Air Pollution: बढ़ रहा प्रदूषण मगर घट रहे चालान, आखिर कैसे स्वच्छ होगी दिल्ली की हवा
दिल्ली में प्रदूषण की मार लगातार जारी है। इसे लेकर कई बार पड़ोसी राज्यों से भी दिल्ली सरकार की ठन चुकी है। कारण दूसरे राज्यों से दिल्ली में आने वाला प्रदूषण रहा है।दिल्ली सरकार आरोप लगाती रही है कि पड़ोसी राज्यों से पराली जलाने से आने हवा खराब होती है।
नई दिल्ली [वी के शुक्ला]। दिल्ली में प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है, मगर प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के चालान घट रहे हैं। परिवहन विभाग के 2016-2017 की तुलना में 2020 में प्रदूषण के मामलों में चालान काटने के आकड़ों में भारी गिरावट आई है। 2016 में जहां 46 हजार से अधिक काटे गए थे चालान, वहीं 2020 में 12 हजार चालान काटे गए। इसके पीछे के कारण जो भी रहे हो मगर यह साफ है कि चालान काटने के मामले में कमी आई है। हालांकि, परिवहन विभाग का कहना है कोरोना को लेकर लगाए गए लाकडाउन के चलते चालान की संख्या में कमी आई है।
दिल्ली में प्रदूषण की मार लगातार जारी है। इसे लेकर कई बार पड़ोसी राज्यों से भी दिल्ली सरकार की ठन चुकी है। कारण दूसरे राज्यों से दिल्ली में आने वाला प्रदूषण रहा है। दिल्ली सरकार आरोप लगाती रही है कि पड़ोसी राज्यों से पराली जलाने से आने वाले प्रदूषण से दिल्ली की हवा खराब होती है। कोरोना काल में इसके घातक परिणाम दिल्ली देख चुकी है। जब दिल्ली सरकार ने आरोप लगाया कि पराली के आने वाले प्रदूषण से कोरोना और घातक हो गया।
तमाम लोगों की जान चली गई। बावजूद इसके वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर अधिक ध्यान नहीं दिया गया है। परिवहन विभाग लगातार ऐसे वाहनों के चालान काटता है जिनके पास प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसीसी) नहीं है या जो वाहन धुआं छोड़ते हैं। चालान कम काटा जाना सवाल खड़े करता है।
आंकड़ों पर नजर डालें तो 2016 में पीयूसीसी यानी बगैर प्रदूषण वाले वाहनों के 20206 हजार चालान काटे गए। जबकि इसी साल धुआं छोड़ने वाले वाहनों के 26685 चालान काटे गए। अभी तक 2018 में सबसे अधिक 33070 चालान बगैर पीयूसीसी के काटे गए तो इस साल 65225 चालान धुआं छोछ़ने वाले वाहनों के हो हुए। मगर 2020 में बगैर पीयूसीसी वाले घट कर 12101 और धुआं छोड़ने वाले वाहनों के कुल 355 चालान काटे गए।
किस साल कितने काटे गए चालन बगैर पीयूसीसी धुआं छोड़ने पर
- एक अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2017 20206 26685
- एक अप्रैल 2017 से 31 मार्च 2018 28156 45310
- एक अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2019 33070 65225
- एक अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2020 27183 26668
- एक अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 12101 355