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    Online Investment के नाम पर धोखाधड़ी : 12वीं पास छात्र और एक वेल्डर की मदद से वकील कर रहा था ठगी

    Updated: Mon, 21 Jul 2025 12:36 PM (IST)

    दिल्ली पुलिस ने साइबर क्राइम के खिलाफ कार्रवाई करते हुए तीन ठगों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी ऑनलाइन निवेश और डिजिटल अरेस्ट के नाम पर लोगों को ठगते थे। पुलिस ने बताया कि ये राजस्थान के टोंक सीकर और जयपुर में सक्रिय थे। गिरफ्तार आरोपियों में एक एलएलबी पास युवक एक 12वीं पास छात्र और एक वेल्डर शामिल हैं।

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    एलएलबी पास युवक करता था साइबर ठगी, गिरफ्तार

    जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट ने साइबर ठगी के खिलाफ विशेष अभियान में तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इनमें एक एलएलबी पास युवक, एक 12वीं पास छात्र और एक 10वीं पास वेल्डर शामिल हैं। आरोपित ऑनलाइन निवेश धोखाधड़ी और डिजिटल अरेस्ट जैसे तरीकों से लोगों को ठग रहे थे।

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    टोंक, सीकर और जयपुर में कार्रवाई कर पकड़ा

    पुलिस अधिकारी ने बताया कि द्वारका साइबर पुलिस स्टेशन में हाल ही में दर्ज मामलों की जांच में पता चला कि आरोपित राजस्थान में साइबर अपराध के उभरते हाटस्पाट टोंक, सीकर और जयपुर जैसे इलाके में सक्रिय हैं। डिजिटल फुटप्रिंट्स के विश्लेषण और सघन जांच के बाद उपायुक्त के निर्देश पर गठित टीम ने एसआइ विजय कुमार, हेड कांस्टेबल सुमित, मनोज, प्रवेश व दीपक शामिल थे। इस टीम ने एक सप्ताह के भीतर टोंक, सीकर और जयपुर में कार्रवाई कर तीनों आरोपितों को पकड़ा।

    डिजिटल अरेस्ट का देता था डर

    आरोपितों में सुरेंद्र कुमार डूडी राजस्थान के सीकर जिला स्थित किशनपुरा ढाणी का रहने वाला है। इसने एलएलबी की पढाई की है और इन दिनों जयपुर में एलएलएम की तैयारी कर रहा है। पूछताछ में पता चला कि यह अपने चचेरे भाई के कहने पर साइबर अपराध में शामिल हुआ। यह लोगों को डिजिटल अरेस्ट की बात कहता था और फिर ठगी कर रुपये कमाता था।

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    सिम कार्ड भी कराता था उपलब्ध 

    दूसरा आरोपित दीपक वर्मा12वीं पास है और इन दिनों एक निजी काॅलेज में पढ़ाई कर रहा है। यह किसी दूसरे के कहने से साइबर अपराध करने लगा। यह ऑनलाइन निवेश के नाम पर धोखाधड़ी करता था। आरोपितों को यह बैंक खाते और सिम कार्ड भी उपलब्ध कराता था, जिसके लिए इसे प्रति खाता/सिम तीन से पांच हजार रुपये मिलते थे।

    तीसरा आरोपित राजवीर 10वीं पास है। यह कृषि उपकरणों की वेल्डिंग व मरम्मत का काम करता था। इसे इसके दोस्त गौरी शंकर ने अपने फर्म के नाम पर खाता खोलने और उसका दुरुपयोग करने के लिए उकसाया। इसके बाद यह भी साइबर अपराध में शामिल हो गया। यह भी निवेश के नाम पर धोखाधड़ी करत था।

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