नैनीताल लोकसभा सीट : कांग्रेस-बीजेपी में टिकट के लिए दिग्गजों में है जोरदार लड़ाई
लोकसभा चुनाव के लिए काउंटडाउन शुरू हो गया है। ऐसे में राष्ट्रीय दलों के दावेदारों में टिकट को लेकर दावे भी तेज हो गए। सभी ने अपने-अपने स्तर से पूरी ताकत झोंक दी है।
हल्द्वानी, जेएनएन : लोकसभा चुनाव के लिए काउंटडाउन शुरू हो गया है। ऐसे में राष्ट्रीय दलों के दावेदारों में टिकट को लेकर दावे भी तेज हो गए। सभी ने अपने-अपने स्तर से पूरी ताकत झोंक दी है। कोई अपना जमीनी आधार गिना रहा है तो कोई अपने पक्ष में माहौल होने का दावा कर रहा है। पार्टी किस पर विश्वास करती है यह एक-दो दिन में स्पष्ट हो जाएगा। वहीं संभावित दावेदारों ने बैठकों, सभाओं और पोस्टर व बैनर के जरिये अपनी मंशा जाहिर कर दी है।
भाजपा में चर्चा तीन नेताओं की अधिक है। इस चर्चा में नैनीताल लोकसभा सीट से सांसद भगत सिंह कोश्यारी की दावेदारी भी है। राज्य की राजनीति में भाजपा के कद्दावर नेता माने जाते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने सीधे चुनाव लडऩे को लेकर किसी तरह का बयान भी नहीं दिया है, लेकिन इनके समर्थक पुरजोर तरीके से टिकट की मांग कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश समय से ही कैबिनेट मंत्री रह चुके बंशीधर भगत छह बार विधायक रह चुके हैं। इस समय भी विधायक हैं। उनके अपने क्षेत्र में मजबूत पकड़ मानी जाती हैं। सरल स्वभाव के भगत ने लंबे समय से लोकसभा क्षेत्र में सक्रिय हैं। संघ, जनसंघ व संगठन में भी लंबे समय तक सक्रिय रहे हैं। इन सब कारणों के अलावा वह अपनी वरिष्ठता, जनता के बीच अपनी सक्रियता व पहुंच को अपना मजबूत पक्ष मानते हैं।
इस सीट से भाजपा से समाज कल्याण व परिवहन मंत्री यशपाल आर्य की भी दावेदारी की है। वह नैनीताल लोकसभा क्षेत्र में शामिल दोनों जिलों के अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में सात बार विधायक रह चुके हैं। हालांकि, छह बार वह कांग्रेस के टिकट से जीते हैं, लेकिन इस बार भाजपा में है। अनुसूचित जाति से आते हैं। उनका अपना अलग जनाधार है, यही वजह है कि उन्होंने टिकट की दावेदारी कर दी है।
कांग्रेस में भी टिकटों के लिए मची है मारामारी
कांग्रेस में टिकट को लेकर घमासान कुछ ज्यादा ही है। ऐसा इसलिए कि पूर्व सीएम व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत की इस सीट पर दावेदारी की चर्चा है। लेकिन, इस सीट पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश की दावेदारी प्रबल है। वह राज्य में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार है। क्षेत्र में उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है। अपने विधानसभा क्षेत्र के अलावा पूरे लोकसभा क्षेत्र में उनकी अपनी पहचान है। इस सीट पर उन्होंने काफी समय से सक्रियता बढ़ा दी थी। कांग्रेस के ही महेंद्र पाल सिंह इस लोकसभा क्षेत्र से दो बार सांसद रह चुके हैं। अस्कोट राजघराने से ताल्लुक रखते हैं। हाई कोर्ट बार एसोसिएशन व उत्तराखंड बार काउंसिल के अध्यक्ष रहे हैं। जिनकी दावेदारी की भी जबरदस्त चर्चा है। वहीं, पूर्व कैबिनेट मंत्री तिलकराज बेहड़ तराई में कांग्रेस के पुराने नेता रहे हैं। क्षेत्र में उनके अच्छे-खासे समर्थक हैं। इसी आधार पर वह कई बार प्रेस कांफ्रेंस के जरिये टिकट की दावेदारी कर चुके हैं। आचार संहिता लागू होने के बावजूद बहुजन समाज पार्टी में लोकसभा चुनाव को लेकर किसी तरह की सक्रियता नजर नहीं आ रही है, लेकिन रुद्रपुर के राजेश कुमार दुबे की चर्चा है।
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