Navratri Fasting: व्रत के दौरान फलाहार पर दें अधिक ध्यान, नहीं तो बिगड़ सकती है आपकी सेहत
Navratri Fasting नवरात्र में व्रत के दौरान यदि किसी व्यक्ति को भूख बर्दाश्त नहीं होती है तो वह दो दिन के अंतराल के बाद अनाज या व्रत की सामग्रियों से बने खाद्य पदार्थ का सेवन कर सकता है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। एक मौसम से दूसरे मौसम में प्रवेश के करने दौरान नौ दिनों तक नवरात्र उत्सव मनाया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार यह अंतराल में व्यक्ति को मौसम के अनुरूप ढालने व तैयार करने के लिए आगाह करता है।
नांगलराया स्थित निगम आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी में मेडिकल आफिसर डा. मनीता मलिक बताती हैं कि आमूमन देखा गया है कि नवरात्र में व्रत के दौरान लोग अधिक कैलोरी का सेवन करते है। जबकि आयुर्वेद में इन नौ दिनों में फल व मौसमी सब्जियों के सेवन पर अधिक जोर देने की बात कहीं गई है। ताकि लोगों को सभी जरूरी पोषक तत्व प्राप्त हों। पर व्रत की एवज में लोग तली-भुनी व अधिक मिर्च-मसाले वाली चीजों और अत्यधिक मीठे का सेवन करते है जो गलत है।
समझदारी व सूझबूझ से लें काम
वहीं पश्चिम विहार स्थित श्री एक्शन बालाजी मेडिकल इंस्टिट्यूट में डाइट विशेषज्ञ जया ज्योत्सना बताती हैं कि व्रत करना गलत नहीं है पर इस दौरान कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना जरूरी है ताकि व्रत के दौरान भी शरीर में पोषक तत्वों की कमी न हो और शरीर में चुस्ती-स्फूर्ति बनी रहे।
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आमतौर पर लोग व्रत के दौरान एक बार में अधिक या तला-भुना अधिक खा लेते हैं, जिनके कारण उन्हें पेट संबंधित परेशानी हो जाती है। इसलिए जरूरी है कि व्रत के दौरान लोग समझदारी व सूझबूझ से काम लेते हुए रसोई तैयार करें और खाद्य सामग्रियों का इस तरह से प्रयोग करें कि शरीर के लिए वह पौष्टिक साबित हो।
इन प्रमुख बातों का रखें ध्यान
- व्रत के दौरान प्रत्येक दो-दो घंटे पर फल व पानी लेते रहे ताकि निर्जलीकरण की समस्या न हो।
- पैक्ड जूस के सेवन के बजाय छाछ, नारियल पानी, नींबू पानी, शेक, सूप का सेवन बेहतर विकल्प है।
- दिन में दो बार चाय, ग्रीन टी या काफी पर्याप्त है।
- खाने में रिफाइंड तेल के प्रयोग से बचे और देसी घी व मूंगफली का तेल का ही प्रयोग करें।
- व्रत में प्रयोग खाद्य सामग्री की तासीर गर्म होती है इसलिए खाने में ठंडी चीजों को शामिल करें जैसे दही, रायता, लस्सी।
- एक बार में अधिक खाने के बजाय थोड़े-थोड़े अंतराल पर हल्का भोजन करें।
- तली-भुनी चीजों के सेवन से बचे और खाद्य सामग्रियों से पौष्टिक व स्वास्थ्यवर्धक भोजन तैयार करने पर अधिक जोर दें।
जया बताती हैं कि जरूरी नहीं है कि कट्टू के आटे के पकौड़े या पूड़ी ही बनाई जाए, कट्टू के आटे के चीले व रोटी भी उतने ही स्वादिष्ट होते हैं। खास बात यह है कि पकौड़े व पूड़ी के मुकाबले चीले में तेल का प्रयोग कम होता है, जो स्वास्थ्य के लिहाज से ठीक है।
ठीक इसी प्रकार व्रत के खाने में स्वाद बढ़ाने के लिए पैक्ड फलों के जूस के बजाय घर में उनका शेक व स्मूदी बनाकर खा सकते हैं। वहीं गर्भवती महिलाएं या उच्च रक्तचाप से ग्रस्त लोग भी यदि व्रत रखते हैं तो उनके लिए भी फलाहार सर्वोत्तम है।
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सब्जियों का सूप बनाकर पीना स्वास्थ्यवर्धक
इसके अलावा व्रत के खाने को चटपटा बनाने के लिए उसमें चटनी की साझेदारी की जा सकती है। जिसमें नारियल, धनिया शामिल है। सामक को पौष्टिक बनाने के लिए उसमें सब्जियों का मिश्रण किया जा सकता है। बादाम, मखाने, काजू को स्नैक्स के तौर पर ले सकते हैं।
सब्जियों का सूप बनाकर पीना भी स्वास्थ्यवर्धक होगा। रात के समय हल्दी वाला दूध पीने से नींद अच्छी आएगी और रात के समय भूख का एहसास भी नहीं होगा।