Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Hindi Diwas 2022: दिल को छू लेने वाले हिंदी के वो 5 उपन्यास, जिन्हें पढ़कर आज भी रो पड़ते हैं पाठक

    By Abhishek TiwariEdited By:
    Updated: Wed, 14 Sep 2022 11:47 AM (IST)

    Hindi Diwas 2022 हिंदी भाषा के कई ऐसे उपन्यास हैं जिन्हें पाठकों ने खूब सराहा। आइए आज 14 सितंबर को हिंदी दिवस के मौके पर पाठकों का दिल छू लेने वाले कुछ प्रसिद्ध उपन्यासों के बारे में जानते हैं।

    Hero Image
    Hindi Diwas 2022: दिल को छू लेने वाले हिंदी के 5 उपन्यास

    नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। भाषा के लिहाज से हिंदी के महत्व को प्रदर्शित करने के लिए हर साल आज यानी 14 सितंबर के दिन पूरे देश में हिंदी दिवस (Hindi Diwas 2022) मनाया जाता है। भारत में कई भाषाएं बोली जाती हैं, लेकिन हिंदी देश के सबसे ज्यादा राज्यों में बोली जाने वाली भाषा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बता दें कि आजादी के बाद संविधान सभा ने 14 सितंबर, 1949 को हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया था। तभी से हिंदी दिवस मनाया जाता है। हिंदी सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पड़ोसी देश नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका समेत कई देशों में व्यापक रूप से बोली जाती है।

    हिंदी दिवस के खास मौके पर हम आपको हिंदी के उन प्रसिद्ध उपन्यासों के बारे में बताते हैं जिन्हें पढ़कर आज भी लोगों की आंखों में आंसू आ जाते हैं। कई लेखकों ने हिंदी में ऐसे उम्दा उपन्यास लिखे हैं, जो दशकों बीत जाने के बाद भी लोगों के जेहन में बसे हुए हैं। इन उपन्यासों के एक-एक चरित्र लोगों को याद हैं।

    ऐसा कहा जाता है कि एक दौर था जब शरतचंद्र चट्टोपाध्याय का उपन्यास 'चरित्रहीन' पढ़कर छात्राएं रोती थी... आंसू पोंछने के बाद फिर पढ़ती थी और फिर रोती थीं। धर्मवीर भारती का उपन्यास 'गुनाहों का देवता' हो या फिर जैनेंद्र का 'त्याग पत्र', पाठक के मानस पटल पर आज भी इनके चरित्र छाए हुए हैं।

    1- गुनाहों का देवता

    ये उपन्यास धर्मवीर भारती द्वारा लिखा गया एक रोमांटिक लव स्टोरी है। इस उपन्यास की कहानी बेहद रोमांचक है। अगर आप इस उपन्यास को पढ़ने बैठते हैं तो आप इसे पूरा खत्म किए बिना नहीं उठना चाहेंगे। हर एक पेज पढ़ने के बाद आपकी रोचकता बढ़ती जाती है। उपन्यास को पढ़ने के दौरान आप कथानक के प्रमुख पात्रों से भावात्मक जुड़ाव महसूस करेंगे।

    2- चरित्रहीन

    'चरित्रहीन' शरत्चन्द्र चट्टोपाध्याय का बेहद प्रसिद्ध उपन्यास है। बता दें कि शरतचंद्र के कई उपन्यासों पर हिन्दी फिल्में बनी हैं। 1974 में उनके उपन्यास चरित्रहीन पर आधारित इसी नाम से एक फिल्म बनी थी। शरतचंद्र ने जब यह उपन्यास लिखा था तब उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा था। ऐसा इसलिए हुआ था क्योंकि इस उपन्यास में उस वक्त की मान्यताओं व परम्पराओं को चुनौती दी गयी थी।

    Hindi Diwas 2022: एक मुस्लिम ने लिखी थी हिंदी की पहली कहानी, रोचक है इसका इतिहास

    3- त्याग पत्र

    जैनेंद्र कुमार के इस उपन्यास में अनमेल विवाह के दुष्परिणाम की कहानी बताई गई है। उपन्यास की कथा बेहद मार्मिक और अत्यंत प्रभावशाली है। उपन्यास की प्रमुख पात्र मृणाल नामक भाग्यहीन युवती है। उपन्यास की नायिका मृणाल के पति को उसके पूर्व प्रेम के बारे में पता चल जाता है जिसके बाद वह उसे घर से निकाल देता है।

    4- निर्मला

    'निर्मला' उपन्यास मुंशी प्रेमचन्द्र द्वारा लिखा गया है। इसमें दहेज प्रथा और अनमोल विवाह को लेकर भारतीय इतिहास और वर्तनाम की झलक देखने को मिलती है। इस उपन्यास की कहानी बेहद मार्मिक है जिसे पढ़कर पाठक भावुक हो जाते हैं। उपन्यास की कथा का मुख्य केंद्र और मुख्य पात्र 'निर्मला' नाम की 15 वर्षीय सुंदर लड़की है, जिसका का विवाह एक अधेड़ उम्र के व्यक्ति से कर दिया जाता है।

    5- शेखर एक जीवनी

    यह महज एक उपन्यास नहीं है और न ही कथानायक शेखर की जीवनी का लेखा-जोखा है बल्कि इसमें स्नेह और वेदना का जीवन-दर्शन भी मिलता है। सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ ने अपने इस उपन्यास के माध्यम से अपने जीवन के अनुभवों को बखूबी बयां किया है। इस कथानक का प्रमुख पात्र शेखर एक आदर्शवादी सिद्धान्तप्रिय युवक है, जिसे पराधीनता स्वीकार नहीं, जो अपने तर्कों से समाज को बदलना चाहता है।

    ये भी पढ़ें-

    Hindi Diwas 2022: हिंदी के वो 10 उपन्यास, जिन्होंने देश-विदेश के करोड़ों पाठकों के दिलों पर छोड़ी छाप

    Hindi Diwas 2022: क्या आपने भी पढ़ी है हिंदी की वह अमर प्रेम कहानी, अंत है इतना मार्मिक कि रो पड़ते हैं पाठक