांग्रेस छोड़ी। वहीं कैलाश विजयवर्गीय ने भी उनके बीजेपी में शामिल होने का घटनाक्रम बताया।
Lok sabha Election 2024: चुनाव डेस्क, नई दिल्ली। इंदौर में कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने अचानक कांग्रेस पार्टी छोड़ दी और बीजेपी में शामिल हो गए। इस घटना की देशभर में चर्चा है। इसी बीच अक्षय बम ने खुद इस बात का खुलासा किया है कि वे क्यों ऐन वक्त पर कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए। वहीं कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि यह घटनाक्रम कैसे हुआ।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लेकर क्या कही बात?
अक्षय ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि कांग्रेस प्रत्याशी बनने के बाद उनके चुनाव प्रचार लगातार कैंसिल हो रहे थे और बूथ पर कांग्रेसी भी सक्रिय नहीं हो रहे थे। कांग्रेस कार्यकर्ता प्रचार सामग्री भेजने के बाद भी बात नहीं मान रहे थे। तब मैंने सोचा कि मेरी टीम और समाज चुनाव प्रचार कार्य में लगा हुआ है, लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ता काम नहीं कर रहे थे। यही कारण रहा कि वोट देने वालों को 'धोखा' देने से अच्छा मुझे नामांकन वापस लेना ही सही लगा और लगातार जनसंपर्क कैंसिल होने की वजह से मैंने बीजेपी में आना ही बेहतर समझा।
अक्षय ने बताया कि 'लोकसभा चुनाव पार्टी की विचारधारा पर लड़ा जाता है, व्यक्ति नहीं लड़ता है। इंदौर में विचारधारा नजर नहीं आई। विधानसभा चुनाव में टिकट मांगा, लेकिन नहीं दिया। लोकसभा चुनाव के लिए भी 2600 बूथ के लिए सामग्री छपवाई थी, लेकिन सामग्री कांग्रेस के नेताओं के घरों में रखी रही। नोटा कैम्पेन को लेकर उन्होंने कहा कि 'नोटा का कैम्पेन अधिक सार्थक नहीं है, क्योंकि लोकतंत्र में नोटा को अधिक मत भी मिलते है तो भी दूसरे नंबर का प्रत्याशी विजेता होता है।'
'उस दिन अक्षय का कॉल आया और...', जानें क्या बोले विजयवर्गीय
अक्षय कांति के बीजेपी में शामिल होने को लेकर कैलाश विजयवर्गीय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि '29 तारीख को अक्षय बम ने नामांकन वापस लेने का विचार किया और मेरे को फोन किया।' कहा 'भाई साहब में नामांकन वापस लेना चाहता हूं।' इस पर मैंने कहा कि नामांकन क्यों ले रहे हो, उन्होंने कांग्रेस की नकारात्मक सोच के कारण नामांकन वापस लेने की बात कही।' इस पर मैंने कहा कि 'अपने अधिकर्ता को भेजकर उठा लो', लेकिन अक्षय ने कहा कि 'मैं अकेले जाकर ही नामांकन वापस लूंगा।' इसके बाद मैंने रमेश जी को साथ भेजा।