लालू यादव ने चंद्रशेखर को क्यों कहा था लकड़ी सुंघाने वाला बाबा? बिहार विधानसभा चुनाव से जुड़ा है किस्सा
जमुई से 1995 के बिहार विधानसभा चुनाव में लालू प्रसाद यादव ने चंद्रशेखर को लकड़ी सुंघाने वाला बाबा कहकर संबोधित किया था। सिकंदरा में दोनों नेताओं की सभाएं थीं लेकिन लालू के देर से पहुंचने पर अफरा-तफरी मच गई। चंद्रशेखर ने पहले सभा की जिसके बाद लालू ने उन्हें लकड़ी सुंघाने वाला बाबा बताकर मतदाताओं को सावधान किया जिससे सत्ता जाने का डर दिखाया गया।

अरविंद कुमार सिंह, जमुई। अपने चिर परिचित अंदाज में तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर को लकड़ी सुंघाने वाला बाबा कह दिए जाने की चर्चा आज भी चुनाव की घंटी बजते ही चौक चौराहे पर होती है।
घटना बिहार विधानसभा चुनाव 1995 की है। श्री कृष्णा सिंह उच्च विद्यालय सिकंदरा के मैदान पर दोनों ही नेता का नजदीकी अंतराल पर कार्यक्रम निर्धारित था। लालू प्रसाद की सभा पहले होनी थी और बाद में पूर्व प्रधानमंत्री का संबोधन। इस बीच लालू प्रसाद अपने निर्धारित समय पर नहीं पहुंच सके।
यही वजह दोनों ही उम्मीदवारों के लिए अफरातफरी का हो गया। नतीजा यह हुआ कि आसमान में जब कोई हेलीकाप्टर मंडराता. तो दोनों दल के नेता झंडा लेकर मंच पर सवार हो जाते।
मंच पर कभी समाजवादी जनता पार्टी का झंडा लहराता, तो कभी जनता दल का चक्र घूमने लगता। आखिरकार पहले चंद्रशेखर का आगमन हुआ और उन्होंने अपने उम्मीदवार मुंशी रविदास के समर्थन में सभा की।
लालू प्रसाद ने मंच पर ली चुटकी
उनके उड़ान भरते ही लालू प्रसाद का हेलीकाप्टर लैंड किया। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार प्रयाग चौधरी के समर्थन में भाषण शुरू किया। हंसते हुए उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री को लकड़ी सुंघाने वाला बाबा बताते हुए समर्थकों को सावधान किया और कहा कि उनकी बात में आए तो राज पाट चल जाएगा।
यहां यह बताना लाजिमी है कि उन दिनों बिहार भर में गांवों से लकड़ी सुंघा कर बच्चों को उठा ले जाने की अफवाह जोरों पर थी। उक्त वाक्य से लालू प्रसाद न सिर्फ मसखरी कर गए, बल्कि मतदाताओं को अपने अंदाज में सत्ता जाने का डर भी दिखा गए।
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