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    करोलबाग से अगवा डेढ़ साल का बच्चा 48 घंटे में यूपी से बरामद, 45 हजार में बेचने वाले 4 गिरफ्तार

    Updated: Sun, 28 Sep 2025 10:48 PM (IST)

    दिल्ली पुलिस ने करोल बाग से अगवा हुए डेढ़ साल के बच्चे को महोबा उत्तर प्रदेश से बरामद किया। बच्चे को 45 हजार रुपये में बेचा गया था। पुलिस ने खरीदार समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपियों की पहचान हुई। पूछताछ में पता चला कि श्रीवास नामक व्यक्ति को लड़के की चाहत थी इसलिए उसने बच्चे को खरीदा था।

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    करोलबाग से अगवा डेढ़ साल का बच्चा 48 घंटे में यूपी से बरामद, 45 हजार में बेचने वाले 4 गिरफ्तार

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। करोलबाग से अपहृत डेढ़ साल के बच्चे को करोलबाग थाना पुलिस ने 48 घंटे के भीतर उत्तर प्रदेश के महोबा से बरामद कर लिया है। बच्चे का अपहरण कर उसे महोबा में एक व्यक्ति को 45 हजार में बेच दिया गया था। इस मामले में पुलिस ने खरीदार सहित चार आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही, वारदात में शामिल एक किशोर को भी पुलिस ने पकड़ लिया है। जांच में 100 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों की जांच की गई, जिसके बाद पुलिस को सुराग मिला था।

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    डीसीपी मध्य जिला निधिन वाल्सन के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए आरोपितों के नाम अनंत उर्फ साहिल (काली बाड़ी मार्ग, नई दिल्ली), राजू उर्फ ऋषि (डा. बिशंबर दास लाइन, नई दिल्ली), साहिल कुमार (गोल मार्केट, नई दिल्ली) व फूलन श्रीवास उर्फ संतोष (महोबा, यूपी, खरीदार) है। 17 साल का किशोर काली बाड़ी मार्ग, नई दिल्ली का रहने वाला है। इनके कब्जे से अपहरण में प्रयुक्त एक टीवीएस एनटार्क स्कूटी, बच्चे को ले जाने में प्रयुक्त एक निसान मैग्नाइट कार, बच्चे को बेचने के बाद प्राप्त राशि का एक हिस्सा 5,500 नकद बरामद किया गया है।

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    24 सितंबर को करोल बाग थाना पुलिस को एक बच्चे के अपहरण की सूचना मिली थी। राजस्थान के रहने वाले मुकेश ने शिकायत में बताया कि वह और उसका परिवार डीबीजी रोड, खान पार्क में लगे एक मेले में हस्तशिल्प की वस्तुएं बेचने दिल्ली आए थे। मेले के बाद, परिवार गंगा राम अस्पताल रेड लाइट के पास, पूसा रोड पर फुटपाथ पर सोता था। 24 सितंबर की सुबह जब जब वह उठा, तो उसने पाया कि उसका बेटा गायब था। पुलिस ने केस दर्ज कर तुरंत जांच शुरू कर दी।

    मामले की गंभीरता को देखते हुए एडिशनल डीसीपी ऋषि कुमार व एसीपी आशीष कुमार के नेतृत्व में पुलिस की कई टीमें गठित की गई। पुलिस टीमों ने 100 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों की जांच कर आरोपितों के बारे मेें पता लगाया। सुबह लगभग चार बजे, पूसा रोड पर एक स्कूटी (छिपी हुई नंबर प्लेट वाली) पर दो व्यक्ति देखे गए। राजेंद्र नगर, डीबीजी रोड, प्रसाद नगर, कनाट प्लेस, मंदिर मार्ग और पहाड़गंज होते हुए उनका पीछा किया गया।

    बाद में स्कूटी संसद मार्ग स्थित आरएमएल अस्पताल के पास खड़ी एक सफ़ेद कार के पास देखी गई। संदिग्धों ने अपहृत बच्चे को कार में बिठाया और भाग गए। संसद मार्ग, कनाट प्लेस और एक पेट्रोल पंप के सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि कार सोनी लाल, निवासी काली बाड़ी लेन, नई दिल्ली के नाम से पंजीकृत है। इसके बाद काली बाड़ी लेन से चार आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया।

    पूछताछ में उन्होंने बताया कि बच्चे को महोबा, उत्तर प्रदेश में श्रीवास नाम के एक व्यक्ति को बेच दिया गया। इनकी निशानदेही पर अपहृत बच्चे को महोबा से बरामद कर लिया गया और बच्चे के खरीदार को भी गिरफ्तार कर लिया गया।

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    पूछताछ में राजू ने बताया कि उसकी मुलाकात श्रीवास से महोबा में हुई थी। श्रीवास की दो बेटियां है और वह एक लड़का चाहता था। इसके लिए उसने किसी भी तरह से लड़का हासिल करने के लिए एक लाख की पेशकश की थी।

    इस आश्वासन पर आरोपित ने अपने साथियों अनंत उर्फ साहिल, साहिल कुमार और एक किशोर के साथ मिलकर एक बच्चे का अपहरण करने की साजिश रची। बच्चे का अपहरण पूसा रोड, करोल बाग से किया गया और फिर उसे महोबा, उत्तर प्रदेश में श्रीवास को 45 हजार में बेच दिया गया। श्रीवास अपहृत बच्चे को बेटे की तरह रखना चाहता था।

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