Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    टिकट वितरण से पूर्व डैमेज कंट्रोल में जुटी भाजपा, दावेदारों को इस तरह से साधेंगे

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Mon, 11 Mar 2019 10:01 AM (IST)

    नैनीताल-ऊधमसिंह नगर संसदीय सीट पर टिकट की घोषणा के बाद पार्टी को अन्य दावेदारों की नाराजगी का सामना न करना पड़े इसके लिए भाजपा ने अभी से डैमेज कंट्रोल शुरू कर दिया है।

    टिकट वितरण से पूर्व डैमेज कंट्रोल में जुटी भाजपा, दावेदारों को इस तरह से साधेंगे

    हल्द्वानी, जेएनएन : नैनीताल-ऊधमसिंह नगर संसदीय सीट पर टिकट की घोषणा के बाद पार्टी को अन्य दावेदारों की नाराजगी का सामना न करना पड़े, इसके लिए भाजपा ने अभी से डैमेज कंट्रोल शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि इसी बात को ध्यान में रखकर मजबूत पैठ रखने वाले दावेदारों को दर्जाधारी मंत्री का दायित्व सौंपा जा रहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस संसदीय सीट से टिकट के लिए भाजपा के बड़े नेताओं में मौजूदा सांसद भगत सिंह कोश्यारी, परिवहन मंत्री यशपाल आर्य, कालाढूंगी से विधायक बंशीधर भगत, प्रदेश महासचिव गजराज सिंह बिष्ट, खटीमा विधायक पुष्कर सिंह धामी, पूर्व सांसद बलराज पासी और संघ में मजबूत पैठ रखने वाले सुरेश परिहार का नाम लंबे समय से चर्चा में है। यशपाल आर्य और पुष्कर सिंह धामी पूर्व में यह स्पष्ट कर चुके हैं कि यदि कोश्यारी चुनाव नहीं लड़ते हैं तो उन्हें मौका मिलना चाहिए। ऐसे में यदि पार्टी कोश्यारी को दोबारा चुनाव लड़ाती है तो इन दो नेताओं से उसे कोई नुकसान नहीं होगा। रही बात बलराज पासी, सुरेश परिहार और गजराज बिष्ट की तो, अभी हाल ही में तीनों को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जा चुका है। ऐसे में यदि पार्टी किसी और नाम पर विचार करती है तो इनके विरोध की गुंजाइश भी नहीं दिख रही है। हालांकि गजराज बिष्ट कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिलने के बाद भी टिकट की मांग कर चुके हैं। पूर्व पालिकाध्यक्ष रेनू अधिकारी लोकसभा टिकट की दावेदार तो नहीं थीं, लेकिन पिछले विधानसभा और नगर निगम चुनाव में टिकट न मिलने से आहत चल रही थीं। चूंकि हल्द्वानी में उनकी और पति महेंद्र सिंह अधिकारी की मजबूत पैठ है, लिहाजा पार्टी ने उन्हें भी कुमाऊं मंडल विकास निगम के उपाध्यक्ष पद से नवाज दिया। अब राज्य मंत्री का दर्जा मिला है तो जाहिर सी बात है कि लोकसभा चुनाव में उनकी टीम भी पूरे उत्साह के साथ पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में उतरेगी।

    हालांकि पार्टी के सामने अभी भी दो चुनौतियां खड़ी हैं। पहली यह कि यदि कोश्यारी को टिकट मिलता है तो बंशीधर भगत को मनाना और यदि बंशीधर भगत को मिलता है तो टीम कोश्यारी को। बंशीधर भगत की टीम उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल न किए जाने से पिछले दो साल से आहत है।  अब यदि उन्हें टिकट नहीं मिलता है तो उनकी टीम की नाराजगी भी सामने आ सकती है। बंशीधर भगत कई बार सार्वजनिक स्थानों पर लोकसभा चुनाव लडऩे की इच्छा जाहिर कर चुके हैं। हालांकि अंत में धीरे से वह यह भी कहते हैं कि यदि पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो जो भी पार्टी का प्रत्याशी होगा, उसकी मदद करेंगे। उधर, यदि भगत सिंह कोश्यारी का टिकट कटा तो यशपाल आर्य और पुष्कर सिंह धामी के आहत होने का खतरा है। ऐसे में भाजपा के सामने अभी इन दो नेताओं को साधने की चुनौती खड़ी है।

    यह भी पढ़ें : बीजेपी प्रदेश अध्‍यक्ष ने खुद को टिकट की दौड़ से बाहर बताया, बोले पार्टी के आदेशों का पालन करूंगा

    यह भी पढ़ें : सीआरआरआइडी के प्रो. वर्मा बोले, कर्ज नहीं व्‍यक्तिगत कारणों से किसानों ने की आत्महत्या

    comedy show banner
    comedy show banner