अल्मोड़ा लोकसभा आरक्षित सीट पर सिटिंग सांसदों में है मुकाबला, जानिए यहां सियासी गणित
अल्मोड़ा लोकसभा सीट में एक बार फिर चिरपरिचित प्रतिद्वंद्वी आमने-सामने हैं। बसपा यूकेडी एवं अन्य दलों के प्रत्याशियों की मौजूदगी महज कोई खास असर डालने वाली नहीं है।
पिथौरागढ़, जेएनएन : अल्मोड़ा लोकसभा सीट में एक बार फिर चिरपरिचित प्रतिद्वंद्वी आमने-सामने हैं। बसपा, यूकेडी एवं अन्य दलों के प्रत्याशियों की मौजूदगी भले हो, लेकिन सीट का गणित बता रहा है कि मुकाबले में भाजपा व कांग्रेस ही हैं। चार जिले, 14 विधानसभा क्षेत्र और 12.35 लाख मतदाताओं वाली इस आरक्षित सीट का मिजाज राष्ट्रीय मुद्दों पर केंद्रित नजर आता है।
मुकाबला
अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र में मुख्य मुकाबला दोनों राष्ट्रीय पार्टियों भाजपा और कांग्रेस में है। भाजपा के अजय टम्टा और कांग्रेस के प्रदीप टम्टा 2014 के बाद एक बार फिर यहां आमने-सामने हैं।
भाजपा प्रत्याशी अजय टम्टा की ताकत
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम
- मजबूत संगठन
- केंद्रीय राज्यमंत्री होना
- कमजोरी
- क्षेत्र में कम जनसम्पर्क
- जनता के बीच दमदार छवि नहीं होना
- पांच साल के कार्यकाल के चलते सत्त्ता विरोधी रु झान
कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप टम्टा की ताकत
- जन संगठनों में सक्रियता के कारण क्षेत्र में पहचान
- एक बार सांसद रहने और विधायक रहने का फायदा
- क्षेत्र में पकड़ रखने वाले पूर्व सीएम हरीश रावत का करीबी होना
प्रदीप टम्टा की कमजोरी
- दूरदराज क्षेत्रों में व आम जनता के बीच उपलब्धता कम
- राज्य सभा सदस्य होने के बावजूद विकास कार्यों के लिए जुझारूपन नहीं दिखा
- सांगठनिक कमजोरी और चुनाव पूर्व उभरी गुटबाजी
क्षेत्र में चर्चित मुद्दे
- बेरोजगारी
- संसदीय क्षेत्र में सभी घोषणाओं का धरातल पर नहीं होना
- पिथौरागढ़ की हवाई सेवा का बंद होना
- पिथौरागढ़ में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना
- संसदीय क्षेत्र की बदहाल चिकित्सा और शिक्षा व्यवस्था
सामाजिक समीकरण
अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र सुरक्षित क्षेत्र है। सीट पर सबसे अधिक राजपूत मतदाता, दूसरे नंबर पर ब्राह्मण, तीसरे नंबर पर अनुसूचित जाति और चौथे नंबर पर अनुसूचित जनजाति के वोटर हैं। संसदीय क्षेत्र चार जिलों अल्मोड़ा, पिथौरागढ, चम्पावत और बागेश्वर जिलों में फैला है। अल्मोड़ा , पिथौरागढ़ और बागेश्वर तीन जिले पूरी तरह पर्वतीय, चम्पावत का एक हिस्सा मैदानी क्षेत्र है।
स्टार प्रचारकों का प्रभाव
अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र में अल्मोड़ा में कांग्रेस के स्टार प्रचारक राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी पहुंचे। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित साह का दौरा अंतिम समय में रद हुआ और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पहुंची। पिथौरागढ़ जिले में भाजपा के गृह मंत्री राजनाथ सिंह आए। राहुल गांधी ने न्याय योजना, अद्र्धसैनिक बलों में भी शहीद का दर्जा देने, किसानों की दशा सुधारने के मुद्दे उछाल कर जनता को रिझाया। वहीं गरीबों के खाते में 72 हजार रु पए डालने की बात प्रमुखता से उठाई। भाजपा के गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सेना, सैनिकों, एयर स्ट्राइक, केंद्र और राज्य सरकार के कार्यो को उठाकर जनता को रिझाया। मोदी सरकार के किसी भी मंत्री पर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं होने की बात कह उन्होंने जनता के बीच पारदर्शिता का मुद्दा प्रमुखता से रखा।
मत व्यवहार
अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र में हमेशा राष्ट्रीय मुद्दे हावी रहे हैं। नरेंद्र मोदी का नाम, पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक, राष्ट्रवाद, अद्र्ध सैनिक बलों को शहीद का दर्जा देने, किसानों के हित व न्याय योजना प्रभावी नजर आ रही है।
अतीत के आइने में
वर्ष 1957 से अस्तित्व में आई अल्मोडा संसदीय क्षेत्र में नौ बार कांग्रेस तो सात बार भाजपा ने जीत हासिल की है। 1957 से 1977 तक लगातार कांग्रेस जीती है। इसके बाद परिदृश्य बदला। 1977 में जनता पार्टी के डॉ. मुरली मनोहर जोशी जीते। वर्ष 1980 से तीन बार कांग्रेस के हरीश रावत जीते । वर्ष 1989 के चुनावों में रनर क्षेत्रीय दल उत्त्तराखंड क्रांति दल रहा। वर्ष 1991 से 2004 तक भाजपा जीती। वर्ष 2009 में कांग्रेस तो 2014 मे भाजपा जीती ।
मोदी के नाम से देशभर में लड़ा जा रहा चुनाव
अजय टम्टा, भाजपा प्रत्याशी का कहना है कि नरेंद्र मोदी के नाम से चुनाव लड़ा जा रहा है। देश भर में नरेंद्र मोदी का नाम चल रहा है। उनके नाम से ही मेरी जीत तय है। ऑलवेदर रोड, भारत माला सड़क आदि कार्य मेरी जीत के आधार हैं।
सरकार का नकारापन बनेगी जीत का कारण
प्रदीप टम्टा, कांग्रेस प्रत्याशी ने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार और राज्य सरकार का नकारापन, पांच सालों में क्षेत्र में कोई कार्य नहीं होना, बेरोजगारी व कांग्रेस की न्याय योजना मेरी जीत के आधार हैं।
अल्मोड़ा सीट पर एक नजर
कुल मतदाता: 1337803
पुरुष: 666978
महिला: 642100
सर्विस वोटर: 28718
अन्य: 7
कुल उम्मीदवार: 06
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