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    Kisan Andolan: जानिए राकेश टिकैत कृषि कानून के बाद अब किन दो और मोर्चों पर भी सरकार से लड़ाई की कर रहे तैयारी

    By Vinay Kumar TiwariEdited By:
    Updated: Sun, 26 Sep 2021 10:48 AM (IST)

    Kisan Andolan उत्तर प्रदेश में गन्ने का रेट सवा चार सौ से कम मंजूर नहीं 370 रुपये का वादा साढ़े चार साल पहले अपने घोषणा पत्र में किया था महंगाई और जोड़ ले सरकारकाले कृषि कानूनों के साथ ही गन्ने और बिजली के मुद्दे पर भी मोर्चेबंदी करेगी

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    सरकार तीनों कृषि कानूनों को खत्म कर दें, तब वो अपना धरना खत्म कर देंगे।

    नई दिल्ली, विनय तिवारी। Kisan Andolan: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कृषि कानून के साथ ही अब दो और मोर्चों पर सरकार के खिलाफ मोर्चाबंदी शुरू करने की घोषणा कर दी है। अपने इंटरनेट मीडिया एकाउंट ट्विटर पर उन्होंने कहा कि सरकार ने अभी तक काले कृषि कानून को वापस नहीं लिया है, अब यूनियन कृषि कानून के साथ ही गन्ने और बिजली के मुद्दे पर भी मोर्चेबंदी करेगी। इसी के साथ उन्होंने ये भी ऐलान किया कि उत्तर प्रदेश में गन्ने का रेट सवा चार सौ रुपये से कम मंजूर नहीं किया जाएगा। सरकार ने 370 रुपये का वादा साढ़े चार साल पहले अपने घोषणा पत्र में किया था, अब उसके हिसाब से इसमें महंगाई को और जोड़ ले सरकार। इसके बाद रेट तय करे।

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    किसान नेता राकेश टिकैत पंजाब, यूपी और हरियाणा के किसानों के साथ बीते 10 माह से दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन में प्रमुखता से शामिल हैं, वो यूपी गेट पर बैठे किसानों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। साल 2020 नवंबर में यहां पर किसानों ने टेंट लगा दिए थे वो अब तक नहीं उखड़ सके हैं। सरकार किसानों के संगठनों को बुलाकर कई दौर की बातचीत कर चुकी है मगर किसान संगठन अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को खत्म कर दें, तब वो अपना धरना खत्म कर देंगे। इससे पहले वो अपने घरों को लौटकर जाने वाले नहीं है, भले ही उनको अभी और कितने माह लग जाएं।

    राकेश टिकैत किसानों को अपने साथ जोड़े रहने के लिए प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में भ्रमण भी कर रहे हैं और पंचायतों का आयोजन भी कर रहे हैं जिससे किसान उनके साथ जुड़े रहे। बीते 10 माह से इस आंदोलन का अब तक कोई नतीजा नहीं निकल सका है, ऐसे में किसान भी परेशान है। जिन स्थानों पर बैठकर किसान धरना प्रदर्शन कर रहे हैं उसके आसपास के लोगों को अब परेशानियां बढ़ने लगी है, गांवों के किसान पंचायत करके रास्ता खाली करने की मांग कर रहे हैं। मगर कोई सर्वमान्य हल नहीं निकल सका है। इसी बीच अब टिकैत ने अपनी मांग में दो अन्य चीजों को भी जोड़ दिया है।

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