देखिए मासूम की तोतली आवाज में अपनी सुप्रसिद्ध कविता सुनकर क्या बोले कुमार विश्वास
कवि कुमार विश्वास की एक सुप्रसिद्ध कविता है कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है धरती की बैचेनी को सिर्फ बादल समझता है। कुमार विश्वास जब भी किसी कवि सम्मेलन में हिस्सा लेने जाते हैं तो वहां मौजूद दर्शक उनकी कविता को सुनने की गुजारिश करते ही हैं।
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। कवि कुमार विश्वास की एक सुप्रसिद्ध कविता है कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है, धरती की बैचेनी को सिर्फ बादल समझता है। कुमार विश्वास जब भी किसी कवि सम्मेलन में हिस्सा लेने जाते हैं तो वहां मौजूद दर्शक एक बार उनसे उनकी आवाज में इस कविता को सुनने की गुजारिश जरूर करते हैं। उनकी ये कविता देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी कई बार मंचों पर गुनगुनाई जाती है। कई कवि उनकी इस कविता को अपनी आवाज में गुनगुनाते हुए सुने गए हैं मगर ये कविता लोगों को कुमार की ही आवाज में बेहतर लगती है। कई महीनों के बाद अब उनकी इसी कविता को एक मासूम ने अपनी तोतली आवाज में गाने की कोशिश की है।
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