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    पहलवान सागर हत्या मामले में सुशील कुमार का जेल से बाहर आना होगा मुश्किल, दिल्ली पुलिस लगा सकती मकोका

    By Vinay Kumar TiwariEdited By:
    Updated: Mon, 31 May 2021 01:01 PM (IST)

    दिल्ली पुलिस सुशील व कुछ खास सहयोगियों के खिलाफ मकोका लगाने पर विचार कर रही है। सागर हत्याकांड की जांच कर रही पुलिस को सुशील का काला जठेड़ी नीरज बवाना व असौदा समेत कई कुख्यात गैंगस्टरों से गठजोड़ व उनके साथ संगठित अपराध में शामिल होने के सुबूत मिले हैं।

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    गैंगस्टरों के साथ गठजोड़ व संगठित अपराध में शामिल होने के मिले हैं सुबूत।

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। पहलवान सागर धनखड़ हत्याकांड में फंसे मुख्य आरोपित ओलंपियन सुशील कुमार के लिए बुरी खबर है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल उसपर मकोका लगा सकती है। सागर हत्याकांड की जांच कर रही पुलिस को सुशील का काला जठेड़ी, नीरज बवाना व असौदा समेत कई कुख्यात गैंगस्टरों से गठजोड़ व उनके साथ संगठित अपराध में शामिल होने के सुबूत मिले हैं। जिसके आधार पर दिल्ली पुलिस सुशील व इसके कुछ खास सहयोगियों के खिलाफ मकोका लगाने पर विचार कर रही है। अगर उसपर मकोका लगा तो उसे कई साल जेल में रहना पड़ सकता है। मकोका के कारण उसे जमानत नहीं मिलेगी।

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    बता दें कि सात साल पहले स्पेशल सेल ने नीरज बवाना के मामा व कांग्रेस पार्टी के विधायक रामवीर शौकीन पर भी मकोका लगा दिया था, क्योंकि वह नीरज को शरण देता था। उसके साथ उगाही करने के संगठित अपराध में शामिल था। मकोका लगाने के कारण शौकीन का राजनीतिक व सामाजिक पतन हो गया। सुशील के साथ भी कुछ ऐसा ही होता दिखने लगा है। कुछ साल पहले तक देश के लिए गौरव रहे सुशील को आखिर क्या ऐसी जरूरत पड़ी कि उसने गैंगस्टरों के साथ गठजोड़ कर अवैध तरीके से धन अर्जित करने का तरीका अपना बैठा।

    पुलिस सूत्रों के मुताबिक सुशील के बारे में चार साल पहले जानकारी मिली थी कि उसने दिल्ली के सभी टोल का ठेका निजी कंपनियों से लिया था। उक्त सभी टोलों पर वह गैंगस्टरों के जरिये पैसे वसूलने का काम करता था। साथ ही दिल्ली, हरियाणा व पंजाब में विवादित प्रॉपर्टी पर कब्जा करने व उगाही का भी धंधा करता है। लेकिन कोई शिकायत नहीं मिलने व उसकी ऊंची पहुंच के कारण अब तक पुलिस उस पर हाथ नहीं डाल रही थी।

    सागर धनखड़ की हत्या का मुख्य आरोपित होने पर पुलिस ने जब इसके पीछे के सभी कारनामें का पता लगाना शुरू किया तो हैरान करने वाली जानकारियां मिल रही है। हत्याकांड में असौदा, काला जठेड़ी व नीरज बवाना गिरोह के बदमाशों के शामिल होने से पुलिस को सुशील के इन गैंगस्टरों से गठजोड़ का साफ पता लग गया। क्योंकि वारदात में शामिल सभी बदमाशों को सुशील पहलवान ने ही बुलाया था। इससे संगठित अपराध के चेन में शामिल होने का पुलिस को सुबूत मिल गए।

    जानकारी मिली कि दिल्ली व हरियाणा में किस व्यापरियों से, कितने पैसे की रंगदारी मांगी जाए, कैसे मांगी जाएं, सुशील ही इसकी सूची तैयार करता था और फिर बदमाशों को फोन नंबर आदि उपलब्ध करा धमकी देने के लिए कहता था। किसी तरह का विवाद होने पर वह दोनों पक्षों को स्टेडियम में बुलाकर सुलझाने का काम करता था। यहां तक कि किस विवादित संपत्ति पर कब्जा किया जाए। यह भी सुशील ही बताता था। औने पौने कीमत में खरीदने के लिए पैसा सुशील लगाता था और उसमें बदमाशों को रखवाने का काम गैंगस्टर करते थे।

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    दो सप्ताह पूर्व स्पेशल सेल ने अलग अलग राज्यों की जेलों में बंद खतरनाक गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई, संपत मेहरा, जग्गू भगवान पुरिया व राजू बसोदी को रिमांड पर लेकर पूछताछ के लिए ले आई थी ताकि उनसे सुशील के संबंधों का पता लगाया जा सके। सेल ने लारेंस के साथी बैंकॉक में छिपे काला जठेड़ी पर मकोका लगा दिया। उसकी गिरफ्तारी पर सात लाख का इनाम है।

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