Chunavi Kisse: 'मेरी चिंता मत करो...', जब अटल जी जानबूझकर हारे चुनाव, जनता से की प्रतिद्वंद्वी को जिताने की अपील
Lok Sabha Election 2024 Special अटलजी के बारे में कई किस्से ऐसे हैं जो लोगों को सोचने पर मजबूर कर देते हैं कि क्या कोई इंसान ऐसा भी कर सकता है। ऐसा ही एक किस्सा अटलजी के लोकसभा चुनाव लड़ने से जुड़ा हुआ है जब उन्होंने जान बूझकर चुनाव में हार को गले लगाया था और जनता से अपने प्रतिद्वंद्वी को ही वोट देने की अपील की थी।
जेएनएन, नई दिल्ली। अटल बिहारी वाजपेयी ने अपना पहला लोकसभा चुनाव 1957 में तीन सीट से लड़ा था। भारतीय जनसंघ पार्टी ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया था। अटलजी ने पहला चुनाव उत्तर प्रदेश के बलरामपुर, लखनऊ और मथुरा लोकसभा सीट से लड़ा था।
संयोग से 1957 के लोकसभा चुनाव में अटलजी के सामने निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले राजा महेंद्र प्रताप थे। महेंद्र प्रताप क्रांतिकारी रहे थे। आजादी की लड़ाई में महेंद्र प्रताप का अहम योगदान था।
राजा महेंद्र को जिताने की अपील
मथुरा के गांधी पार्क में चल रही अपनी एक जनसभा में अटलजी ने कहा था कि मथुरा वालों जैसा प्यार आप मुझे दे रहे हो, ठीक वैसा ही प्यार मुझे बलरामपुर में भी मिल रहा है। इसलिए मैं चाहता हूं कि मथुरा से आप राजा महेंद्र प्रताप को जिताओ और मेरी चिंता मत करो।
जमानत हुई जब्त
उन्होंने कहा कि ऊपर वाले ने चाहा तो मैं बलरामपुर से जीत जाऊंगा। हुआ भी ऐसा ही। अटलजी बलरामपुर से चुनाव जीत गए और मथुरा में उनकी जमानत जब्त हो गई। एक क्रांतिकारी को जिताने के लिए अटलजी ने खुद ही हार को गले लगा लिया था।
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