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Ankit Murder Mystery: तिहाड़ जेलकर्मियों को सीबीआइ जांच की जद में आने का सता रहा डर

जेल सूत्रों की मानें तो सीबीआइ जांच की बात सुनकर जेलकर्मी चिंतित हैं। उन्हें लग रहा है कि अंकित हत्या मामले की कड़ियों को जोड़ते हुए सीबीआइ जांच की जद में अन्य कैदियों की हत्याएं भी न जुड़ जाएं।

By Jp YadavEdited By: Published: Fri, 10 Sep 2021 10:54 AM (IST)Updated: Fri, 10 Sep 2021 11:25 AM (IST)
Ankit Murder Mystery: तिहाड़ जेलकर्मियों को सीबीआइ जांच की जद में आने का सता रहा डर

नई दिल्ली [गौतम कुमार मिश्रा]। अंकित गुर्जर हत्या मामले में जांच की जिम्मेदारी अब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) को सौंपी गई है। यह पहला मामला है जब जेल में किसी कैदी की हत्या के मामले की जांच सीबीआइ करेगी। भले ही कैदी की हत्या के मामले की जांच अब सीबीआइ करेगी, लेकिन ऐसा नहीं है कि जेल में पहली बार किसी कैदी की हत्या हुई है। दिल्ली की जेलों में हत्या के मामले इससे पहले भी सामने आते रहे हैं, लेकिन ऐसा पहली बार है कि हत्या का आरोप जेल के अधिकारियों पर लगा।

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जेल सूत्रों की मानें तो सीबीआइ जांच की बात सुनकर जेलकर्मी चिंतित हैं। उन्हें लग रहा है कि अंकित हत्या मामले की कड़ियों को जोड़ते हुए सीबीआइ जांच की जद में अन्य कैदियों की हत्याएं भी न जुड़ जाएं। यदि ऐसा होता है कि फिर कार्रवाई की जद में कई और जेलकर्मी आ सकते हैं, क्योंकि अंकित हत्याकांड के अलावा अन्य मामलों में भले ही आरोपितों में कैदियों के नाम हैं, लेकिन जेल परिसर में हत्या होने के मामले में जेलकर्मियों की भी भूमिका पर सवाल खड़े होने तय हैं।

इस वर्ष जब तिहाड़ जेल कोरोना महामारी से जूझ रही थी तब मई महीने में जेल में श्रीकांत उर्फ अप्पू नामक कैदी की हत्या कर दी गई। दो गुटों के बीच झगड़े से शुरू हुए विवाद में कई अन्य कैदियों को भी चोटें आई थीं। पिछले वर्ष की बात करें तो नवंबर महीने में तिहाड़ जेल संख्या तीन में एक विचाराधीन कैदी की नुकीले हथियार से वार कर हत्या कर दी गई थी। हमलावरों ने छाती पर कई वार किए। मामले की जानकारी मिलने के बाद खून से लथपथ कैदी को फौरन जेल अस्पताल में ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक कैदी का नाम दिलशेर था।

जहांगीरपुरी का रहने वाला दिलशेर हत्या के एक मामले में जून 2019 से बंद था। इस मामले में मृतक के स्वजन ने जेल संख्या तीन में ही बंद कैदियों पर हत्या का आरोप लगाया था। इससे पहले पिछले वर्ष ही सितंबर महीने में तिहाड़ जेल संख्या एक में एक कैदी की बेरहमी से हत्या कर दी गई है। मृतक का नाम सिकंदर था। सिकंदर जेल संख्या एक में बंद था। पुलिस के अनुसार हत्या के दौरान नुकीली वस्तु का इस्तेमाल किया गया था। प्रारंभिक छानबीन में पता चला था कि सिकंदर को चार कैदियों ने घेरा और उसपर ताबड़तोड़ वार किए। वार का सिलसिला तब तक चलता रहा, जब तक कि सिकंदर बेसुध होकर वहां गिर नहीं पड़ा। इसके पहले भी एक कैदी की चाकू से गोदकर जेल में हत्या कर दी गई थी।

बता दें कि राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा देश के सभी जेलों की स्थिति पर जारी रिपोर्ट में दिल्ली की जेलों के बारे में कई चिंताजनक बातें बताई गई थीं।


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