ऑनलाइन लॉटरी ठगी गिरोह का पर्दाफाश, दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़े दो नाइजीरियन समेत 6 शातिर
दिल्ली क्राइम ब्रांच ने ऑनलाइन लॉटरी और इनाम के नाम पर ठगी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने दो नाइजीरियाई नागरिकों सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया है। ये गिरोह लोगों को लॉटरी और इनाम जीतने का लालच देकर उनसे पैसे ठगता था। पुलिस ने आरोपियों के पास से नकदी एटीएम कार्ड और अन्य सामान बरामद किया है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। क्राइम ब्रांच की टीम ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो ऑनलाइन लॉटरी और इनाम जीतने का झांसा देकर लोगों से ठगी करता था।
पुलिस ने इस मामले में दो नाइजीरियन नागरिकों सहित छह आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान नाइजीरिया के शेडरेक ओनाइनार, संडे जान उर्फ लिबर्टी, बरेली के शाहिद रजा, उसके दामाद शाहरुख खान, विकास और राकेश उर्फ लालू के रूप में हुई है।
बताया गया कि ये नाइजीरियन अपने गिरोह के साथ मिलकर साइबर ठगी करते थे। बरेली के शाहिद और शाहरुख इन नाइजीरियन को बैंक खाते उपलब्ध करवाने के अलावा खातों से कैश भी निकालकर देते थे, जिसके बदले में उन्हें 15 प्रतिशत कमीशन मिलता था।
विकास और राकेश का काम नए बैंक खाते और सिमकार्ड उपलब्ध करवाना था, जिसके लिए उन्हें पांच प्रतिशत कमीशन मिलता था। पुलिस ने इनके पास से 3.63 लाख कैश, आधार, पैन, कई बैंक के एटीएम कार्ड, चेकबुक, पासबुक और अन्य सामान बरामद किया है।
क्राइम ब्रांच के उपायुक्त विक्रम सिंह के अनुसार, सात जुलाई को उन्हें सूचना मिली थी कि लॉटरी और इनाम जीतने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के कुछ लोग पंजाबी बाग इलाके में आने वाले हैं।
सूचना पर सेंट्रल मार्केट चौक से एक आरोपित शाहिद रजा को दबोच लिया गया। इसके पास से 3.63 लाख नकद, नौ एटीएम कार्ड, मोबाइल और अन्य सामान बरामद हुआ। पूछताछ में शाहिद ने बताया कि वह ठगी के रैकेट में शामिल है।
इसके बाद पुलिस ने डी-ब्लॉक, कृष्णा पार्क, खानपुर से नाइजीरियन नागरिक शेडरेक को गिरफ्तार किया, जिसके पास से एक मोबाइल फोन बरामद हुआ। छानबीन में पता चला कि वह वर्ष 2014 में भारत आया था और अवैध रूप से देश में रह रहा था। फिर टीम ने छापेमारी कर बाकी चार आरोपितों को भी धर लिया। इन सभी के खिलाफ क्राइम ब्रांच थाने में मामला दर्ज किया गया है।
वहीं, पूछताछ में शेडरेक और संडे जान ने बताया कि वे अपने देश के अन्य लोगों के साथ मिलकर ठगी कर रहे हैं। ठगी की रकम के लिए उन्हें बैंक खातों की आवश्यकता होती है। शाहिद और शाहरुख इनको कैश निकालने के अलावा बैंक खाते भी उपलब्ध करवाते हैं।
शाहिद के गांव के दो भाई विकास और राकेश ने दिल्ली में फर्जी तरीके से अपने आधार का पता बदलकर 17-18 बैंक खाते और सिमकार्ड ले लिए थे। इन सभी का संचालन शाहिद और शाहरुख को सौंपा गया था। पुलिस अब यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि इन लोगों ने कितने लोगों के साथ ठगी की है।
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