Move to Jagran APP

जब देश की राजधानी दिल्ली के तिहाड़ जेल में रही दुनिया की सबसे खूबसूरत महारानी

खुशवंत सिंह ने भी लिखा था इंदिरा गांधी एक ऐसी महिला को कैसे बर्दाश्त कर सकती थीं संसद में उनकी बेइज्जती कर चुकी हो। गायत्री देवी पर कोई राजनीतिक आरोप नहीं लगाए गए थे बल्कि उनके खिलाफ तो अरसे से इंदिरा गांधी के इनकम टैक्स अफसर जंग छेड़े हुए थे।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Sun, 23 May 2021 11:18 AM (IST)Updated: Sun, 23 May 2021 11:34 AM (IST)
जब देश की राजधानी दिल्ली के तिहाड़ जेल में रही दुनिया की सबसे खूबसूरत महारानी
महारानी गायत्री देवी की जयंती आज 23 मई रविवार को है।

नई दिल्ली, विष्णु शर्मा। दिल्ली की तिहाड़ जेल, 1975 में दीवाली के आसपास का वक्त था, वोग पत्रिका ने जिसे दुनिया की दस सबसे खूबसूरत महिलाओं में से एक चुना था, वो महारानी एक दूसरी महारानी के इंतजार में थीं। ये थीं जयपुर की महारानी गायत्री देवी और तिहाड़ जेल की अपनी सेल में उन्हें इंतजार था ग्वालियर घराने की राजमाता विजया राजे सिंधिया का। दो-दो राजघरानों की राजमाताओं को ये दिन दिखाया देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने। इमरजेंसी में सभी बड़े विपक्षी नेताओं के साथ विजया राजे सिंधिया भी गिरफ्तार की गर्ईं, लेकिन विदेशी अखबारों की ज्यादा दिलचस्पी थी महारानी गायत्री देवी की गिरफ्तारी में, जिनकी जयंती आज 23 मई रविवार को है।

loksabha election banner

खुशवंत सिंह ने भी लिखा था, 'इंदिरा गांधी एक ऐसी महिला को कैसे बर्दाश्त कर सकती थीं, जो उनसे ज्यादा खूबसूरत हो और संसद में उनकी बेइज्जती कर चुकी हो'। गायत्री देवी पर कोई राजनीतिक आरोप नहीं लगाए गए थे, बल्कि उनके खिलाफ तो अरसे से इंदिरा गांधी के इनकम टैक्स अफसर जंग छेड़े हुए थे। मूवी 'बादशाहों' में थोड़ा ड्रामेटिक तरीके से इसे दिखाया गया है। न्यूयार्क टाइम्स ने सरकार के हवाले से छापा था कि 17 मिलियन डालर का सोना, हीरे महारानी के खजाने से अब तक मिले हैं, लेकिन महारानी बेपरवाह थीं, कह दिया कि सारा हिसाब पहले ही दिया जा चुका है।

इसी बीच इमरजेंसी लग गई और महारानी मुंबई किसी बीमारी के इलाज के लिए गई थीं, खबर मिली थी कि गिरफ्तारी हो सकती है। वो फिर भी दिल्ली आ गईं। मानसून सत्र में भाग लेने के लिए लोकसभा भी गईं, विपक्ष बिलकुल नदारद था। शाम को घर पर इनकम टैक्स अधिकारी आ पहुंचे, वहीं उनके सौतेले बेटे भवानी सिंह को भी जब उन्होंने गिरफ्तार किया तो तमाम आर्मी के लोग विरोध करने आ पहुंचे क्योंकि उन्हें 1971 के युद्ध में महावीर चक्र मिल चुका था।

