दरवाजे पर रोज-रोज गाय का गोबर देख ठनका पड़ोसी का माथा, तंग आकर रची अनोखी साजिश, कर गया 'कांड'
पश्चिमी दिल्ली के सागरपुर में गोबर को लेकर हुए विवाद ने चोरी का रूप ले लिया। 25 वर्षीय संदीप ने पड़ोसी से बदला लेने के लिए उसकी दुकान से 15 हजार रुपये चुरा लिए। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए संदीप को गिरफ्तार कर चोरी की रकम बरामद कर ली। संदीप ने बताया कि शिकायतकर्ता की गायें उसके घर के सामने गोबर करती थीं जिससे वह अपमानित महसूस करता था।
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। सागरपुर थाना क्षेत्र में गाय के गोबर से शुरू हुआ विवाद एक सनसनीखेज चोरी की वारदात में बदल गया। पड़ोसी की शिकायत और बदले की आग ने 25 साल के संदीप को चोर बना दिया, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी ने उसे 15 हजार रुपये की चुराई गई रकम के साथ धर दबोचा।
कराई थी चोरी की ई-एफआईआर
इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार, बीते 21 अगस्त को सागरपुर थाने में शिकायतकर्ता एके ने एक ई-एफआईआर दर्ज कराई। उस शिकायत में उनके दुकान से 15 हजार रुपये की नकदी चोरी होने की बात थी। इस मामले को सुलझाने के लिए साउथ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट की ऑपरेशंस सेल ने जांच शुरू की।
इंस्पेक्टर राम कुमार की अगुवाई में एसआई बच्चू सिंह, एचसी विनोद कुमार, एचसी अजय कुमार, कांस्टेबल महेश और कांस्टेबल सांवरिया की टीम ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले और स्थानीय मुखबिरों को सक्रिय किया।
सीसीटीवी और सूझबूझ ने पकड़ा चोर
कई घंटों की कड़ी मेहनत और सीसीटीवी फुटेज की बारीकी से जांच के बाद संदीप नामक शख्स पर शक की सुई रुकी। जांच के आधार पर भी संदीप को संदिग्ध पाया गया। आखिरकार, 25 अगस्त को सागरपुर इलाके से संदीप को दबोच लिया गया। इस बीच उसके पास से चुराए गए पूरे 15 हजार रुपये भी बरामद कर लिए गए।
गोबर से गुस्सा, चोरी से बदला
पूछताछ में संदीप ने चौंकाने वाला खुलासा किया। उसने बताया कि चोरी का मकसद लालच नहीं, बल्कि बदला था। शिकायतकर्ता की गायें अक्सर संदीप के घर के सामने गोबर कर देती थीं। बार-बार शिकायत के बावजूद न तो गायों को रोका गया, न ही गोबर साफ हुआ। उल्टा, शिकायतकर्ता ने संदीप को सार्वजनिक रूप से अपमानित किया। गुस्से में आगबबूला संदीप ने बदला लेने के लिए दुकान में चोरी की साजिश रची और यह कांड कर डाला।
पढ़ाई छोड़कर चला रहा ई-रिक्शा
सागरपुर का रहने वाला 25 वर्षीय संदीप पांचवीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ चुका है। अपनी आजीविका के लिए वह ई-रिक्शा चलाता है। उसने कबूल किया कि चोरी का मकसद पैसे की जरूरत नहीं, बल्कि शिकायतकर्ता से व्यक्तिगत दुश्मनी थी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।