दिल्ली में फ्लॉप रही जिग्नेश की रैली, समर्थकों ने महिला पत्रकार से की अभद्रता
रैली के बाद एक टीवी चैनल की महिला पत्रकार को जिग्नेश समर्थकों ने घेर लिया। बड़ी मशक्कत के बाद दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी उन्हें भीड़ से बचाकर ले गए।
नई दिल्ली [जेएनएन]। गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी की मंगलवार को संसद मार्ग पर आयोजित युवा हुंकार रैली असफल रही। वहां उम्मीद से काफी कम लोग पहुंचे। यही नहीं पुलिस की अनुमति के बिना आयोजित इस रैली में जिग्नेश के बोलने से पहले ही आधे से अधिक लोग कुर्सियां छोड़कर चलते बने। रैली भीम आर्मी के प्रमुख व दलित नेता चंद्रशेखर उर्फ रावण को जेल से रिहा करने की मांग को लेकर आयोजित की गई थी।
जिग्नेश समर्थकों ने महिला पत्रकार को घेरा
रैली के बाद एक टीवी चैनल की महिला पत्रकार को जिग्नेश समर्थकों ने घेर लिया। इसी चैनल का मजाक जिग्नेश ने भाषण शुरू करने से पहले किया था। रैली समाप्त होने के बाद महिला पत्रकार भीड़ में अकेली खड़ी नजर आ रही थीं। बड़ी मशक्कत के बाद दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी उन्हें भीड़ से बचाकर ले गए।
किए जा रहे हैं फर्जी मुकदमे दर्ज
दोपहर एक बजे शुरू हुई रैली में वक्ताओं की लंबी कतार के बाद साढ़े चार बजे जिग्नेश ने लोगों को संबोधित किया। जिग्नेश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मनुस्मृति और संविधान में से किसी एक को चुनना होगा। चंद्रशेखर की रिहाई, रोहित वेमुला की हत्या, नजीब अहमद के लापता होने और विदेशी बैंकों में जमा पैसे का जवाब गुजरात विधानसभा में भी मांगेंगे। पिछले चार साल में सैकड़ों लोगों पर मामले दर्ज हुए हैं। लव जिहाद, घर वापसी और गाय के नाम पर राजनीति हो रही है। किसानों की आत्महत्या, रोटी, कपड़ा और मकान के मामले पर कोई चर्चा नहीं है। लोकतंत्र पर खतरा मंडरा रहा है और हमारे ऊपर फर्जी मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं।
टीवी एंकर की एक्टिंग कर उठाए सवाल
जिग्नेश ने मीडिया पर तंज कसते हुए एक टीवी एंकर की एक्टिंग कर उन पर सवाल उठाए। वडगाम से विधायक जिग्नेश पहली बार दिल्ली में युवा हुंकार रैली के माध्यम से दम भरने के लिए पहुंचे थे। रैली चंद्रशेखर को रिहा करने की मांग को लेकर आयोजित की गई थी, लेकिन जिग्नेश के निशाने पर केंद्र सरकार थी।
विद्यार्थी और शिक्षक पहुंचे
रैली में कई विश्वविद्यालयों के विद्यार्थी और शिक्षक भी पहुंचे थे। स्वराज इंडिया के वरिष्ठ नेता प्रशांत भूषण, जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार, मोहित पांडेय, जेएनयू छात्रसंघ की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला राशिद, असम के युवा किसान नेता अखिल गोगोई, स्वामी अग्निवेश समेत कई लोगों ने अपने विचार रखे।
विरोध में लगे पोस्टर
गौरतलब है कि जिग्नेश संविधान निर्माता बाबासाहेब अंबेडकर और पेरियार के विचारों को लेकर सवाल खड़े कर चुके हैं। पुणे के भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा और उसके बाद हुए बवाल को लेकर जिग्नेश मेवाणी पर भड़काऊ भाषण देने का केस दर्ज किया गया है। दिल्ली की सड़कों पर जिग्नेश के खिलाफ कुछ पोस्टर भी लगे, जिसमें उन्हें 'भगोड़ा' करार दिया गया है। ये पोस्टर दिल्ली में उनकी रैली से पहले संसद मार्ग में लगाए गए।
सब कुछ करेंगे, डिबेट नहीं करेंगे
एक पोस्टर में उन्हें 'भगोड़ा' लिखा गया है और कहा गया है कि उनके सांठगांठ नक्सलियों से हैं, जिनका काम भड़काऊ भाषण देना और जातीय हिंसा फैलाना है। एक अन्य पोस्टर में लिखा गया है, 'सब कुछ करेंगे, लेकिन डिबेट नहीं करेंगे।'
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