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    नेपाली युवाओं को यूरोप में नौकरी दिलाने के नाम पर करते थे ठगी, इस बार भेज रहे थे सर्बिया, गिरफ्तार

    दिल्ली क्राइम ब्रांच ने वीज़ा धोखाधड़ी रैकेट का पर्दाफाश करते हुए नेपाली नागरिकों को नौकरी के नाम पर ठगने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। आरोपियों ने सर्बिया खाड़ी देशों और यूरोप में नौकरी दिलाने का झांसा देकर 19 नेपाली नागरिकों से लगभग 70 लाख रुपये वसूले। पुलिस ने मुख्य आरोपी जयकाब और रूपेश को गिरफ्तार कर 13 नेपाली पासपोर्ट और आपत्तिजनक सबूत बरामद किए हैं।

    By Jagran News Edited By: Neeraj Tiwari Updated: Wed, 27 Aug 2025 01:39 PM (IST)
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    सर्बिया, खाड़ी देशों व यूरोप में नौकरी दिलाने का झांसा देकर मोटी रकम ऐंठ चुके हैं आरोपित।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वाले एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। यहां भोले-भाले नेपाली नागरिकों को सर्बिया में नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगने का कारनामा अंजाम दिया जा रहा था। दिल्ली क्राइम ब्रांच ने नेपाली नागरिकों को ठगने वाले वीजा फ्रॉड रैकेट का भंडाफोड़ कर एक बड़े नेटवर्क को उजागर कर दिया है। आरोपी दर्जनों युवाओं को गुमराह कर सर्बिया, खाड़ी देशों व यूरोप में नौकरी दिलाने का झांसा देकर मोटी रकम ऐंठ चुके हैं।

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    लगभग 70 लाख रुपये वसूले

    एक स्पेशल ऑपरेशन संचालित करते हुए इस मामले में मुख्य आरोपी जयकाब और रूपेश को गिरफ्तार किया गया तथा उनके कब्जे से 13 नेपाली पासपोर्ट और आपत्तिजनक डिजिटल सबूत बरामद किए गए हैं। आरोपियों ने कुल 19 नेपाली नागरिकों से लगभग 70 लाख रुपये वसूले थे।

    इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार, 22 अगस्त को नेपाली नागरिक सुजान खड़्का (उम्र 22 वर्ष) ने अपराध शाखा ईस्टर्न रेंज-I में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। उस समय वह पहाड़गंज स्थित नील गगन होटल में रह रहे थे।

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    19 नेपाली पासपोर्ट अपने पास ले लिए

    शिकायतकर्ता के अनुसार, अप्रैल 2024 में आरोपी जयकाब ने शिकायतकर्ता और उसके 18 साथियों से सीलमपुर (जगजीत नगर, दिल्ली) में मुलाकात कर स्वयं को विदेश में नौकरी लगवाने वाला प्रभावशाली व्यक्ति बताया। उसने उन्हें फर्जी सर्बियाई वीजा और जॉब ऑफर लेटर दिखाकर विश्वास दिलाया और 19 नेपाली पासपोर्ट अपने पास ले लिए।

    मई 2024 में आरोपियों ने सबसे कुल 70 लाख रुपये बतौर प्रोसेसिंग शुल्क की मांग की। यह राशि क्यूआर कोड और डिजिटल लेन-देन के माध्यम से सहयोगियों के खातों में जमा कराई गई।

    सभी वीजा पूरी तरह फर्जी मिले

    जुलाई 2025 में जब सभी पीड़ित नेपाल से दिल्ली पहुंचे तो आरोपी उनसे टालमटोल करने लगा और अंततः पासपोर्ट व पैसे लौटाने से इनकार कर दिया। जब उन्होंने दबाव बनाया तो आरोपियों ने जान से मारने की धमकी भी दी। बाद में जांच में पाया गया कि दिखाए गए सभी वीजा पूरी तरह फर्जी थे।

    इस पर थाना दिल्ली क्राइम ब्रांच ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी। इसके बाद गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने मुख्य आरोपी जयकाब (41 वर्ष) निवासी ग्रीन ग्राम चिपियाना बुजुर्ग, ग्रेटर नोएडा को गिरफ्तार किया।

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    अन्य आरोपियों की तलाश जारी

    उसके पास से पुलिस ने 13 नेपाली पासपोर्ट और दो मोबाइल फोन बरामद कर लिया। मोबाइल में कई आपत्तिजनक चैट भी मिले हैं। पूछताछ में जयकाब ने अपने सहयोगियों सचिन, जॉर्ज उर्फ बिजोज और रूपेश का नाम बताया। सूचना के आधार पर छापेमारी कर पुलिस ने रूपेश (42 वर्ष) को भी धर दबोचा। वह छावला की तिरशूल कॉलोनी का रहने वाला है। अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।

    एक इंटर पास तो दूसरा ग्रेजुएट

    पूछताछ में मुख्य आरोपित जयकाब ने बताया कि वह मूलत: यूपी के बिजनौर जिले की थाना नूरपुर अंतर्गत ग्राम गोहावर जैत का रहने वाला है। 12वीं तक पिथौरागढ़ (उत्तराखंड) में उसने पढ़ाई की है। नेपाली भाषा में दक्ष होने के कारण नेपाली व भारतीय युवाओं को विदेश भेजने का झांसा देकर वह ठगी करता था। साथी रूपेश, सचिन व जॉर्ज के साथ मिलकर अब तक वह दर्जनों युवाओं से 5-10 लाख प्रति व्यक्ति ठगी कर चुका है।

    यूरोप भेजने का दिखाते थे ख्वाब

    रूपेश बिहार के सीवान जिला का रहने वाला है। उसने बी.कॉम तक की पढ़ाई की है। वह पिछले 15 वर्षों से ट्रैवल एजेंट है। वह जयकाब के साथ पिछले 4 वर्षों से जुड़ा था। दोनों मिलकर सर्बिया, खाड़ी देशों व यूरोप में नौकरी दिलाने का झांसा देकर लोगों से पासपोर्ट व मोटी रकम ठगते थे।

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