Rajpath New Name: ‘राजपथ’ का नाम ही नहीं, बदल गया है पूरा नजारा; जानें क्या है खास
Rajpaths new name is Kartavya Path विजय चौक से इंडिया गेट तक का पुनर्विकसित राजपथ मार्ग का नाम बदलने के साथ साथ सुविधाएं भी बढ़ाई गईं हैं। कर्तव्य पथ व सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के आसपास पर्यटकों की भीड़ को देखते हुए कई बदलाव किए गए हैं।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। ‘राजपथ’ का महज नाम ही ‘कर्तव्य पथ’ नहीं किया गया है। यहां आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों और आगंतुकों को स्वरूप भी कुछ बदला-बदला नजर आएगा। हालांकि, इसके मूल शिल्प को कायम रखा गया है। सिर्फ लोगों को नया अनुभव कराने के लिए बदलाव किए गए हैं।
सेंट्रल विस्टा के नाम से जब मोदी सरकार द्वारा यह परियोजना शुरू की गई थी तब विपक्षी दलों द्वारा तमाम सवाल उठाए गए थे।
प्रधानमंत्री पर व्यक्तिगत टिप्पणियां तक की गईं थीं, लेकिन जब यह मार्ग और उसके आसपास के विकास से पर्दा हटा है तब बदलाव की जरूरत और अहमियत समझ आई है।
पीएमओ के अनुसार वर्षों से राजपथ और सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के आसपास के इलाकों में पर्यटकों की बढ़ती भीड़ का दबाव देखा जा रहा था, जिससे इसके बुनियादी ढांचे पर दबाव पड़ रहा था।
गणतंत्र दिवस परेड और अन्य राष्ट्रीय कार्यक्रमों के दौरान कम गड़बड़ी और जनता की आवाजाही पर कम से कम प्रतिबंध लगाने की दिशा में भी पुनर्विकास की जरूरत महसूस हुई, पर इसमें इसके मूल वास्तु शिल्प का चरित्र बनाए रखने और उसकी अखंडता भी सुनिश्चित की गई है।
यह होंगी सुविधाएं
- कर्तव्य पथ सुविधाओं से लैस है, जिसमें पैदल रास्ते के साथ लान, हरे-भरे स्थान, नवीनीकृत नहरें, नई सुख-सुविधाओं वाले ब्लाक और बिक्री स्टाल होंगे।
- इसके साथ ही पैदल यात्रियों के लिए नए अंडरपास, बेहतर पार्किंग स्थल, नए प्रदर्शनी पैनल और रात्रि में जलने वाली आधुनिक लाइटों से लोगों को बेहतर अनुभव होगा।
- इसमें ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, भारी वर्षा के कारण एकत्र जल का प्रबंधन, उपयोग किए गए पानी का इस्तेमाल, वर्षा जल संचयन और ऊर्जा कुशल प्रकाश व्यवस्था जैसी दीर्घकालिक सुविधाएं शामिल हैं।
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ग्रेनाइट से बनाई गई है प्रतिमा
प्रधानमंत्री नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का अनावरण भी करेंगे। पीएमओ के अनुसार ग्रेनाइट से बनी यह प्रतिमा स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी के योगदान के लिए उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी और देश के उनके प्रति ऋणी होने का प्रतीक होगी।
कर्तव्य पथ की विशेषता
- पांच वेंडिंग जोन, जहां 40 विक्रेता बैठेंगे, इंडिया गेट के पास दो ब्लाक आठ-आठ दुकानों के साथ होंगे। कुछ राज्यों ने अपने फूड स्टाल लगाने में रुचि दिखाई है।
- कुल नहर क्षेत्र की 19 एकड़ भूमि का जीर्णोद्धार किया गया है। उन्हें एयररेटर जैसे बुनियादी ढांचे से सुसज्जित किया गया है। पूरे खंड पर 16 पुल हैं। दो नहरों में नौका विहार की अनुमति होगी।
- अपराध और असुविधा से बचने के लिए करीब 80 सुरक्षाकर्मी इस मार्ग पर नजर रखेंगे।
- राजपथ के साथ-साथ 3.90 लाख वर्ग मीटर में फैले क्षेत्र को चारों ओर से हरियाली के साथ विकसित किया गया है।
- 15.5 किमी तक फैले नए लाल ग्रेनाइट पैदल मार्ग बनाए गए हैं, जो बजरी रेत की जगह ले रहे हैं।
- पूरे हिस्से में 1,125 वाहनों के लिए पार्किंग की जगह बनाई गई है। इंडिया गेट के पास 35 बसों के लिए पार्किंग की जगह है।
- 74 ऐतिहासिक लाइट पोल और सभी चेन लिंक बहाल कर दिए गए हैं। 900 से अधिक नए लाइट पोल लगाए गए हैं।
- परिसर के चरित्र को बनाए रखने के लिए कंक्रीट के बोल्डरों को एक हजार से अधिक सफेद बलुआ पत्थर के बोल्डरों से बदल दिया गया है। l पूरे खंड में 400 से अधिक बेंच, 150 कूड़ेदान और 650 से अधिक नए साइनेज लगाए गए हैं।
- व्यस्त जंक्शनों पर चार नए पैदल यात्री अंडरपास बनाए गए हैं।
- बच्चों और विशेष रूप से दिव्यांगों के सुरक्षित उपयोग के लिए उपयुक्त ऊंचाई पर रेलिंग के साथ रैंप हैं।
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