इसलिए चिढ़ती थीं इंदिरा गांधी : आखिर इंदिरा गांधी से उनका ऐसा क्या झगड़ा था? दरअसल इंदिरा गांधी और गायत्री देवी एक ही समय में शांति निकेतन में पढ़ी थीं, सो पहचान थी। कूचबिहार के महाराजा की बेटी गायत्री की शादी जयपुर के महाराजा मान सिंह से हुई थी, वो उनकी तीसरी पत्नी थीं, लेकिन सबसे स्टाइलिश, परदा करने से साफ मना कर दिया था। इतनी खूबसूरत कि विदेशी मैगजींस में उनकी चर्चा होती थी। इंदिरा गांधी की आंखों में वो तब खटकीं जब लंदन मे पली-बढ़ीं गायत्री देवी कांग्रेस में शामिल होने के बजाय स्वतंत्र पार्टी की टिकट पर 1962 में लोकसभा चुनाव लड़ीं और 2,46,515 वोट्स में से 1,92,909 वोट्स मिले यानी 78 फीसद। विदेशी अखबारों ने इसे दुनिया की सबसे बड़ी जीत बताया। इतने वोट तो इंदिरा के पिता नेहरू जी को भी नहीं मिले थे। वो हर बार कांग्रेस को चुनावों में हराती थीं, इससे इंदिरा को चिढ़ स्वाभाविक थी। संसद के गलियारों में इंदिरा गांधी पर उनकी टिप्पणियों का जिक्र खुशवंत सिंह ने किया है, इससे इंदिरा को लगने लगा था कि उन्हेंं सबक सिखाना चाहिए। और इमरजेंसी में मौका देखकर गायत्री देवी को तिहाड़ जेल भेज दिया।

तिहाड़ में बीते वो साढ़े पांच माह : गायत्री देवी ने तिहाड़ जेल में जो साढ़े पांच माह बिताए उसके बारे में काफी कुछ लिखा और बताया है, कि कैसे उनके सेल में एक कम्युनिस्ट कार्यकर्ता श्रीलता स्वामीनाथन भी बंद थी, जिन्होंने अपना बेड महारानी को दिया, उनको राजीव गांधी के फार्म हाउस के कामगारों की आवाज उठाने के चलते गिरफ्तार किया गया था। वो चली गईं तो उनकी जगह एक महिला लैला बेगम आई, जिसे पति के साथ काफी हाउस के बाहर नारे लगाने की वजह से जेल भेजा गया था, दो छोटे बच्चों के साथ। उस महिला और उनके बच्चों ने रानी की काफी सेवा की।

चूंकि उन्हें लो ब्लड प्रेशर की समस्या थी, इसलिए उन्हें आमलेट आदि प्रोटीन वाला खाना मिल जाता था। उनके एक तरफ महिलाओं की सेल थी तो दूसरी तरफ राजनीतिक मर्द कैदियों की, महिलाओं की सेल में जहां प्रास्टीट्यूट्स चिल्लाती थीं, वहीं मर्द कैदी अक्सर देशभक्ति गीत गाते थे। ऐसे में रानी ने अपनी आत्मकथा 'ए प्रिंसेज रिमेंबर्स' में लिखा है कि Tihar Jail was like a fish market. Filled with petty thieves and prostitutes screaming. लिखा है कि, एक महिला का प्रसव तो बाथरूम में हो गया था।

इसे भी पढ़ेंः क्या जानवरों से इंसानों में फैला कोरोनावायरस, पशुओं के डॉक्टर ने सच से उठाया पर्दा

 

फिर उनको चार बार दोस्तों के परिवारों से दवाब पड़ा कि राजनीति से संन्यास लें, इमरजेंसी और इंदिरा के 20 सूत्रीय कार्यक्रम को समर्थन देने वाले पत्र पर हस्ताक्षर कर दो तो छूट जाओगी, लेकिन हर बार उन्होंने मना किया। लेकिन पांचवी बार उनकी बहन ने परेशान होकर दवाब बनाया तो उन्हेंं साइन करने पड़े। ऐसे वो जनवरी 1976 में पेरोल पर किसी आपरेशन के बहाने बाहर आ पाईं। हालांकि बताया जाता है कि माउंटबेटन ने भी उनके लिए इंदिरा गांधी से बात की थी। दिलचस्प बात है कि गायत्री देवी की मां का नाम भी इंदिरा देवी था, उनकी प्रेरणाश्रोत थीं।

ये भी पढ़ें- दिल्ली पुलिस ने पहलवान सुशील के सामने लगाई सवालों की लाइन, मांगा हर सवाल का जवाब, पढ़िए क्या-क्या पूछा

ये भी पढ़ें- रेमडेसिविर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के बाद अब ब्लैक फंगस की दवा की भी हो रही कालाबाजारी, दाम सुनकर रह जाएंगे दंग

ये भी पढ़ें- हाई कोर्ट ने कहा ड्रग कंट्रोलर बताए कैसे एक पर्चे पर खरीदे गए 2,628 दवा के पत्ते, गौतम गंभीर की संस्था ने किया भुगतान


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.