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    सीट बंटवारे पर घमासान! JDU की पारंपरिक सीट पर लोजपा का दावा पक्का, HAM भी ठोक रही ताल

    Updated: Sat, 04 Oct 2025 11:09 AM (IST)

    गयाजी में बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर चर्चा तेज है। लोजपा (रामविलास) ने अतरी और बोधगया सीट पर अपनी दावेदारी पेश की है जिससे माहौल गरमा गया है। 2020 में एनडीए ने 10 में से भाजपा को चार जेडीयू को तीन और हम पार्टी को तीन सीटें दी थीं। लोजपा (रामविलास) इस बार अतरी सीट को प्राथमिकता दे रही है।

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    गया में एनडीए के बीच सीट बंटवारे पर घमासान

    सुभाष कुमार, गयाजी। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की अधिसूचना से पहले एनडीए घटक दलों में सीट बंटवारे की सुगबुगाहट तेज हो गई है। गयाजी जिले की 10 विधानसभा सीटों में लोजपा (रामविलास) ने इस बार दो सीटों में अतरी और बोधगया पर अपनी सशक्त दावेदारी पेश कर माहौल गरमा दिया है।

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    पार्टी नेतृत्व का मानना है कि 2020 में परिस्थितियां अलग थीं, पर इस बार संगठन और जनाधार दोनों मजबूत स्थिति में हैं। वहीं, अतरी विधानसभा क्षेत्र से जेडीयू की भी मजबूत दावेदारी है। साथ ही हम पार्टी भी दावेदारी कर रही है।

    बता दें कि बोधगया विधानसभा भाजपा की पारंपरिक सीट है, लेकिन 2020 में हार मिलने के बाद लोजपा (रामविलास) के साथ हम (से.)पार्टी भी दावेदारी ठोक रहे है।

    2020 में क्या रहा था समीकरण?

    पिछले चुनाव में एनडीए ने जिले की 10 सीटों में से भाजपा को चार, जेडीयू को तीन और हम पार्टी को तीन सीटें दी थीं। नतीजा यह रहा:

    भाजपा ने गयाजी शहरी से डॉ. प्रेम कुमार और वजीरगंज से वीरेंद्र सिंह को जीत दिलाई। वहीं, भाजपा को बोधगया और गुरुआ विधानसभा से करारी हार मिली थी। जेडीयू ने शेरघाटी, बेलागंज और अतरी से चुनाव लड़ा, पर तीनों सीटों पर हार मिली।

    हम (से.) पार्टी ने इमामगंज, बाराचट्टी और टिकारी को अपने खाते में डाला। जीतन राम मांझी (इमामगंज), ज्योति मांझी (बाराचट्टी) और अनिल कुमार (टिकारी) विजयी रहे।

    इसी चुनाव में चिराग पासवान की लोजपा ने जेडीयू और हम पार्टी की सीटों पर बगावती अंदाज़ में उम्मीदवार उतारे थे, जिससे कई क्षेत्रों में एनडीए गठबंधन को सीधा नुकसान उठाना पड़ा।

    2025 में नई चाल, नई दावेदारी

    अब जबकि गठबंधन की एकजुटता पर ज़ोर दिया जा रहा है, लोजपा (रामविलास) ने रणनीतिक तरीके से अतरी सीट को प्राथमिक लक्ष्य घोषित किया है। यह सीट पहले जेडीयू के खाते में थी, जहां महागठबंधन से राजद उम्मीदवार ने जीत दर्ज की थी।

    पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के अनुसार, यहां संगठन मज़बूत है और यदि टिकट मिला तो यह सीट एनडीए के खाते में लौटाई जा सकती है। इसके अलावा बोधगया सीट पर भी लोजपा (रामविलास) का गुट सक्रिय है।

    कार्यकर्ताओं की मान्यता है कि धार्मिक, जातीय और युवाओं पर पकड़ वाली टीम यहां चुनाव लड़ने को तैयार है। संगठन ने इस सीट के लिए भी बायोडाटा जुटाना शुरू कर दिया है।

    एनडीए गठबंधन में अंदरूनी गणित

    सूत्रों के अनुसार, एनडीए में इस बार सीटों का बंटवारा 2020 के फार्मूले से अलग होगा। भाजपा अपनी जीती हुई सीटों को सुरक्षित रखना चाहती है, हम पार्टी टिकारी, इमामगंज और बाराचट्टी पर दोबारा दावा कर रही है, जबकि जेडीयू अतरी,बेलागंज और शेरघाटी को फिर पाना चाहती है।

    ऐसे में लोजपा (रामविलास) की एंट्री नई हलचल पैदा कर रही है। अतरी सीट लगभग तय मानी जा रही है, मगर बोधगया को लेकर अंदरखाने गहरी चर्चा चल रही है।

    टिकट पर सस्पेंस बरकरार

    नोटिफिकेशन के बाद ही साफ होगा कि एनडीए में किसको किस सीट पर मौका मिलेगा। लेकिन इतना तय है कि इस बार लोजपा (रामविलास) किसी प्रतीकात्मक लड़ाई नहीं बल्कि प्रभावी मौजूदगी दर्ज कराने के मूड में है।

    गयाजी जिले के एनडीए समर्थक कार्यकर्ता अब सीट बंटवारे की आधिकारिक घोषणा का इंतजार कर रहे हैं। चुनावी संग्राम से पहले ही गठबंधन के भीतर शक्ति परीक्षण शुरू हो चुका है।

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