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    मंत्रालय में नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी, सरकारी इमारतों में करते थे मीटिंग, दिए ज्वाइनिंग लेटर और पहचान पत्र

    Updated: Thu, 14 Aug 2025 04:23 PM (IST)

    दिल्ली में नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। कौशल किशोर श्रीवास्तव और अरुण कुमार यादव ने बाप-बेटी से सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर 10.45 लाख रुपये ठगे। आरोपियों ने फर्जी ज्वाइनिंग लेटर और पहचान पत्र भी दिए। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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    बाप-बेटी से सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर 10.45 लाख रुपये ठग लिए।

    जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। आयकर विभाग और गृह मंत्रालय में नौकरी लगाने के नाम पर ठगी करने वाले दो आरोपितों को सुभाष प्लेस थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। जिन्होंने बाप-बेटी से सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर 10.45 लाख रुपये ठग लिए। पुलिस ने आरोपितों के पास से फर्जी ज्वाइनिंग लेटर, कन्फर्मेशन लेटर, फर्जी आईडी कार्ड और दो मोबाइल फोन बरामद किए हैं। आरोपितों की पहचान कौशल किशोर श्रीवास्तव और अरुण कुमार यादव के रूप में हुई है।

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    लोअर डिवीजन क्लर्क के लिए मांगे 5 लाख

    उत्तरी-पश्चिमी जिला पुलिस उपायुक्त भीष्म सिंह ने बताया कि 12 अगस्त को थाना सुभाष प्लेस में पहुंचे शिकायतकर्ता जितेन्द्र राय ने बताया कि वह रानी बाग में रहते हैं। जो शकूरपुर एम-ब्लाक में फोटोकाॅपी व स्टेशनरी की दुकान चलाते हैं।

    उन्होंने बताया कि दिसंबर 2024 में आरोपित कौशल किशोर श्रीवास्तव और अरुण कुमार यादव उनकी दुकान पर आए। बातचीत के दौरान खुद को उच्च स्तर पर संपर्क रखने वाला बताया। शुरु में उन्होंने उनकी बेटी हीमा कुमारी को आयकर विभाग में लोअर डिवीजन क्लर्क के पद पर नियुक्त करने के लिए पांच लाख रुपये लिए।

    राजनीतिक दल के मुख्यालय की कैंटीन ले गए

    आरोपितों ने बताया कि यह रकम मंत्रालय में जमा करेगा। वहीं, जितेंद्र को गृह मंत्रालय में माली की नौकरी लगाने के लिए दो लाख रुपये लिए। इस बीच आरोपितों ने विश्वास जितने के लिए पीड़िता हीमा कुमारी को एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल के मुख्यालय ले जाकर कैंटीन में बैठाया। ताकि ऐसा लगे कि उनके पास प्रभावशाली स्थानों तक पहुंच है। फिर बाद में एक लाख 45 हजार रुपये और ले लिए।

    योजना बनाकर किया गुमराह

    वहीं, आरोपितों ने पीड़ितों के मूल शैक्षणिक दस्तावेज लेकर गृह मंत्रालय और आयकर विभाग द्वारा जारी कथित नियुक्ति पत्र, ज्वाइनिंग लेटर और पहचान पत्र तैयार किए। वहीं, हीमा को आरोपितों ने आयकर विभाग में दो दिन के लिए नौकरी पर भी भेज दिया, ताकि उन्हें लगे कि उनकी नौकरी लग गई है।

    आरोपितों के लिए टीम बनाई

    बाद में हीमा को पता चला कि सभी दस्तावेज फर्जी और नकली थे। जितेंद्र राय की शिकायत पर थाना सुभाष प्लेस में उपरोक्त धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई। थाना प्रभारी राज कुमार सिंह के नेतृत्व में आरोपितों को पकड़ने के लिए टीम बनाई गई।

    जांच के दौरान दोनोें आरोपितों को 13 अगस्त को गिरफ्तार कर लिया गया। लगातार पूछताछ के दौरान आरोपितों ने बताया कि वे पिछले कई महीनों से बेरोजगार युवाओं और जरूरतमंद परिवारों को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठग रहे थे।

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    खुद को बताते थे सरकारी विभागों में 'खास'

    आरोपी खुद को सरकारी विभागों में मजबूत संपर्क वाला प्रभावशाली व्यक्ति बताते थे। वे नकली पहचान पत्र, फर्जी नियुक्ति पत्र और मनगढ़ंत दस्तावेज दिखाकर पीड़ितों को भरोसा दिलाते थे। पीड़ितों से मुलाकात सरकारी भवनों या सार्वजनिक स्थलों पर करते थे।

    अग्रिम भुगतान प्रोसेसिंग फीस या सिक्योरिटी डिपाजिट के रूप में लिया जाता था। रुपये लेने के बाद पीड़ितों से संपर्क तोड़ देते थे।

    जांच में पता चला कि कौशल किशोर श्रीवास्तव और अरूण कुमार यादव दोनों ही शकूरपुर काॅलोनी के रहने वाले हैं। जिनका पूर्व में कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं है। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आरोपितों ने और कितने लोगों के साथ ठगी की है।

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